गुजरात से आई केबल ने मारा ‘करंट’ तो अधिकारियों में मची खलबली, पीवीवीएनएल की एमडी ने दिए कड़ी कार्रवाई के निर्देश
मेरठ में पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में खराब गुणवत्ता की केबल की आपूर्ति का मामला सामने आया है। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष ने एमडी से शिकायत की है। आरोप है कि अधोमानक केबल को रिश्वत लेकर पास किया गया। पूर्व में भी एक कंपनी को ब्लैकलिस्ट किया जा चुका है। पीवीवीएनएल की एमडी ने जांच के आदेश दिए हैं।
जागरण संवाददाता, मेरठ। पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में खराब गुणवत्ता की केबल की आपूर्ति का एक और मामला सामने आया है। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष ने मामले की शिकायत उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के एमडी से की है।
पूर्व में गुणवत्ता जांच में फेल कंपनी के केबल को मुख्यालय स्तर में तैनात अधिकारी ने रिश्वत लेकर आपूर्ति कराने का आरोप लगाया है। मामले में पीवीवीएनएल की प्रबंध निदेशक ने जांच के आदेश दे दिए हैं, जिसके बाद पीवीवीएनएल के अधिकारियों में अफरा तफरी का माहौल है।
इसके पहले जांच में अधोमानक केबल पाए जाने पर हरिद्वार की फर्म वी मार्क इंडिया लिमिटेड को पीवीवीएनएल की एमडी ईशा दुहन ने ब्लैकलिस्ट कर दिया था। कंपनी के साथ मामले में अधीक्षण अभियंता, अधिशासी और सहायक अभियंता को भी निलंबित किया गया था।
मानकों के अनुरूप नहीं पाई गई केबल
कंपनी द्वारा आपूर्ति की गई केबल जब मुरादाबाद के बिलारी कस्बे में लगाई गई तो वहां पर इसके जलने के मामले सामने आए, जिसके बाद चार प्रयोगशालाओं में कराई जांच में केबल का इंसुलेशलन और प्रयुक्त एल्युमिनियम की मात्रा मानकों के अनुरूप नहीं पाई गई। कंपनी से 23.92 करोड़ रुपये में 726 किलोमीटर केबल की खरीद का अनुबंध हुआ था, पिछले कई वर्षों में किसी कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने का पहला मामला है।
प्री डिस्पैच इंस्पेक्शन में दो बार फेल
बीते गर्मी के सीजन में मेरठ में नई लगाई एरियल बंच केबल में जगह-जगह फाल्ट होने से चार से पांच दिन लगातार बिजली कटौती का दंश झेलना पड़ा था। सुभाष नगर, शिवलोकपुरी, ब्रह्मपुरी, प्रगति नगर में निवासियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। तभी से मेरठ में भी घटिया केबल आपूर्ति की जांच की मांग उठने लगी थी।
राज्य उपभोक्ता विद्युत परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने पावर कारपोरेशन के एमडी पंकज कुमार की गई शिकायत में कहा है कि गुजरात की नामचीन फर्म की मेरठ में आपूर्ति की गई 11 केवी केबल प्री डिस्पैच इंपेक्शन में दो बार फेल हो गई थी। इसके बावजूद मुख्यालय में अधिशासी अभियंता स्तर के अधिकारी ने इसे पास कर दिया। रिश्वत के लेनदेन की शिकायत की है। इस आरोप के बाद मुख्यालय में तैनात अधिकारियों में हड़कंप की स्थिति है। अवधेश वर्मा ने बताया कि प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने के कार्य में भी नियमों का पालन न किए जाने की बात कही है कहा है कि चेकमीटर नहीं लगाए जा रहे हैं।
पीवीवीएनएल की एमडी ईशा दुहन ने बताया कि अधोमानक केबल की आपूर्ति की शिकायत मिली है। निदेशक टेक्निकल को जांच के आदेश दिए गए हैं। जीरो टालरेंस नीति के तहत मामले में दोषी पाए गए लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।यह भी पढ़ें: शख्स ने अपने ही परिवार की कर डाली हत्या, तीन बच्चों और पत्नी को उतारा मौत के घाट, 10 किमी दूर मिली आरोपी की लाश
यह भी पढ़ें: अब लॉरेंस बिश्नोई के नाम पर विश्व हिंदू महासंघ के नेता को मिली धमकी, PM-CM के लिए अपशब्द इस्तेमाल करने का आरोप
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।