बारिश के मौसम में मेरठ में बढ़ रहे हैं वायरल के मरीज, घट रही हैं प्लेटलेट्स; लक्षण देख डाक्टर भी हैरान
मेरठ जिले में इन दिनों मौसम में आए बदलाव का असर लोगों के स्वास्थ्य पर देखने को मिल रहा है। कई जगहों पर फीवर के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। मरीजों की जांच कर रहे डॉक्टर ने यह पाया है कि 80 फीसदी मरीजों की प्लेटलेट्स संख्या में गिरावट हुई है। डॉक्टर ने मरीजों से परेशान होने के बजाय बचाव के तरीके बताए हैं।
ये लक्षण होने पर हो जाएं सतर्क
वायरल बुखार के कारण व बचाव
बरसात का मौसम है। गंदगी और जल जमाव की समस्या है। मच्छरों का प्रकोप है। दूषित भोजन और दूषित पानी पीने से वायरल बुखार आ सकता है। संक्रमित व्यक्ति के संपर्क मेंं आने से भी वायरल बुखार अपनी चपेट में ले सकता है।बचाव यही है कि घर और कार्य स्थल पर साफ-सफाई का ध्यान रखें। मच्छरदानी या मच्छर भगाने के उपाय अपनाएं। जल जमाव वाले स्थलों पर एंटी लार्वा स्प्रे व फागिंग जरूरी है। शुद्ध पेयजल व ताजा भोजन ही लें। बिना चिकित्सक की सलाह लिए अपने से दर्द की दवाएं न लें।घबराएं नहीं, सजग रहें
यह भी पढ़ें: बारिश का मौसम और ये छह बुखार, ऐसे पहचानें लक्षण और बरतें सावधानियां, पढ़ें एक्सपर्ट की रायवायरल बुखार के मरीज काफी आ रहे हैं। इसमें प्लेटलेट्स घटती है। इसके कई वजहे हैं। लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है। डेंगू की जांच कराने की आवश्यकता है। बरसात का मौसम है। मच्छर जनित व जल जनित बीमारियां होती हैं। डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया के केस बढ़ेंगे। जुलाई के बाद अगस्त, सितंबर का महीना डेंगू के अनुकूल होता है। वायरल बुखार के साथ जो लक्षण आ रहे हैं वो डेंगू जैसे ही हैं। समय से जरूरी जांच अवश्य कराएं और बीमारियों से बचाव पर ध्यान दें।
डॉ. तनुराज सिरोही वरिष्ठ फिजिशियन।