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UP Heatwave: बम की तरह फट सकते हैं उपकरण; गर्मी में बरते सावधानी; इन बातों का ध्यान रखना जरूरी

इन दिनों मुख्य रूप से शार्ट सर्किट से आग की घटनाएं हो रही हैं। ऐसे में अस्पताल पहुंचने से पहले आग से झुलसने और धुएं में फंसने पर कुछ उपाय करके जीवन की सुरक्षा की जा सकती है। इसके अलावा शार्ट सर्किट के साथ मुख्य रूप से एसी में आग लगने व फटने की घटना से बचाव के लिए विशेषज्ञ लगातार सुझाव दे रहे हैं।

By dileep patel Edited By: Aysha Sheikh Published: Sat, 01 Jun 2024 02:58 PM (IST)Updated: Sat, 01 Jun 2024 02:58 PM (IST)
UP Heatwave: बम की तरह फट सकते हैं उपकरण; गर्मी में बरते सावधानी; इन बातों का ध्यान रखना जरूरी

जागरण संवाददाता, मेरठ। शार्ट सर्किट व अन्य कारणों से इन दिनों मुख्य रूप से शार्ट सर्किट से आग की घटनाएं हो रही हैं। ऐसे में अस्पताल पहुंचने से पहले आग से झुलसने और धुएं में फंसने पर कुछ उपाय करके जीवन की सुरक्षा की जा सकती है। इसके अलावा शार्ट सर्किट के साथ मुख्य रूप से एसी में आग लगने व फटने की घटना से बचाव के लिए विशेषज्ञ लगातार सुझाव दे रहे हैं।

धुएं में फंसने पर ऐसे करें बचाव 

  • यदि धुएं में फंस गए हैं तो सबसे पहले उस स्थान से बाहर निकलना है। नजदीकी दरवाजा, खिड़की देख लें।
  • जमीन पर लेटकर रेंगते हुए बाहर निकलें। गीला कपड़ा सिर, नाक और चेहरे पर बांध लें।
  • धुएं में कार्बन मोनो आक्साइड, कार्बन डाइ आक्साइड फेफड़े में अधिक पहुंच जाती है। इससे बेहोशी आ जाती है।
  • धुएं से निकलने के बाद यदि सांस लेने में दिक्कत हो रही है तो तुरंत विशेषज्ञ चिकित्सक के पास जाएं। सांस नली में सूजन हो सकती है।

आग में झुलसने पर ऐसे दें प्राथमिक उपचार

  • आग में झुलसने पर जले हुए हिस्से को सबसे पहले ठंडा पानी डालकर ठंडा करें।
  • जली हुई त्वचा पर मेंहदी, टूथपेस्ट या क्रीम न लगाएं। केवल ठंडा पानी डालना है। बर्फ का उपयोग न करें।
  • आग से झुलसने पर सूती कपड़ा या कंबल शरीर पर लपेंटे। चिपकने वाले कपड़े न लपेटें। पहने हैं तो उतार दें।
  • झुलसने वाले व्यक्ति में आक्सीजन की कमी हो जाती है। इसलिए बिना देरी करेें अस्पताल ले जाएं।
  • बच्चा 10 प्रतिशत और व्यस्क 25 प्रतिशत जला हो तो उसे तत्काल नजदीकी अस्पताल में भर्ती करें।
  • झुलसने व जलने पर शरीर में इलेक्ट्रोलाइट सोडियम, पोटेशियम और क्लोराइड की कमी हो जाती है।

इसलिए होता है शार्ट सर्किट 

  • साथ-साथ जा रहे दो लाइन तारों के बीच इंसुलेशन कमजोर हो जाने से वह परस्पर संपर्क में जाते हैं जिससे आग लगने की संभावना बढ़ जाती जाती है।
  • मेन स्विच से तारों को व्यवस्थित तरीके से ले जाना चाहिए। तारों का जंजाल होने से शार्ट सार्किट की संभावना होती है।
  • तारों के बीच ज्वाइंट पूरी तरह टाइट होने चाहिए। ढीले होने पर बार बार स्पार्किंग होती है और आग लगने की संभावना होती है।
  • लोड के अनुसार तार, स्विच और साकेट का चयन करना चाहिए, यह आइएसआइ मार्क के हों। अगर लोड अधिक है तार उपयुक्त साइज का नहीं है तो गर्म होकर जलने की संभावना होती है।
  • एसी और अन्य बिजली के उपकरणों की केबल कटी होने से भी शार्ट सर्किट होता है। करंट लगने की भी डर रहता है।
  •  पुराने बिजली के स्विच को बार आन आफ करने से भी स्पार्किंग होती है।
  • ऐसी और फ्रिज को बिना स्टेप लाइजर के चलाने से वोल्टेज में उतार चढ़ाव आने से आग लगने की संभावना होती है उपकरण भी क्षति ग्रस्त होता है।

