Meerut: रिश्वत मांगने के आरोप में मेरठ विकास प्राधिकरण के दो अनुचर निलंबित, विभागीय जांच भी शुरू
मामला अवैध निर्माण पर सील लगाने को नोटिस देने व उसके बदले में रिश्वत मांगने का है। मेडा के उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय ने बताया कि जनता दर्शन में लावड़ क्षेत्र से शिकायतें आई थीं। आरोप लगा कि तीन-चार स्थानों पर रिश्वत ली है। इसकी जब पुष्टि करने के लिए पूछताछ की गई तो दोनों अनुचर कोई जवाब नहीं दे सके। इस पर दोनों को तत्काल निलंबित कर दिया गया।
जागरण संवाददाता, मेरठ। रिश्वत मांगने के आरोप में मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) ने अपने दो अनुचरों वेद प्रकाश और सुदेश को निलंबित कर दिया है। दोनों को भ्रष्टाचार निवारण संगठन को सौंप दिया गया है। इसी के साथ ही थाने में तहरीर दी गई है और विभागीय जांच भी सचिव को सौंपी गई है।
मामला अवैध निर्माण पर सील लगाने को नोटिस देने व उसके बदले में रिश्वत मांगने का है। मेडा के उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय ने बताया कि जनता दर्शन में लावड़ क्षेत्र से शिकायतें आई थीं। आरोप लगा कि तीन-चार स्थानों पर रिश्वत ली है। इसकी जब पुष्टि करने के लिए पूछताछ की गई तो दोनों अनुचर कोई जवाब नहीं दे सके। इस पर दोनों को तत्काल निलंबित कर दिया गया। इसके साथ भ्रष्टाचार करने के मामले में भ्रष्टाचार निवारण संगठन की पुलिस को बुलाकर दोनों को सौंप दिया गया। मेडा की ओर से दोनों के खिलाफ तहरीर दी गई है। सचिव चंद्रपाल तिवारी को दोनों के खिलाफ विभागीय जांच सौंपी गई है।
बात न मानने पर लगा देते थे सीलिंग टेप
शिकायतकर्ताओं ने मेडा उपाध्यक्ष को बताया कि दोनों लोग प्रतिदिन बाइक पर क्षेत्र में घूमते थे। पांच हजार रुपये से कम पर नहीं मानते थे। यदि कोई रिश्वत देने से मना करता था तो उसी समय सीलिंग की टेप लगा देते थे। लोगों ने बताया कि दोनों जेब में सीलिंग वाली टेप लेकर घूमते थे।
बर्दाश्त नहीं करेंगे भ्रष्टाचार, शून्य करने का है लक्ष्य: उपाध्यक्ष
मेडा के उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय ने कहा कि मेडा का कोई भी कर्मचारी रिश्वत ले या किसी तरह का भ्रष्टाचार करे, वह स्वीकार नहीं करेंगे। उनका लक्ष्य शून्य भ्रष्टाचार वाला संस्थान बनाने का है इसलिए भ्रष्टाचार करने पर अधिकतम सजा दिलाने का प्रयास करेंगे।