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Teachers Day 2022: मेरठ की 'टीम वंडरफुल यू' ने पांच हजार छात्रों को किया मोटीवेट, पुश्तैनी आवास को ही एकेडमी बदला

Teachers Day 2022 शिक्षक दिवस पर विशेष मेरठ में निजी संसाधनों और ज्ञान से जरूरतमंद छात्रों का संवार रहे भविष्य। सरकारी दायित्वों से इतर व्यक्तिगत रूप से छात्रों की मदद करने के लिए आगे आए शिक्षक। एनएएस में सांख्यकीय विभाग के अध्यक्ष डा. विवेक त्यागी संयोजक हैं।

By Prem Dutt BhattEdited By: Updated: Mon, 05 Sep 2022 09:25 AM (IST)
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Teachers Day 2022 टीम वंडरफुल यू मेरठ में अपने निजी प्रयासों से छात्रों का भविष्‍य संवार रही है।
ओम बाजपेयी, मेरठ। Team Wonderful You शिक्षक दिवस पर जगह जगह ज्ञान की अलग जगाने वालों का नमन करने का दिन है। शहर के कुछ ऐसे शिक्षकों के कार्यकलाप पर नजर डालते हैं जिन्होंने सरकारी और संस्थान के दायित्वों से ऊपर उठ कर छात्रों के कल्याण का बीड़ा उठाया है। नालेज से कहीं अधिक जरूरत बच्चों का उत्साह वर्धन टीम वंडरफुल यू नाम की संस्था छात्रों के लिए कई आयामों पर कार्य कर रही है।

सेवानिवृत्त अधिकारी भी जुड़े

इसके संयोजक एनएएस डिग्री कालेज में सांख्यकीय विभाग के अध्यक्ष डा. विवेक त्यागी हैं। उनके साथ डा. देवेश शर्मा, पंकज राय, और एसपी सिंह जैसे 14 शिक्षा विद और संस्थानों के सेवानिवृत्त अधिकारी इससे जुड़े हैं। संस्था के तहत टीडब्लूआइ एकेडमी संचालित कर रहे हैं। इस एकेडमी के माध्यम से वह निश्शुल्क आनलाइन और भौतिक रूप से वर्कशाप कराते हैं। लाइफ स्किल, टाइम मैनेजमेंट, गोल मैनेजमेंट जैसे विषयों पर तीन से सात-सात दिन की वर्कशाप कराते हैं।

5000 छात्रों को मोटीवेट किया

पिछले पांच सालों से वह यह वर्कशाप के माध्यम से 5000 छात्रों को मोटीवेट कर चुके हैं। इसके लिए शास्त्रीनगर स्थित पुश्तैनी आवास को एकेडमी में बदल दिया है। यहां पर 2000 किताबें हैं। कहते हैं मेरठ और आसपास के छात्रों में ज्ञान की कमी नहीं हैं उनके व्यक्तित्व में कमी नहीं है। इंटरनेट पर नालेज मिल जाएगी पर छात्र और शिक्षक की बांडिंग नहीं। उनके इसी प्रयास से वर्कशाप से मोटीवेशन लेकर कई छात्र अहम पदों पर पहुंच गए हैं। एनएएस के छात्र रहे डा. अशोक कुमार लखनऊ विवि में और डा. दुष्यंत डिगी कालेज में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। छात्रा ऐश्वर्या शर्मा मल्टीनेशनल कंपनी में कार्यरत हैं।

गरीब छात्रों को ऐसा उधार जो मांगा नहीं जाएगा

टीम वंडरफुल यू का दूसरा मुख्य कार्य आर्थिक सहायता का है। इसमें ऐसे आर्थिक रूप से कमजोर पारिवारिक पृष्ठभूमि के छात्र छात्राओं की मदद की जाती है जिनको बीटेक, एमबीए जैसे कोर्सों में दाखिला मिल जाता है। चूंकि इन संस्थानों में फीस की धनराशि अच्छी खासी होती है। इसलिए कई छात्र आर्थिक कारणों से एडमीशन लेने की स्थित में नहीं होते हैं।

यह भी है खास बात

कई कारणों से उन्हें बैंक से लोन भी नहीं मिल पाता। अब वह इस संस्था के माध्यम से 14 छात्रों की मदद कर चुके हैं। खास बात यह है कि वह इन छात्रों की फीस देने के लिए कोई एग्रीमेंट नहीं करते हैं। बताया कि उनका कहना यह होता है कि यह बिना ब्याज का ऐसा उधार है जिसे देना तुम्हारी शर्तों पर है। यह तुमसे मांगा नहीं जाएगा। क्योंकि अगर तुम उधार लौटाओगे तो उससे तुम्हारे जैसे दूसरों छात्रों की मदद हो सकेगी। साथ ही उनसे अपील करते हैं जिस समय तुम ऐसी स्थिति में हो जब तुम दूसरे मदद कर सको तो कर देना।

अपनी बचत से करते हैं छात्रों की मदद

सदर स्थित एसडी इंटर कालेज में चार शिक्षक हर माह अपने वेतन का कुछ अंश छात्रों की मदद के लिए निकालते हैं। जीव विज्ञान के शिक्षक हरेंद्र सिंह चौधरी ने 12 साल पहले अकेले इसकी शुरुआत की थी। अब उनके साथ शिक्षक नरेश, प्रदीप सिंह, गौरव सिंघल भी जुड़ गए हैं। विद्यालय में आने वाले गरीब बच्चों को साइकिल देने और इलाज आदि के रूप में मदद करते हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए पुस्तकें देने और फार्म का शुल्क देने के रूप में भी यह मदद होती है। कोरोना काल में स्कूल आने वाले कई गरीब बच्चों का नियमित रूप से फोन रिचार्ज करने का कार्य किया था। 

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