गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन का सर्वे शुरू
मेरठ से प्रयागराज को जोड़ने वाले मुख्यमंत्री योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन का सर्वे शुरू हो गया है।
By JagranEdited By: Updated: Thu, 10 Dec 2020 07:40 PM (IST)
मेरठ, जेएनएन। मेरठ से प्रयागराज को जोड़ने वाले मुख्यमंत्री योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन का सर्वे शुरू हो गया है। बिजौली से यूपीडा और राजस्व विभाग की टीम ने जमीन का सर्वे करना आरंभ किया। माना जा रहा है कि जल्द ही जमीन का अधिग्रहण भी शुरू हो जाएगा।
गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण को लेकर खरखौदा क्षेत्र में काफी जद्दोजहद रही। लेकिन शासन ने बिजौली से प्रयागराज तक निर्माण कराने को लेकर हरी झंडी दे दी। सूत्रों की मानें तो जमीन अधिग्रहण के लिए जल्द ही मुआवजा घोषित करके निर्माण कार्य तेजी से किया जाएगा। संभावित लागत करीब 36 करोड़ बिजौली से लेकर प्रयागराज तक गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण को लेकर संभावित लागत करीब 36 करोड़ है। उधर, एक्सप्रेस-वे गांव से शुरू होने और जमीन अधिग्रहण के मुआवजे को लेकर बिजौली के ग्रामीणों में खुशी का माहौल है।
मध्य गंग नहर के नीचे ब्लाक के समीप हो रहा अवैध मिट्टी का खनन : मवाना के क्षेत्रों में मिट्टी का खनन नहीं रूक रहा है। मध्य गंग नहर के नीचे ब्लाक के समीप मिट्टी का खनन माफिया धड़ल्ले से कर रहे है। आय दिन मिट्टी लदी ट्रैक्टर-ट्रालियां सड़कों पर दौड़ती नजर आती हैं। प्रतिबंध के बावजूद नगर व क्षेत्र में मिट्टी का खनन बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। पुलिस प्रशासन की उदासीनता के चलते अवैध मिट्टी के खनन का कारोबार बढ़ता ही जा रहा है। इस बारे में लोगों ने अधिकारियों से शिकायतें भी की हैं, लेकिन इन माफियाओं पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। खनन माफिया मध्य गंग नहर पटरी के पास तथा मवाना ब्लाक के समीप जंगल में खेतों से मिट्टी का खनन कर रहे हैं। रात हो या दिन मिट्टी भरी ट्रैक्टर-ट्रालियां सड़कों पर दौड़ती नजर आती हैं। कार्रवाई नहीं होने से माफियाओं के हौंसले बुलंद हो गए है। सूत्रों की माने तो इन माफियाओं को चंद नेताओं का संरक्षण है। इसलिए पुलिस भी मिट्टी के अवैध खनन पर अंकुश नहीं लगा पा रही है। हालांकि, तीन माह पहले सूचना पर मकदूमपुर रोड पर राजस्व टीम नायब तहसीलदार उदयवीर सिंह की अगुवाई में मिट्टी खनन होते पकड़ा था। इस दौरान टीम पर माफियाओं ने हमला कर दिया था। इस मामले में करीब पांच लोगों पर रिपोर्ट दर्ज हुई थी। जिसमें में अभी तक चार आरोपित जेल जा चुके हैं।
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