Yogi 2.0 Cabinet: सियासी पिच पर आलराउंड प्रदर्शन ने कपिल देव को फिर बनाया मंत्री
UP Yogi Adityanath Cabinet 2.0 Latest News कपिल देव अग्रवाल ने राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार के रूप में शपथ ली। सदर सीट से लगातार तीसरी बार विधायक बने हैं। मुजफ्फरनगर जिले की सदर विधानसभा सीट से कपिल देव अग्रवाल लगातार तीसरी बार विधायक बने हैं
मुजफ्फरनगर, जागरण संवाददाता। Yogi Adityanath Oath Ceremony शहर सीट से विधायक बने कपिल देव अग्रवाल को योगी सरकार के नए मंत्रीमंडल में दोबारा जगह उनके आलराउंड प्रदर्शन की बदलौत मिली है। विधायक से दूसरी बार मंत्री बने कपिल देव अग्रवाल जहां संघ के करीबी माने जाते हैं, वहीं संगठन में उनकी पकड़ कमजोर नहीं है। कांटे की टक्कर में सपा रालोद गठबंधन प्रत्याशी को हराकर कपिल देव अग्रवाल लगातार तीसरी बार विधानसभा में पहुंचे हैं।
पूर्व राज्यमंत्री स्व. चितरंजन स्वरूप तीन बार सदर सीट से विधायक रहे। उनके निधन के बाद हुए उप चुनाव में कपिल देव अग्रवाल ने बतौर भाजपा प्रत्याशी पूर्व राज्यमंत्री चितरंजन स्वरूप के बड़े बेटे गौरव स्वरूप को हराकर पहली बार विधानसभा की डगर पकड़ी। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भी पूर्व राज्यमंत्री चितरंजन स्वरूप के बेटे गौरव स्वरूप से कपिल देव अग्रवाल का मुकाबला हुआ। इसमें करीब साढ़े दस हजार मतों से जीत हासिल कर कपिल देव अग्रवाल विधानसभा पहुंचे। इस बार सपा रालोद गठबंधन ने गौरव स्वरूप का टिकट काटकर उनके भाई सौरभ स्वरूप को प्रत्याशी बनाया। सौरभ स्वरूप से कांटे की टक्कर के बीच कपिल देव अग्रवाल ने करीब 18 हजार मतों से जीत हासिल की। पिछली योगी सरकार में कपिल देव अग्रवाल कौशल विकास एवं व्यवसायिक शिक्षा के राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार बने थे। कपिल देव अग्रवाल को व्यवहारिकता और क्षेत्र में उपलब्धता के साथ-साथ संघ और संगठन की नजदीकी ने एक बार फिर मंत्री पद पर बैठा दिया है।
कम लोगों को इस सीट पर नसीब हुई तीसरी जीत
मुजफ्फरनगर जनपद की शहर सीट का गठन वर्ष 1951 में हुआ था। तब इस सीट का नाम मुजफ्फरनगर सेंट्रल था और पहले विधायक द्वारिका प्रसाद थे। वर्ष 1962 में केशव गुप्ता विधायक बने। वहीं 1969 में चौ. चरण सिंह की भारतीय क्रांति दल से सईद मुर्तजा ने केशव गुप्ता को पराजित किया। इस सीट पर वैश्य नेताओं का अधिक समय तक कब्जा रहा है। इसके साथ ही भाजपा, कांग्रेस और सपा प्रत्याशी जीतते रहे हैं। चौधरी चरण सिंह की भारतीय क्रांति दल के प्रत्याशी ने केवल एक बार चुनाव जीता, जबकि बसपा प्रत्याशी यहां से कभी विधायक नहीं बन पाए। इस सीट से जीतकर कई नेता मंत्री बनें, जिनमें विद्याभूषण, चितरंजन स्वरूप और मौजूदा विधायक विधायक कपिल अग्रवाल शामिल हैं। वर्ष 1991 से इस सीट पर सपा और भाजपा प्रत्याशी ही जीतते आए हैं। एक निर्दलीय प्रत्याशी भी इस सीट पर बधायक बने हैं। वर्ष 1967 में विष्णु स्वरूप निर्दलीय चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंचे थे। महिला प्रत्याशियों ने भी इस सीट पर पुरुषों को चुनौती दी है। इसमें वर्ष 1977 में जनता पार्टी के टिकट पर मालती शर्मा ने जीत दर्ज की थी। वर्ष 1985 में कांग्रेस से चारूशिला और वर्ष 1996 में भाजपा की सुशीला अग्रवाल विधायक बनी थीं।
सबके साथ-सबके विश्वास से करेंगे सबका विकास : कपिल देव अग्रवाल
योगी मंत्रिमंडल में जगह बनाने वाले कपिल देव अग्रवाल ने कहा कि जनता के बीच हमेशा रहता हूं। 12 महीनों में दिन-रात काम किया है और आगे भी करूंगा। अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिया है। नगर पालिका को नगर निगम बनवाएंगे। अतिक्रमण और जाम की समस्या है, जिसके निदान के लिए शहर के चारों ओर रिंग रोड बनवाई जा रही है। पानीपत-खटीमा राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण कराया। दूसरे 35 करोड़ की लागत से राजकीय इंटर कालेज में 500 सीट का हाल निर्माण को स्वीकृति कराई गई है। उन्होंने कहा कि पहले सबसे कस्बे के अंदर स्थित कारागार को शहर से बाहर शिफ्ट कराया जाएगा। दूसरे मुजफ्फरनगर तक रेपिड रेल को लेकर आएंगे और तीसरे नगर पालिका को नगर निगम कराने का कार्य किया जाएगा। सबके साथ-सबके विश्वास के साथ सबका विकास कराएंगे।
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