शार्ट सर्किट से ऐसे करें बचाव

  • शार्ट सर्किट के समय उच्च करंट प्रवाहित होती है ऐसे में सार्किट ब्रेकर का प्रयोग करना चाहिए।
  • प्रतिष्ठानों और फैक्ट्रियों में अग्निशमन उपकरण और बाल्टियों में बालू आदि रखनी चाहिए।
  • दो तारों के बीच जोड़ और स्विच में तारों को परस्पर टाइट से बांधना चाहिए।
  • तारों को परस्पर जोड़ने के बाद उनपर भलीभांति टेप लगना चाहिए।
  • प्लग, साकेट और तार अच्छी गुणवत्ता के प्रयोग करने चाहिए।
  • मुख्य बोर्ड से जाने वाला केबल कटा फटा नहीं होना चाहिए। इसमें जोड़ नहीं होने चाहिए।
  • अर्थिंग भली भांति होनी चाहिए। समय समय अर्थ पिट में पानी देते रहना चाहिए।
  • जहां पर तार जा रहे हों या उपकरण लगा हो वहां पर सीलन आदि नहीं होनी चाहिए।
  • वायरिंग व्यवस्थित होनी चाहिए। जहां एसी, फ्रिज जैसे हेवी लोड वाले उपकरण हों उनकी लीड और वायरिंग को समय समय पर जांच करते रहना चाहिए।
  • चूहें आदि न प्रवेश करें इसका ध्यान रखना चाहिए। कई बारी चूहे इंसुलेशन कुतर देते हैं।
  • वोल्टेज में उतार चढ़ाव होने पर एमसीबी या मेन स्विच को बंद कर देना चाहिए। जब वोल्टेज सही हो तभी उपकरणों का प्रयोग करना चाहिए।

व्यावसायिक और औद्योगिक इकाइयों में विद्युत सुरक्षा के मानकों के लिए विभाग की वेबसाइट में आवेदन करना होता है। मानक के अनुरूप होने पर ही बिजली आपूर्ति आरंभ की जाती है। निश्चित समय अंतराल के बाद इनका परीक्षण कराते रहना चाहिए। ताकि शार्ट सर्किट के कारणों की पड़ताल कर उसका समाधान किया जा सके। - मिथलेश कुमार, उप निदेशक विद्युत सुरक्षा, मेरठ क्षेत्र

आग लगने पर बचाव को कई बातों का ध्यान रखना जरूरी

  • - घर में अग्निशमन यंत्र रखें और उनका उपयोग करना भी सीखें।
  • - ज्वलनशील सामग्री, पर्दों, फर्नीचर और कपड़ों की एसी व हीटर से पर्याप्त दूरी रखें। शार्ट सर्किट होने पर इनके संपर्क में आने पर आग बहुत जल्दी फैलती है।
  • - आग लगने पर तुरंत बिजली बंद कर दें।
  • - आग लगने पर भागने के मार्गों में किसी भी प्रकार की बाधा न हो।
  • - गैर-ज्वलनशील निर्माण सामग्री का उपयोग करें।
  • - सोने से पहले घर में देखें कि बिजली के उपकरण बंद हैं या नहीं। उन्हें बंद करें।
  • - ज्वलनशील तरल पदार्थ और ऐसी अन्य सामग्रियों को ठंडे व हवादार क्षेत्रों में रखें।
  • - फायर अलार्म लगाएं और उसका नियमित परीक्षण करें।
  • - गृह और अग्नि बीमा लेकर अपनी संपत्ति की सुरक्षा करें।

आग लगने पर यह न करें

  • आग लगने पर कभी भी लिफ्ट का प्रयोग न करें।
  • घर में जोड़ लगे या नंगे तारों का प्रयोग न करें।
  • एक्सटेंशन केबल और मल्टी पाइंट साकेट न लगाएं।
  • आग के दौरान एग्जास्ट फैन का उपयोग न करें।
  • कालीन, चटाइयाें के नीचे और दरवाजों में बिजली के तार न लगाएं।
  • आग लगने पर भवन में छिपने का प्रयास न करें।
  • माचिस की तिली और सिगरेट को पूरी तरह बुझने पर ही उचित स्थान पर डालें।
  • तेल के दीपक, अगरबत्ती आदि को जलने योग्य पदार्थों के नजदीक न रखें।
  • किसी भी कारण से आग लगते हुए भवन में कभी न लौटें।

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