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बुलंदशहर जेल में अब बंदी जिम में बहाते हैं पसीना, जानिए जेल अधीक्षक के प्रयास कैसे लाए रंग

बुलंदशहर जेल में जेल अधीक्षक मिजाजी लाल के नवाचार और सामाजिक संस्थाओं की मदद से जेल में इनडोर जिम का प्रबंध किया है। यहां बंदियों की भीड़ उमड़ती है।जिम में एअर बाइक ट्रेड मिल क्रास ट्रेनर हाइड्रोलिक रोइंग मशीन बॉल्स रस्सा वेट लिफिटिंग बाक्‍सिंग बैग आदि मौजूद हैं।

By Parveen VashishtaEdited By: Updated: Sun, 07 Nov 2021 07:02 AM (IST)
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बुलंदशहर जेल में अब बंदी जिम में बहाते हैं पसीना

बुलंदशहर, राजू मलिक। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है। जेल के बंदी भी इस सच्चाई को स्वीकार कर जिम में पसीना बहा रहे हैं। जेल अधीक्षक की पहल पर सामाजिक संस्थाओं ने हाथ आगे बढ़ाया तो देखते ही देखते इनडोर जिम खोलने का प्रयास फलीभूत हो गया। प्रदेश में यह पहली कारागार है, जहां बंदी जिम में व्यायाम कर रहे हैं।

जेल अधीक्षक ने बनवाया इनडोर जिम

जिला कारागार में करीब ढाई हजार सजायाफ्ता और बंदी रह रहे हैं। चार माह पूर्व सोनभद्र कारागार से यहां स्थानांतरित होकर आए अधीक्षक मिजाजी लाल ने जेल में इनडोर जिम बनवाया लेकिन बजट के अभाव में यह नवाचार खटाई में पड़ गया। इसके बाद उन्होंने सामाजिक संस्थाओं व मुख्यमंत्री आवास और पुलिस लाइंस में जिम खोल चुकी कंपनी फिटनेस वल्र्ड से संपर्क साधा। जहां से इन्हें 11.30 लाख रुपये के जिम उपकरण मिले। जिला कारागार के एक मैदान में टिन शेड डालकर जिम खोला गया। डीजी आंनद कुमार ने दो नवंबर को इसका उद्घाटन किया।

यहां रह रहे जरायमपेशा अब जिम में पसीना बहा रहे हैं। सुबह-शाम एक-एक घंटा जिम में बंदियों की भीड़ उमड़ती है। जिम में एअर बाइक, ट्रेड मिल, क्रास ट्रेनर, हाइड्रोलिक रोइंग मशीन, बॉल्स, रस्सा, वेट लिफिटिंग, बाक्‍सिंग बैग आदि मौजूद हैं।

जिला कारागार में बंदियों का ब्यौरा

कुल बंदी : 2580

अल्प व्यस्क बंदी : 58

महिला बंदी : 92

महिलाओं के साथ बच्चे : 11

जेल अस्पताल में बंदी : 41

बाहर उपचार करा रहे बंदी : 02

मृत्युदंड बंदी : 06

रोबकार बंदी : 05

सिविल बंदी : 0

एनएसए बंदी : 06

अंतरिम जमानत पर रिहा बंदी : 536

पैरोल पर बंदी : 77

इन्‍होंने कहा

सीआइएसएफ ईस्टर्न रेंज का रायफल शूटिंग चैंपियन रह चुका हूं। स्वास्थ्य के प्रति बंदियों को भी जागरूक किया जा रहा है। सराहनीय कार्यों में 2012 में राष्ट्रपति पदक प्राप्त करने के बाद कारागार में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के प्रति रुचि बढ़ी। बंदी गुनाहों से तौबा करेंगे, यह हमारा विश्वास है।

मिजाजी लाल, जेल अधीक्षक।

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