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उगते सूरज को अ‌र्घ्य देकर महिलाओं ने खोला व्रत

दो दिवसीय छठ पूजा महोत्सव के अंतिम दिन मवाना में गुरुवार को व्रती महिला श्रद्धालुओं ने सुबह पौ फटने से पहले जलाशय में खड़े होकर पूजा-अर्चना की और उगते सूरज को अ‌र्घ्य देकर प्रसाद ग्रहण किया। वहीं अ‌र्घ्य देने के उपरांत ही व्रती महिलाओं ने व्रत खोला।

By JagranEdited By: Updated: Thu, 11 Nov 2021 06:26 PM (IST)
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उगते सूरज को अ‌र्घ्य देकर महिलाओं ने खोला व्रत

मेरठ, जेएनएन। दो दिवसीय छठ पूजा महोत्सव के अंतिम दिन मवाना में गुरुवार को व्रती महिला श्रद्धालुओं ने सुबह पौ फटने से पहले जलाशय में खड़े होकर पूजा-अर्चना की और उगते सूरज को अ‌र्घ्य देकर प्रसाद ग्रहण किया। वहीं, अ‌र्घ्य देने के उपरांत ही व्रती महिलाओं ने व्रत खोला।

छठ पूजा हिदुओं में मनाए जाने वाले प्रसिद्ध त्योहारों में से एक है। यह काíतक माह के शुक्ल पक्ष षष्ठी को मनाया जाता है। इस पूजा में छठी माता की आराधना व सूर्य को अ‌र्घ्य देने का बड़ा महत्व है। मवाना शुगर व‌र्क्स के चिल्ड्रन पार्क में चल रहे दो दिवसीय छठ पूजा के अंतिम दिन गुरुवार को प्रात: महिला श्रद्धालुओं ने पौ फटने से पहले सूर्य को अ‌र्घ्य दिया और पूजा अर्चना कर व्रत खोला। श्रद्धालु शिव यतन गुप्ता व अशोक श्रीवास्तव ने बताया कि सूर्योपासना के लिए छठ प्रसिद्ध पर्व है।मूलत: सूर्य षष्ठी व्रत होने के कारण इसे छठ कहा गया है। यह पर्व वर्ष में दो बार मनाया जाता है। पहली बार चेत्र में और दूसरी बार काíतक में। शुक्ल पक्ष षष्ठी पर मनाए जाने वाले छठ पर्व को चैत्री छठ व काíतक शुक्ल पक्ष षष्ठी पर मनाए जाने वाले पर्व को काíतक छठ कहा जाता है। छठ का व्रत पति व संतान की दीर्घायु व पुत्र प्राप्ति एवं पारिवारिक सुख समृद्धि के लिये मनाया जाता है। इस पर्व को स्त्री-पुरुष समान रूप से मनाते हैं। सच्चे मन से इस पर्व को करने से सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है। गुरुवार को छठ पूजा महोत्सव का विशेष पूजा अर्चना के बाद समापन हो गया। इस मौके पर सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद रहे।

उत्साहित युवाओं ने आतिशबाजी भी की

प्रात: छठ पूजा के दौरान पार्क में उल्लास का माहौल था। व्रती महिलाएं जहां गीत काते हुए छठ मैया की पूजा-अर्चना कर रही थीं, वहीं युवा वर्ग आतिशबाजी करके छठ महोत्सव का आनंद ले रहे थे। वहीं कुछ युवाओं ने ढोल की थाप पर नृत्य भी किया।

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