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कूड़े के ढेर पर थी सहारनपुर के सगे भाइयों की जिंदगी, उड़ान के हौसलों से पूरा होगा इंजीनियर बनने का सपना

सहारनपुर के इन भाइयों की जिंदगी अब बदल जाएगी। समाजसेवी संस्था उड़ान ने हाथ थामा तो पढाई कराकर अब नामी इंजीनियरिंग कालेजों में कराया दाखिला दोनों कर रहे कंप्यूटर साइंस में बीटेक। यहीं नहीं इन्‍हें उच्‍च शिक्षा दिलाने की भी तैयारी की जा रही है।

By Prem Dutt BhattEdited By: Updated: Sat, 18 Sep 2021 12:54 PM (IST)
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सहारनपुर में बचपन में कूड़ा बीनकर परिवार पालने में सहयोग करते थे दोनों भाई।
सहारनपुर, जागरण संवाददाता। समाज के लिए कुछ करने का जज्बा तो राह अपने आप बनती चली जाती है। ऐसी ही कहानी है सहारनपुर की संस्था उड़ान की, जो कूड़ा बीनने वाले बच्चों के लिए काम करती है। कूड़े के ढेर में जिंदगी की खुशियां तलाशते कई बच्चों को अपने पैरों पर खड़ा करने के बाद अब उड़ान ने दो बच्चों को इंजीनयरिंग में दाखिला दिलाया है। आने वाले समय में इन दोनों बच्‍चों की जिंदगी बदलने वाली है। पहले तो इनके स्‍वजन तैयार नहीं थे, लेकिन अब उन्‍हें भी इस बार खुशी है कि उनके बच्‍चे लायक बन रह हैं।

सपने सरीखा था

बीटेक में दाखिला इन बच्चों के लिए सपने जैसा है, इन बच्चों के स्वजन यकीन नहीं कर पा रहे हैं कि उनके बेटे नोएडा तथा गुरुग्राम के इंजीनयरिंग कालेज में उच्च शिक्षा हासिल करने गए हुए हैं, लेकिन यह सपना नहीं सच है, और उड़ान के संरक्षक अजय सिंघल के कारण यह संभव हो पाया है। कूड़ा बीनने वाले दोनों बच्चों को नामी इंजीनयिरंग कालेज में प्रवेश दिलाने के बाद अब अजय सिंघल ने दोनों बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए प्रायोजकों का भी प्रबंध किया है। यह प्रायोजक दोनों बच्चों की उच्च शिक्षा का पूरा खर्च उठाएंगे।

सगे भाई हैं दोनों

मनीष का दाखिला ग्रेटर नोएडा के शारदा इंजीनयरिंग कालेज और रोहन का दाखिला गुड़गांव के वर्ल्ड कालेज आफ इंजीनयरिंग में कराया गया है। यह दोनों सगे भाई हैं तथा सहारनपुर की स्लम बस्ती में रहते हैं, इनके पिता हरीश फेरी लगाते हैं, यह दोनों बच्चे बचपन से कूड़ा बीनते थे, इन्हें उड़ान ने वहां से हटवाकर स्कूल में दाखिला दिलाया, उनकी पढाई कराई तथा अब दोनों को इंजीनयरिंग की पढाई के लिए बाहर भेजा है। मनीष और रोहन कहते हैं उन्होंने सपने में नहीं सोचा था कि वह इस जन्म में इंजीनियरिंग की पढाई भी कर पाएंगे। लेकिन उड़ान और अजय सिंघल सर के प्रयासों के कारण सब कुछ हो पा रहा है। वह दोनों बीटेक कंप्यूटर साइंस की पढाई कर रहे हैं।

तैयार नहीं थे स्वजन

अब हालांकि स्वजन बेहद खुश हैं, लेकिन पहले वह इसके लिए तैयार नहीं थे। इनके दोनों बेटे दुकानों में सेल्समैन की नौकरी कर रहे थे। स्वजन इन दोनों की शादी करने की तैयारी में थे, लेकिन उड़ान के प्रयासों के बाद वह तैयाी हो गए।

यह हैं प्रायोजक

इन दोनों बच्चों की पढाई में दस लाख रुपये प्रति छात्र का कुल खर्च आ रहा है। अजय सिंघल ने इसके लिए प्रायोजकों का प्रबंध किया है। अमल गर्ग, मीनाक्षी कपूर, प्रणव अग्रवाल, अमित सिंघल इनकी पढाई का पूरा खर्च उठाएंगे।

इंग्लिश की कोचिंग

यह दोनों युवा हिंदी माध्यम से पढे हैं, इन्हें आगे अंग्रेजी में कोई दिक्कत न आए इसलिए उड़ान इनको अंग्रेजी की निशुल्क कोचिंग दिला रही है।

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