मीट प्लांट से दूषित हो गया आधा दर्जन गांवों का पानी, ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन
आधा दर्जन से अधिक गांवों का भूजल दूषित हो गया है। ग्रामीणों का कहना है कि इसकी वजह कई मीट प्लांट हैं जो दूषित पानी को धरती की कोख में बहा रहे हैं।
By Ashu SinghEdited By: Updated: Fri, 21 Dec 2018 04:26 PM (IST)
मेरठ, जेएनएन। मीट प्लांटों के कारण जिले के आधा दर्जन से अधिक गांवों का पानी दूषित हो जाने पर आज ग्रामीणों का सब्र जवाब दे गया। गुस्साए लोगों ने कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भेजा।
कैंसर और पीलिया का कहर
पर्यावरण सुधार संघर्ष समिति के बैनर तले दोपहर को पहुंचे लोगों का कहना था कि दूषित पानी की वजह से जिले के गांव फफूंडा, धनोटा, बिजौली, अलीपुर, सेतकुआं, बहरामपुर आदि में कैंसर व पीलिया से पीड़ित मृत व्यक्तियों के परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान की जाए।
कई मीट प्लांट चल रहे
उनका कहना था कि इन गांवों में कई मीट प्लांट चल रहे हैं, जिन्होंने गंदे पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं की हुई है। मीट प्लांट के गंदे पानी को अपनी बाउंड्री के अंदर बड़े-बड़े बोर कर धरती में उतार रहे हैं, जिससे भूमि के नीचे का पानी प्रदूषित हो गया है। यह दूषित पानी गांव के हैंडपंपों में आ रहा है। इससे क्षेत्र के गांवों में कैंसर व पीलिया ने महामारी का रूप ले लिया है।
40 लोगों की मौत हो चुकी
बहरामपुर गांव में लगभग एक वर्ष के अंदर 40 व्यक्तियों की मौत हो चुकी है और आसपास के प्रत्येक गांव में 30 से 40 लोग मर चुके हैं। उन्होंने बताया कि उक्त ग्रामों में सैकड़ों लोग आज कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं। इस 10 से 15 किलोमीटर के क्षेत्र में सैकड़ों लोगों के बीमार होने से क्षेत्र में भय का माहौल बन गया है। निर्धन मजदूर कैंसर का उपचार भी नहीं करा पा रहे हैं। उन्होंने अपनी मांग को लेकर अध्यक्ष रविंद्र गुर्जर के नेतृत्व में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया।
कैंसर और पीलिया का कहर
पर्यावरण सुधार संघर्ष समिति के बैनर तले दोपहर को पहुंचे लोगों का कहना था कि दूषित पानी की वजह से जिले के गांव फफूंडा, धनोटा, बिजौली, अलीपुर, सेतकुआं, बहरामपुर आदि में कैंसर व पीलिया से पीड़ित मृत व्यक्तियों के परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान की जाए।
कई मीट प्लांट चल रहे
उनका कहना था कि इन गांवों में कई मीट प्लांट चल रहे हैं, जिन्होंने गंदे पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं की हुई है। मीट प्लांट के गंदे पानी को अपनी बाउंड्री के अंदर बड़े-बड़े बोर कर धरती में उतार रहे हैं, जिससे भूमि के नीचे का पानी प्रदूषित हो गया है। यह दूषित पानी गांव के हैंडपंपों में आ रहा है। इससे क्षेत्र के गांवों में कैंसर व पीलिया ने महामारी का रूप ले लिया है।
40 लोगों की मौत हो चुकी
बहरामपुर गांव में लगभग एक वर्ष के अंदर 40 व्यक्तियों की मौत हो चुकी है और आसपास के प्रत्येक गांव में 30 से 40 लोग मर चुके हैं। उन्होंने बताया कि उक्त ग्रामों में सैकड़ों लोग आज कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं। इस 10 से 15 किलोमीटर के क्षेत्र में सैकड़ों लोगों के बीमार होने से क्षेत्र में भय का माहौल बन गया है। निर्धन मजदूर कैंसर का उपचार भी नहीं करा पा रहे हैं। उन्होंने अपनी मांग को लेकर अध्यक्ष रविंद्र गुर्जर के नेतृत्व में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया।
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