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बारिश के मौसम में मेरठ में बढ़ रहे हैं वायरल के मरीज, घट रही हैं प्लेटलेट्स; लक्षण देख डाक्टर भी हैरान

मेरठ जिले में इन दिनों मौसम में आए बदलाव का असर लोगों के स्वास्थ्य पर देखने को मिल रहा है। कई जगहों पर फीवर के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। मरीजों की जांच कर रहे डॉक्टर ने यह पाया है कि 80 फीसदी मरीजों की प्लेटलेट्स संख्या में गिरावट हुई है। डॉक्टर ने मरीजों से परेशान होने के बजाय बचाव के तरीके बताए हैं।

By dileep patel Edited By: Nitesh Srivastava Updated: Fri, 26 Jul 2024 01:30 PM (IST)
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तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। जागरण

दिलीप पटेल,मेरठ। बरसात के मौसम में वायरल बुखार के मामले बढ़ गए हैं। लाला लाजपत राय मेडिकल कालेज और पीएल शर्मा जिला अस्पताल की ओपीडी वायरल बुखार के मरीजों से अटी है। गौर करने वाली बात ये है कि वायरल बुखार के साथ प्लेटलेट्स कम होने की बात सामने आ रही है।

लक्षण बिल्कुल डेंगू बुखार जैसे हैं। हालांकि जांच में डेंगू निगेटिव आ रहा है। मेडिकल कालेज के मेडिसिन विभाग की ओपीडी में औसतन 500 मरीज पहुंच रहे हैं। जिनमें से वायरल बुखार के करीब 100 मरीज होते हैं। इनमें 80 प्रतिशत मरीजों में वायरल बुखार के साथ प्लेटलेट्स घटने की बात सामने आ रही है। यही स्थिति पीएल शर्मा जिला अस्पताल की है।

लाला लाजपत राय मेडिकल कालेज के मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ अरविंद कुमार ने बताया कि सामान्य व्यक्ति में 1.50 लाख प्लेटलेट्स होती है।

वायरल बुखार में मरीज में प्लेटलेट्स काउंट 35 हजार तक आ रहा है। संक्रमण को इंगित करने वाली जांच टोटल ल्यूकोसाइट काउंट में भी कमी देखी जा रही है। ये दोनों स्थिति डेंगू के मरीज में होती है। हालांकि जांच में डेंगू सामने नहीं आ रहा है।

डॉ अरविंद ने कहा कि वायरस संक्रमण के दौरान शरीर में प्लेटलेट्स की खपत दूसरी रक्त कोशिकाओं की तुलना में ज्यादा हो जाती है। वहीं, अनेक बैक्टीरिया के संक्रमण व दर्द की दवाओं के प्रभाव से भी प्लेटलेट्स कम हो सकती है। इसलिए वायरल बुखार होने पर तत्काल डाक्टर को दिखाकर उपचार लेने की जरूरत है।

ये लक्षण होने पर हो जाएं सतर्क

104 डिग्री तक तेज बुखार, सिरदर्द, आंखों में दर्द, उल्टी, जी मिचलाना, चक्कर आना, हाथ-पैर व जोड़ों में दर्द ये लक्षण वायरल बुखार के हैं। ये लक्षण होने पर सतर्क हो जाएं। बिना देरी किए चिकित्सक को दिखाएं।

वायरल बुखार के कारण व बचाव

बरसात का मौसम है। गंदगी और जल जमाव की समस्या है। मच्छरों का प्रकोप है। दूषित भोजन और दूषित पानी पीने से वायरल बुखार आ सकता है। संक्रमित व्यक्ति के संपर्क मेंं आने से भी वायरल बुखार अपनी चपेट में ले सकता है।

बचाव यही है कि घर और कार्य स्थल पर साफ-सफाई का ध्यान रखें। मच्छरदानी या मच्छर भगाने के उपाय अपनाएं। जल जमाव वाले स्थलों पर एंटी लार्वा स्प्रे व फागिंग जरूरी है। शुद्ध पेयजल व ताजा भोजन ही लें। बिना चिकित्सक की सलाह लिए अपने से दर्द की दवाएं न लें।

घबराएं नहीं, सजग रहें

वायरल बुखार के मरीज काफी आ रहे हैं। इसमें प्लेटलेट्स घटती है। इसके कई वजहे हैं। लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है। डेंगू की जांच कराने की आवश्यकता है। बरसात का मौसम है। मच्छर जनित व जल जनित बीमारियां होती हैं। डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया के केस बढ़ेंगे। जुलाई के बाद अगस्त, सितंबर का महीना डेंगू के अनुकूल होता है। वायरल बुखार के साथ जो लक्षण आ रहे हैं वो डेंगू जैसे ही हैं। समय से जरूरी जांच अवश्य कराएं और बीमारियों से बचाव पर ध्यान दें।

डॉ. तनुराज सिरोही वरिष्ठ फिजिशियन।

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