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Rapid Rail : किस तरफ निकाले जाएं पिलर, परतापुर और मोदीपुरम की बन रही डिटेल डिजाइन Meerut News

मेरठ में रैपिड रेल के लिए काम तेजी से चल रहा है। लेकिन परतापुर और मोदीपुरम में बीच सड़क पर पिलर बनाने में बाधा है। इस पर सर्वे करके डिटेल डिजाइन पर काम शुरू किया है।

By Ashu SinghEdited By: Published: Thu, 25 Jul 2019 01:55 PM (IST)Updated: Thu, 25 Jul 2019 01:55 PM (IST)
Rapid Rail : किस तरफ निकाले जाएं पिलर, परतापुर और मोदीपुरम की बन रही डिटेल डिजाइन Meerut News
मेरठ, जेएनएन। रैपिड रेल कॉरीडोर के पिलर सड़क के बीचोंबीच डिवाइडर पर बनने हैं जैसे दिल्ली मेट्रो के हैं। लेकिन परतापुर और मोदीपुरम में बीच सड़क पर पिलर बनाने में बाधा है। ऐेसे में इन दोनों प्रमुख प्वाइंट पर पिलर किस तरफ से निकाले जाएं? इसको लेकर एनसीआरटीसी (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम) पसोपेश में है। एनसीआरटीसी ने बेहतर समाधान के लिए एनएचएआइ (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) के साथ सर्वे करके डिटेल डिजाइन पर काम शुरू किया है।
एलाइनमेंट ठीक करना भी एक चुनौती
परतापुर में दिल्ली रोड पर रेलवे ओवरब्रिज पहले से ही बना है। अब एक्सप्रेस-वे के इंटरचेंज के लिए एक ओवरब्रिज और तीन अंडरपास निर्माणाधीन हैं। ऐसे में रैपिड रेल के एलाइनमेंट ठीक करना चुनौती है। यह भी देखा जाना है कि किस तरफ से कॉरीडोर के पिलर निकाले जाएं जिससे परतापुर में दुकान या भवन भी न तोडऩे पड़ें। परतापुर में रैपिड रेल का स्टेशन भी बनना है इसलिए उसकी वास्तविक जगह भी तय की जानी है। एक्सप्रेस-वे के ओवरब्रिज की वजह से रैपिड कॉरीडोर के पिलर काफी ऊंचे रखने पड़ेंगे।
किया जा रहा है अध्‍ययन
वहीं मोदीपुरम में भी इसी तरह की समस्या है। यहां पर एनएच के ओवरब्रिज बने हैं ऐसे में डिवाइडर पर पिलर नहीं बन सकते। ओवरब्रिज के ऊपर भी पिलर नहीं जा सकते। ऐसे में पिलर ओवरब्रिज के बराबर से निकालने पड़ेंगे। अब ये पिलर किस तरफ से और कैसे निकाले जाएं इसको लेकर एनसीआरटीसी व एनएचएआइ अध्ययन कर रहे हैं।
इनका कहना है
एनसीआरटीसी हर संभव कोशिश कर रहा है कि रैपिड रेल की वजह से कोई भवन या दुकान न तोडऩी पड़े। अधिक से अधिक सरकारी जमीन के दायरे में ही रहने की कोशिश है। ओवरब्रिज आदि को देखते हुए परतापुर व मोदीपुरम में पिलर निकालने के लिए एनएचएआइ के साथ डिटेल डिजाइन बनाने का काम शुरू हुआ है। जल्द ही डिजाइन बन जाएगी।
- सुधीर शर्मा, सीपीआरओ, एनसीआरटीसी 

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