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Meerut AQI: सबसे खराब हवा मेरठ में बही, वायु गुणवत्ता सूचकांक 328 पहुंचा, चारों तरफ धूल और धुआं, गर्भवती व बच्चों को बचने की जरूरत

AQI Of Meerut News मेरठ में सबसे प्रदूषित हवा रही है। दिल्ली में 263 पर तो मेरठ 328 पर पहुंचा। ग्रैप की स्टेज टू नियमावली बेअसर धूल और धुआं चारों तरफ। मेरठ में गंगानगर एयर क्वालिटी मानीटरिंग स्टेशन की रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार शाम छह बजे एक्यूआइ 352 दर्ज हुआ जहां पीएम-2.5 की मात्रा 500 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक के खतरनाक स्तर पर पहुंच गई।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek SaxenaUpdated: Tue, 24 Oct 2023 09:16 AM (IST)
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Meerut AQI: देश में सर्वाधिक प्रदूषित हवा मेरठ में बही

जागरण संवाददाता, मेरठ। सप्ताहभर से जिले की बिगड़ी हवा सोमवार को देश में सर्वाधिक प्रदूषित साबित हुई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से सोमवार को जारी 229 शहरों की रिपोर्ट में मेरठ का वायु गुणवत्ता सूचकांक सर्वाधिक 328 दर्ज किया गया। दिल्ली में एक्यूआइ 263 अंकों के साथ अपेक्षाकृत सुधरा मिला।

सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के मौसम केंद्र प्रभारी डा. यूपी शाही ने बताया कि तापमान में गिरावट से नमी बढ़ने और हवा की गति कम होने से प्रदूषित कण हवा की निचली सतह में पहुंच गए हैं जिससे हवा की गुणवत्ता बिगड़ी है।

तीन दिन में दो गुना पहुंचा प्रदूषण

एनसीआर में ग्रैप स्टेज टू लागू होने के बावजूद औद्योगिक और निर्माण इकाइयों पर नियंत्रण नहीं किया जा सका। शुक्रवार को एक्यूआइ 157 था। सोमवार को यह 328 हो गया। दिल्ली में प्रदूषण पिछले दिन 313 से गिरकर 263 तक पहुंच गया।

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क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी भुवन प्रकाश ने बताया कि 21 अक्टूबर की शाम से पूरे एनसीआर में ग्रैप की स्टेज टू लागू है। कृषि अवशेष जलाने और धूल उड़ाने पर प्रतिबंध है।

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आंखाें और फेफड़ों पर असर

मेडिकल कालेज के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डा. अरविंद ने बताया कि वायु प्रदूषण गला, फेफड़ा और आंख के लिए ही नहीं बल्कि दिमाग और मेटाबोलिज्म को भी बिगाड़ सकती है। बच्चों, बुजुर्गों एवं गर्भवती को प्रदूषित कणों के संपर्क में आने से विशेष रूप से बचना चाहिए।

चंद लोगों ने किया बेड़ागर्क...प्रदूषण से शहर भोग रहा नरक

वायु गुणवत्ता सुधार के लिए किए जा रहे दावों की पोल खुल गई। सड़क और रैपिड रेल कारीडोर के निर्माण कार्य के दौरान धूल उड़ रही है। महानगर में जगह-जगह कूड़ा जलाया जा रहा है। निर्माण के समय न तो पानी का छिड़काव हो रहा है और न जलता कूड़ा बुझाने के लिए निगम के टैंकर पहुंच रहे हैं। नतीजा यह है कि वायु गुणवत्ता सूचकांक में मेरठ देश में सबसे प्रदूषित शहरों में आ गया है। ये है हकीकतl

निगम के वाटर स्प्रिंकलर, तीन एंटी स्माग गन मशीन हैं, जो पानी का छिड़काव सिविल लाइंस, शास्त्रीनगर में कर रही हैं। मलियाना फ्लाइओवर, मेवला फ्लाइओवर, दिल्ली रोड, बागपत रोड, घंटाघर के आसपास, गढ़ रोड पर पानी छिड़काव नहीं हो रहा है। निर्माण कार्यों के चलते इन क्षेत्रों में सबसे अधिक धूल व्याप्त है।

पीडब्ल्यूडी घंटाघर से छतरी पीर-कोटला बाजार में नाला ढकने का कार्य कर रहा है। पूरी सड़क खोद दी गई है। धूल ही धूल व्याप्त है। पानी का छिड़काव यहां नदारद है।

दिल्ली रोड पर रैपिड रेल कारीडोर का निर्माण चल रहा है। एनसीआरटीसी से पानी का छिड़काव नदारद है। lएक सप्ताह में वेद व्यासपुरी, बिजली बंबा बाइपास, दिल्ली रोड पर कूड़ा जलने की तस्वीरें सामने आ चुकी हैं। निगम की निगरानी टीम को भनक तक नहीं लगी। एक भी कार्रवाई नहीं हुई।

सुबह के समय धुंध छाए रहने की आशंका 

पश्चिम विक्षोभ के चलते मौसम में बदलाव आया है। आगामी दिनों में सुबह समय धुंध छाए रहने की आशंका है। सोमवार को न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री कम 16.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। 27 अक्टूबर से एक बार फिर पारा गिरेगा। 

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