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गुदड़ी बाजार तिहरा हत्याकांड में 31 जुलाई को आएगा फैसला; तीन युवकों की नृशंस हत्या से 2008 में दहल गया था मेरठ

Meerut Triple Murder Case Update News In Hindi तीन युवकों की लाशें मेरठ−बागपत सीमा पर मिली थीं। जिसके बाद पुलिस ने उनकी शिनाख्त की थी। पुलिस जांच में पता लगा कि तीनों युवकों को एक महिला ने पहले गुदड़ी बाजार बुलाया जहां उनका विवाद हुआ। इसके बाद उनकी बेरहमी से पिटाई की गोलियां मारीं गईं और गले काटे गए। लाशें धाेकर कार से नदी के पास फेंकी गईं।

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Wed, 24 Jul 2024 02:58 PM (IST)
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Meerut News: तिहरे हत्याकांड में सुनवाइ के दौरान लगी वकील और लोगों की भीड़।
जागरण संवाददाता, मेरठ। Meerut News: शहर को हिलाकर रख देने वाले गुदड़ी बाजार में तिहरे हत्याकांड में बुधवार को फैसला नहीं आया। अब इस मामले में कोर्ट ने फैसले की तिथि 31 जुलाई निर्धारित की है।

23 मई 2008 काे बागपत और मेरठ जिले की सीमा पर बालैनी नदी के किनारे तीन युवकों के शव पड़े मिले थे। शव की पहचान मेरठ निवासी सुनील ढाका निवासी जागृति विहार, पुनीत गिरि निवासी परीक्षितगढ़ रोड और सुधीर उज्जवल निवासी गांव सिरसली, बागपत के रूप में हुई थी।

पुलिस की जांच में सामने आया कि 22 मई की रात तीनों का कोतवाली के गुदड़ी बाजार में हाजी इजलाल कुरैशी के साथ झगड़ा हुआ। हाजी इजलाल की दोस्ती शीबा सिरोही से थी। पुलिस की चार्जशीट में बताया गया कि शीबा को इजलाल से तीनों युवकों का मिलना पसंद नहीं था।

गोलियां मारीं, चाकू से गला काटा

तब इजलाल ने तीनों से बात करने के बहाने उनको गुदड़ी बाजार में बुलाया। सुनील ढाका, पुनीति गिरी और सुधीर उज्जवल की इजलाल से वहां पर बहस हो गई। तब इजलाल ने घर के बाहर चबूतरे पर तीनों की पाइपों से पिटाई की गई। मुर्गा बनाया गया। गोलियां मारी। चाकू से गले काट दिए गए। तीनों की आंखें फोड़ दी गईं। तीनों लाशों को पानी से धोकर कार की डिग्गी में रख दिया गया। मेरठ की सीमा से निकलकर बागपत जिले की सीमा में बालैनी नदी किनारे कार से शव फेंक दिया। थाने में दर्ज मुकदमे को कोतवाली में ट्रांसफर किया गया।

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कोतवाली पुलिस पर लगे थे गंभीर आरोप

तिहरे हत्याकांड में कोतवाली पुलिस पर गंभीर आरोप लगे थे। नृशंस हत्याकांड के विरोध में कॉलेज के हजारों युवाओं ने गैर-राजनीतिक संगठन बनाकर 25 मई को मेरठ बंद का एलान किया। पूरे जिले में अभूतपूर्व बंद रहा। जिसके बाद इंस्पेक्टर कोतवाली और सीओ कोतवाली को हटा दिया गया। पूरी विवेचना सदर बाजार थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर डीके बालियान ने की। उन्होंने आरोप पत्र में हाजी इजलाल, उसके भाई अफजाल व परवेज समेत दस आरोपियों को कोर्ट में पेश किया।

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14 आरोपितों पर चार्जशीट की दाखिल

कुल 14 आरोपियों पर चार्जशीट दाखिल हुई है। इनमें हाजी इजलाल कुरैशी, परवेज और अफजाल पुत्रगण स्वर्गीय इकबाल, मेहराज पुत्र मेहताब, इसरार पुत्र रशीद, कल्लू उर्फ कलुआ पुत्र हाजी अमानत, इजहार, मुन्नू ड्राइवर उर्फ देवेंद्र आहूजा पुत्र विजय, वसीम पुत्र नसरुद्दीन, रिजवान पुत्र स्वर्गीय उस्मान बदरुद्दीन पुत्र इलाहीबख्श, शम्मी और माजिद के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल करते हुए हत्याकांड को साबित करने के लिए कुल 37 गवाहों के नाम दिए। शीबा सिरोही को इस मामले में इजलाल को घटना के लिए उकसाने का आरोपी बनाया गया। इस पर शीबा कोर्ट से स्टे ले आई थी।

धाराओं में फांसी तक का प्रावधान

वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल बख्शी ने बताया कि अपराध संख्या 190/08 के तहत धारा 147, 148, 149, 364, 302, 201, 404, 411 और 3/2 गैंगस्टर एक्ट में उम्रकैद से लेकर फांसी तक की सजा का प्रविधान है। 

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