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Young Achievers: इंदौर से सिंगापुर तक पहलवानी के पदक जीत चुकी हैं मेरठ की गार्गी यादव

Young Achievers मेरठ में शिव शक्ति नगर गढ़ रोड निवासी गार्गी यादव वर्तमान में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय स्थित रुस्तम-ए-जमा दारा सिंह कुश्ती हॉल में कुश्ती के दांवपेच सीख रही हैं। पहलवान गार्गी यादव दक्षिण अफ्रीका तक पहुंच चुकी हैं।

By Prem BhattEdited By: Updated: Mon, 14 Dec 2020 09:00 AM (IST)
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गार्गी यादव ने अंतरराष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिताओं में कांस्य और रजत पदक कई जीते हैं।

मेरठ, [अमित तिवारी]। Young Achievers भारतीय कुश्ती के दाव पेंच दुनिया भर में मशहूर हो चुके हैं। भारत के पहलवान अपने शहर, प्रदेश और देश की सीमाओं को पार करते हुए विदेशी माटी पर भी देश के लिए लगातार पदक जीत रहे हैं। मेरठ की गार्गी यादव भी उन्हीं पहलवानों में से एक हैं जिन्होंने मेरठ से पहलवानी के दांव लगाना शुरू किया और दक्षिण अफ्रीका तक पहुंच चुकी है। अपने शहर, प्रदेश देश का नाम रोशन करते हुए वह लगातार कुश्ती के खेल में आगे बढ़ते हुए अपने जूनियर खिलाड़ियों को प्रेरित भी कर रही हैं। मेरठ में शिव शक्ति नगर गढ़ रोड निवासी गार्गी यादव पुत्री खेमचंद यादव वर्तमान में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय स्थित रुस्तम-ए-जमा दारा सिंह कुश्ती हॉल में कुश्ती के दांवपेच सीख रही हैं। गार्गी पहलवानी में अपनी सफलता की सीढ़ियों पर आगे बढ़ते हुए करीब 17 सालों से लगातार प्रतिभाग कर रही हैं। साल 2016 में गार्गी यश भारती पुरस्कार से नवाजी गई और साल 2017 में प्रदेश सरकार ने लक्ष्मीबाई पुरस्कार से सम्मानित किया।

विदेश में कांसा और चांदी जीती, अब सोने पर है नजर

गार्गी यादव ने अंतरराष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिताओं में कांस्य और रजत पदक कई जीते हैं। अब उन्हें स्वर्ण पदक जीतने का इंतजार है। अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में गार्गी ने साल 2009 में 9 जुलाई से 12 जुलाई तक फिलीपींस में आयोजित जूनियर एशियन फीमेल रेसलिंग चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था। हालांकि पहली अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में उन्होंने साल 2008 में ही हिस्सा लिया था। उस साल टर्की के इस्तांबुल में 19 जुलाई से 3 अगस्त तक जूनियर फीमेल वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप हुई थी। गार्गी ने पहले ही अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में पूरा जोर व आत्मविश्वास के साथ प्रतिभाग किया। पदक नहीं जीत पाई पर आत्मविश्वास बढ़ा। इसके बाद साल 2009 में ही 30 अक्टूबर से एक नवंबर तक भारत में ही जालंधर में आयोजित अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता शहीद भगत सिंह रेसलिंग टूर्नामेंट में गार्गी ने रजत पदक जीता।

2008 में भी उज्बेकिस्तान के ताशकंद में 25 जुलाई से 27 जुलाई तक आयोजित सब जूनियर फीमेल रेसलिंग चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था। उसी साल जुलाई में ही दोहा कतर में आयोजित एशियन जूनियर फीमेल रेसलिंग चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता। इसके बाद साल 2011 में जालंधर में हुई शहीद भगत सिंह मेमोरियल रेसलिंग टूर्नामेंट में कांस्य पदक जीता और साल 2012 में दिल्ली में हुई प्रथम हरिराम मेमोरियल इंटरनेशनल प्राइज मनी रेसलिंग टूर्नामेंट में पांचवें स्थान पर रहीं। 2016 में सिंगापुर में आयोजित कॉमनवेल्थ रेसलिंग चैंपियनशिप में गार्गी ने रजत पदक जीता तो 2018 में दक्षिण अफ्रीका में हुए कॉमनवेल्थ रेसलिंग चैंपियनशिप में भी रजत पदक अपने नाम किया।

