UP News: हल्की सी चीख निकली और फिर दब गई... सुनते ही दौड़े स्वजन; अंदर का नजारा देख कांप गई रूह
मावाना में एक अचानक हुई छत गिरने की घटना ने दो मासूम बच्चों की जान ले ली। कुछ हल्की सी चीख सुनाई दी। स्वजन ने मलबा हटाया। बारिश के दौरान हुई इस घटना ने पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया। इस हृदय विदारक घटना के बारे में विस्तृत जानकारी और पीड़ित परिवार के बारे में जानने के लिए अभी पढ़ें।
जागरण संवाददाता, मवाना। यकींनन यह समय का खेल था। शुक्रवार को लगभग साढ़े तीन बजे थे। मोड़खुर्द में बरसात हो रही थी। सभी कुछ सामान्य था। मशरूफ अपने पिता नसीर और दोनों भाइयों के साथ पास वाले कमरे में था और दूसरे कमरे में पत्नी रुखसार तीनों बच्चों के साथ चारपाई पर सोई हुई थी। कुछ ही पलों में छत का मलबा गिरने की तेज आवाज सुनाई दी और हल्की सी चीख निकली और फिर दब गई। जब मलबा हटा तो मासूम बेटी व एक बेटे की सांसें थमी हुईं थीं।
मशरूफ ने बताया कि कुछ देर पहले सब कुछ ठीक था। वह बच्चों के साथ बातें कर पिता के पास चला गया था। बार-बार बच्चे बरसात के चलते बाहर भाग रहे थे। जिन्हें रुखसार लेकर सो गई, पर ऊपर वाले को कुछ और मंजूर था।
मवाना : घायल रुखसार को पकड़े स्वजन। जागरणअचानक तेज आवाज के साथ कमरे की छत भरभराकर गिर गई। कुछ हल्की सी चीख सुनाई दी। वह स्वजन के साथ दौड़ा और रोते हुए मलबा हटाया। जब वह उन्हें उठाया तो बेटी इनाया और बिलाल की गर्दन झूल गई। हाथों में उठाकर डाक्टर के पास पहुंचे, लेकिन तब तक मौत हो चुकी थी।
मासूमों के शव देख तड़पी घायल मां की ममता
मासूमों के साथ मिट्टी के मलबे में रुखसार भी दबी थी। वह भी कुछ देर के लिए अचेत हो गई। जैसे ही मलबा हटा तो वह बच्चों के लिए तड़प उठी। तीनों बच्चों को कस्बे में चिकित्सक के पास ले गए, लेकिन कुछ देर बाद इयाना व बिलाल को वापस ले आए।
मवाना : मृतक के स्वजन और ग्रामीणों की भीड़ को आर्थिक मदद का भरोसा देते हुए एसडीएम अंकित कुमार। जागरणरुखसार को भी चिकित्सक के लिए ले जाने के लिए प्रयास किया, लेकिन उसने इन्कार कर दिया। दोनों मासूमों के शव कुछ देर में घर आ गए तो वे उन्हें आगोश में लेकर बिलख पड़ीं। उसके घंटों बाद भी वह रोती रही। आखिर काफी प्रयास के बाद स्वजन ने उसे इलाज के लिए अस्पताल भेजा।
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