मिशन 2022: भाजपा ने बनाई रणनीति, किसानों को साधने का होमवर्क पूरा करेंगे जिला पंचायत अध्यक्ष
Mission UP 2022 पंचायत अध्यक्ष चुनावों के बाद भाजपा नए लक्ष्य की तरफ बढ़ गई है। पंचायत अध्यक्षों को किसानों को साधने का बड़ा होमवर्क दिया गया है। उन्हें विस चुनावों से पहले नाराज किसान मतदाताओं को साधना होगा।
By Himanshu DwivediEdited By: Updated: Mon, 05 Jul 2021 04:14 PM (IST)
जागरण संवाददाता, मेरठ। पंचायत अध्यक्ष चुनावों के बाद भाजपा नए लक्ष्य की तरफ बढ़ गई है। पंचायत अध्यक्षों को किसानों को साधने का बड़ा होमवर्क दिया गया है। उन्हें विस चुनावों से पहले नाराज किसान मतदाताओं को साधना होगा। आगामी विस चुनावों के लिए पार्टी अपनी सियासी जमीन को नए सिरे से मजबूत कर रही है।
पश्चिमी उप्र की 14 लोकसभा क्षेत्रों में 445 पंचायत सीटें हैं। भाजपा ने सर्वाधिक 99 पर, जबकि सपा को 85 और बसपा को 83 सीटें मिलीं। 129 निर्दलीय उम्मीदवारों को जीत मिली थी। 38 सीटों पर जीत के साथ पश्चिम में रालोद को खोई जमीन मिल गई। सिर्फ दो जिलों में भाजपा नंबर एक पार्टी बन पाई थी। अपेक्षा से कमजोर प्रदर्शन के बाद भाजपा में मंथन तेज हुआ। पता चला कि दिसंबर 2020 से चल रहे किसान आंदोलन की वजह से ग्रामीण वोटर भाजपा से दूर हुए हैं।दिग्गजों ने वेस्ट यूपी को मथा : प्रदेश महामंत्री सुनील बंसल ने मेरठ के क्षेत्रीय कार्यालय में आयोजित बैठक में माना था कि पंचायत सदस्यों के टिकटों के बंटवारे में भी चूक हुई। इस बीच सीएम योगी, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव, संगठन महामंत्री सुनील बंसल और प्रदेश प्रभारी राधा मोहन ने क्षेत्रीय कार्यालय में बैठक कर किसान आंदोलन से हुए सियासी नुकसान का आकलन किया।
अध्यक्ष बनाने में भाजपा में झोंकी पूरी ताकत : प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने किसान आंदोलन के असर को भांपने के लिए दो बार पश्चिम उप्र का दौरा किया। उन्होंने सभी जिलों में अपने पंचायत अध्यक्ष बनाकर ग्रामीण वोटरों तक पहुंचने का रोडमैप बनाया। क्षेत्रीय अध्यक्ष मोहित बेनीवाल ने चुनावों में हुई चूक पर मंथन किया और पंचायत अध्यक्ष बनाने की रणनीति पर तेजी से काम किया।
उन्होंने सहारनपुर से मुरादाबाद तक सक्रियता बढ़ाकर जीत की नींव रखा। पश्चिम उप्र की राजनीतिक और सामाजिक नब्ज को बखूबी समझने वाले प्रदेश सह-संगठन मंत्री कर्मवीर ने कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों से सहज व्यवहार और संवाद रखा, जिसका सकारात्मक असर पड़ा। आखिरकार 14 में से 13 में जीत हासिल कर भाजपा ने न सिर्फ रिकार्ड बनाया, बल्कि खोया आत्मबल भी पा लिया।
अध्यक्ष बनाएंगे वोटरों से कनेक्ट
शनिवार को क्षेत्रीय कार्यालय में पश्चिमी उप्र के नव निर्वाचित पंचायत अध्यक्ष पहुंचे, जिन्हें किसान वोटरों के बीच पकड़ बनाने का होमवर्क दिया गया। उन्हें किसानों के बीच पहुंचकर कृषि बिल की खूबियां बताने के साथ ही केंद्र एवं राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को भी लोगों तक पहुंचाएंगे। पश्चिमी उप्र भारतीय किसान यूनियन और रालोद का गढ़ है, जहां किसान नेता राकेश टिकैत, जयंत चौधरी और अखिलेश यादव भाजपा की कड़ी घेरेबंदी करेंगे।
भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष मोहित बेनीवाल ने कहा- पंचायत अध्यक्ष चुनाव परिणाम से साफ है कि लोगों को मोदी-योगी सरकार की नीतियों पर गहरा भरोसा है। कृषि बिल में किसानों का हित निहित है। पंचायत अध्यक्ष ग्रामीणों से सीधे संपर्क में रहकर योजनाओं का लाभ अतिम व्यक्ति तक पहुंचाएंगे। 2022 विस चुनावों में भी भाजपा बड़ी जीत हासिल करेगी।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।