याकूब कुरैशी की मीट फैक्ट्री पर 'सेटिंग' की सील, अंदर चलता रहा बसपा का सम्मेलन
आज बसपा नेता याकूब कुरैशी की मीट फैक्ट्री पर प्रशासन ने दिखावे की कार्रवाई की। बाहर सील लगा दी गई लेकिन अंदर बसपा का कार्यकर्ता सम्मेलन चलता रहा।
By Ashu SinghEdited By: Updated: Tue, 12 Feb 2019 01:05 PM (IST)
मेरठ, जेएनएन। सुर्खियों में रहने वाले बसपा के मेरठ-हापुड़ लोकसभा क्षेत्र प्रभारी याकूब कुरैशी पर प्रशासन मेहरबान है। याकूब कुरैशी के मीट प्लांट को सील करने के लिए 12 फरवरी की तारीख निर्धारित की गई थी। शासन के आदेशों के बाद मीट प्लांट को सील करने की कार्रवाई को अंजाम दिया जाना था। लेकिन प्रशासन ने याकूब के मीट प्लांट पर 'सेटिंग की सील' लगा दी।
कार्यकर्ता सम्मेलन चल रहा था
तय कार्यक्रम के अनुसार पुलिस, पीएसी, प्रशासन और प्राधिकरण की टीम याकूब कुरैशी की मीट प्लांट पर से लगाने के लिए पहुंची। इसके बाद मीडिया को मीट प्लांट के अंदर नहीं घुसने दिया गया। वहीं प्रशासन ने प्राधिकरण की टीम के साथ मिलकर मीट प्लांट की मशीनों को सील कर दिया। याकूब ने कार्रवाई से बचने के लिए बसपा का कार्यकर्ता सम्मेलन अपनी ही फैक्ट्री में रखवा दिया। कार्यकर्ताओं की भीड़ के आगे प्रशासन नतमस्तक हो गया। इसके बाद केवल मशीनों को सील करके टीम बाहर आ गई।
हलफनामा दिखाने पर लौटी टीम
प्रशासनिक अधिकारियों की माने तो याकूब कुरैशी के बेटे और फैक्ट्री के मालिक इमरान याकूब ने हलफनामा दिया है कि वह अपनी फैक्ट्री खुद ही बंद कर देंगे। याकूब के कागजी हलफनामे को आधार मानकर प्रशासन की कार्रवाई पर ब्रेक लग गया और टीम वापस लौट गई। बड़ा सवाल यही है कि अगर फैक्ट्री में सील लगाई जानी थी तो सम्मेलन की अनुमति कैसे दे दी गई। अगर बिना अनुमति के सम्मेलन चल रहा है तो उस पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई। आपको बता दें कि याकूब कुरैशी बसपा के लोकसभा क्षेत्र प्रभारी हैं। माना जा रहा है कि याकूब कुरैशी मेरठ-हापुड़ लोकसभा क्षेत्र से गठबंधन के प्रत्याशी होंगे।
कार्यकर्ता सम्मेलन चल रहा था
तय कार्यक्रम के अनुसार पुलिस, पीएसी, प्रशासन और प्राधिकरण की टीम याकूब कुरैशी की मीट प्लांट पर से लगाने के लिए पहुंची। इसके बाद मीडिया को मीट प्लांट के अंदर नहीं घुसने दिया गया। वहीं प्रशासन ने प्राधिकरण की टीम के साथ मिलकर मीट प्लांट की मशीनों को सील कर दिया। याकूब ने कार्रवाई से बचने के लिए बसपा का कार्यकर्ता सम्मेलन अपनी ही फैक्ट्री में रखवा दिया। कार्यकर्ताओं की भीड़ के आगे प्रशासन नतमस्तक हो गया। इसके बाद केवल मशीनों को सील करके टीम बाहर आ गई।
हलफनामा दिखाने पर लौटी टीम
प्रशासनिक अधिकारियों की माने तो याकूब कुरैशी के बेटे और फैक्ट्री के मालिक इमरान याकूब ने हलफनामा दिया है कि वह अपनी फैक्ट्री खुद ही बंद कर देंगे। याकूब के कागजी हलफनामे को आधार मानकर प्रशासन की कार्रवाई पर ब्रेक लग गया और टीम वापस लौट गई। बड़ा सवाल यही है कि अगर फैक्ट्री में सील लगाई जानी थी तो सम्मेलन की अनुमति कैसे दे दी गई। अगर बिना अनुमति के सम्मेलन चल रहा है तो उस पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई। आपको बता दें कि याकूब कुरैशी बसपा के लोकसभा क्षेत्र प्रभारी हैं। माना जा रहा है कि याकूब कुरैशी मेरठ-हापुड़ लोकसभा क्षेत्र से गठबंधन के प्रत्याशी होंगे।
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