राष्ट्रीय स्तर पर भी गार्गी ने जीते कई पदक

मेरठ की गार्गी यादव ने पढ़ाई के साथ-साथ ही कुश्ती प्रतियोगिताओं में लगातार प्रतिभाग किया और पदक जीतती गई। साल 2007 में शिवाजी यूनिवर्सिटी में आयोजित ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी रेसिंग चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था। 2008 में जालंधर में आयोजित सब जूनियर नेशनल रेसलिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक। उसी साल ओडिसा के पुरी में आयोजित जूनियर फीमेल फ्रेंडशिप में भी स्वर्ण पदक के साथ लौटी थी। इससे पहले साल 2005 में गार्गी ने सब जूनियर फीमेल रेसलिंग चैंपियनशिप में तीसरे स्थान पर रही थी। यह प्रतियोगिता पुणे में आयोजित की गई थी। 2009 में भोपाल में हुई सीनियर नेशनल में कांस्य पदक, 2010 में जूनियर नेशनल रोहतक में कांस्य पदक, 2007 में 33वें नेशनल गेम्स में भी कांस्य पदक जीत चुकी हैं। 2009 में गोंडा में जूनियर चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था।

2009 में ही चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी मेरठ में आयोजित ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी अपनी यूनिवर्सिटी के लिए गार्गी ने स्वर्ण जीता। साल 2010 में जयपुर और रांची में हुई ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी और सीनियर नेशनल में कांस्य पदक, 2011 रांची में सीनियर नेशनल में कांस्य पदक और उसी साल जम्मू में हुई जूनियर नेशनल में रजत पदक जीतकर लौटी। कुश्ती प्रतियोगिताओं में आगे बढ़ते हुए साल 2014 में मेरठ में हुई प्रतियोगिता में घर की कोई पदक नहीं जीत सकी, लेकिन 2015 के सीनियर नेशनल गोंडा में रजत पदक और 2015 में ही केरल के कन्नूर में हुए 35वें सीनियर नेशनल गेम्स में भी रजत पदक पर कब्जा जमा लिया। इसके बाद 2016, 2017 और 2018 में गोंडा, इंदौर और फिर गोंडा में आयोजित तीन सीनियर नेशनल रेसलिंग चैंपियनशिप में गार्गी ने लगातार रजत पदक जीते हैं। हालांकि जालंधर में 2019 में हुई सीनियर नेशनल चैंपियनशिप में पदक नहीं जीत सकी और अब अगली प्रतियोगिता का इंतजार कर रही हैं।

2003 में ही प्रदेश में जीते स्वर्ण पदक

स्कूली दिनों से ही कुश्ती का प्रशिक्षण शुरू कर चुकी गार्गी यादव ने प्रदेश स्तर पर पहला स्वर्ण पदक साल 2003 में एक से चार मई तक गाजियाबाद में आयोजित कैडेट फीमेल यूपी रेसलिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था। यह उनकी पहली प्रतियोगिता थी और पहला ही स्वर्ण पदक जीत लिया। इसके बाद लगातार चार प्रतियोगिताओं में भी वह स्वर्ण पदक जीतते हुए आगे बढ़ी। 2004 में बागपत के छपरौली में हुई यूपी कैडेट रेसलिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक, उसी साल गौतमबुधनगर में आयोजित यूपी जूनियर रेसलिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक, 2005 में हस्तिनापुर मेरठ में हुई सीनियर यूपी फीमेल रेसलिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक और 2006 में लखनऊ में हुई सीनियर यूपी स्टेट में भी स्वर्ण पदक जीता। 2007 में आजमगढ़ में हुई यूपी केसरी रेसलिंग चैंपियनशिप में रजत और 2008 में नवाबगंज में आयोजित सीनियर रेसलिंग चैंपियनशिप में एक बार फिर स्वर्ण पदक पर कब्जा किया। साल 2007 के जनवरी में आयोजित सीनियर यूपी रेसलिंग चैंपियनशिप और सितंबर में आयोजित जूनियर यूपी रेसलिंग चैंपियनशिप में भी गार्गी ने स्वर्ण पदक जीते थे।

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