अनजान नंबर से Video Call आया, रिसीव करते ही बन गई गंदी वीडियो; बुरी तरह फंस गया यूपी का एक युवक
अनजान नंबर से आई वीडियो कॉल रिसीव करते ही मोबाइल की स्क्रीन पर एक युवती कपड़े उतारते दिखाई देगी। अगर आप कुछ मिनट रुक गए तो समझिए साइबर ठग का शिकार बन गए। साइबर ठग महिला की अश्लील वीडियो के साथ आपकी वीडियो तैयार कर लेंगे और फिर उसे इंटरनेट मीडिया पर अपलोड करने की धमकी देकर रुपयों की मांग करेंगे।
जागरण संवाददाता, मेरठ। अनजान नंबर से आई वीडियो काल रिसीव न करें। यह साइबर ठगों की हो सकती है। काल रिसीव करते ही मोबाइल की स्क्रीन पर एक युवती कपड़े उतारते दिखाई देगी। उसे उसे देखने के चक्कर में अगर आप कुछ मिनट रुक गए तो समझिए साइबर ठग का शिकार बन गए।
साइबर ठग महिला की अश्लील वीडियो के साथ आपकी वीडियो तैयार कर लेंगे। इसके बाद उसे इंटरनेट मीडिया पर अपलोड करने की धमकी देकर रुपयों की मांग की जाएगी। टीपीनगर के एक युवक के साथ चार दिन पहले ऐसा ही हुआ।
उसकी अश्लील वीडियो यूट्यूब पर अपलोड करने की धमकी देकर साइबर ठगों ने उससे 21,500 रुपये वसूल लिए। अब पीड़ित से 41,500 रुपये और मांगे जा रहे हैं। अवसाद में आए युवक ने एसएसपी विपिन ताडा से शिकायत कर बचाने की गुहार लगाई। एसएसपी ने थाना साइबर क्राइम को रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई का आदेश दिया है।
रात 12 बजे आई थी वीडियो कॉल
बागपत रोड निवासी युवक सदर के एक निजी अस्पताल में काम करता है। 9 अक्टूबर रात 12 बजे उसके फोन पर वीडियो काल आई। काल रिसीव करते ही एक लड़की ने कपड़े उतारने शुरू कर दिए। कुछ देर बाद युवक ने काल डिस्कनेक्ट कर दी। अगले दिन उसके फोन पर एक काल आई।
कालर ने खुद को यू ट्यूब से संबद्ध बताते हुए कहा कि उसकी एक न्यूड वीडियो अपलोड होने वाली है। उसे रोकना है तो 21,500 रुपये देने होंगे। सहमे युवक ने बताए नंबर पर रुपये ट्रांसफर कर दिए। अगले दिन फिर एक काल आई। उसने खुद को सीबीआइ अधिकारी बताकर युवक से न्यूड वीडियो की बाबत जानकारी करने की बात कही। इसके बाद कानूनी कार्रवाई का डर दिखाकर उससे जुर्माना के 41,500 रुपये जमा करने को कहा
एक करोड़ 73 लाख की साइबर ठगी
मेरठ: देशभर में 'डिजिटल अरेस्ट' रैकेट चलाने वाले नेटवर्क का पर्दाफाश कर साइबर थाना पुलिस एक करोड़ 73 लाख की ठगी में छठे आरोपित को जयपुर से दबोचकर बी-वारंट पर ले आई है। गिरफ्तार किए गए आरोपित कर्ण सिंह पुत्र रविराज सिंह निवासी फ्लैट 101 प्रथम फ्लोर अम्बावाडी सीकर रोड थाना विद्याधर नगर जयपुर राजस्थान से पूछताछ और इलेक्ट्रोनिक्स साक्ष्य के आधार पर चौंकाने वाला राजफाश हुआ है।
यह गिरोह ठगी की रकम दुबई और ताइवान भेज चुका है। गिरोह ठगी के लिए गेमिंग एप, शेयर बाजार इन्वेस्टमेंट और डिजिटल अरेस्ट तीन तरकीब अपनाता है। अभी तक पुलिस की टीम सरगना तक नहीं पहुंच पाई है। आरोपित सीबीआइ और साइबर क्राइम सहित कई सरकारी महकमों के अधिकारी बनकर लोगों को डराकर मंसूबे पूरे करते थे।पुलिस की जानकारी में सामने आया कि गिरोह दुबई में 25 लाख की रकम निकाल चुका है। इस ठगी में दुबई और ताइवान का इंटरनेट भी प्रयोग किया गया है। पकड़े गए कर्ण सिंह के खाते में ठगी की पांच लाख रकम भेजी गई थी। उक्त रकम उसने निकालकर यश गौड को दे दी, उसे कमीशन के तौर पर 15 हजार रुपये मिले हैं। इसी ठगी में जेल जा चुके मुंबई के निलेश ने तो अपना खाता ही एक लाख रुपये प्रतिमाह साइबर ठगों को किराये पर दे दिया था।
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