Move to Jagran APP

मेरठ में पाई ट्रेनिंग, आतंकियों की दो गोली खाकर भी 'मैदान-ए-जंग' में डटा रहा 'जूम', पढ़ें यह खास रिपोर्ट

कश्मीर के अनंतनाग में आतंकी मुठभेड़ में सेना का जांबाज डाग जूम आतंकियों तक पहुंच गया। दो गोली लगने पर भी वह डटा रहा। इस दौरान सैनिकों ने आतंकियों का काम तमाम कर दिया। अभी जूम उपचाराधीन है। ओसामा-बगदादी के आपरेशन में भी इस नस्ल के कुत्‍ते शामिल रहे थे।

By Jagran NewsEdited By: Parveen VashishtaUpdated: Tue, 11 Oct 2022 05:50 PM (IST)
Hero Image
आतंकियों की दो गोली खाकर भी मैदान-ए-जंग में डटा रहा जूम
मेरठ, अमित तिवारी। Anantnag Encounter जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आपरेशन तांगपावा में घर में छिपे आतंकियों को खोजकर हमला करने वाला फौजी डाग जूम यूरोप की बेल्जियम शेफर्ड का प्रजातियों में से एक है। बेल्जियम मेलिनोस नाम से प्रचलित यह प्रजाति अमेरिकी स्पेशल फोर्स का भी हिस्सा है। ओसामा बिन लादेन और अबू बक्र अल-बगदादी को मार गिराने वाले आपरेशनों में बेल्जियम मेलिनोस ही शामिल था। उधर, जूम अस्पताल में उपचाराधीन है। 

कई देशों की सेनाएं कर रहीं इस्तेमाल 

अमेरिका के साथ-साथ जर्मनी, नीदरलैंड सहित कई यूरोपीय देश मेलिनोस प्रजाति का इस्तेमाल सशस्त्र सेनाओं में कर रहे हैं। यह प्रजाति इजराइल डिफेंस फोर्स के के-नाइन यूनिट का भी हिस्सा है। भारत में आइटीबीपी और एनएसजी कमांडो ने भी मेलिनोस को अपने फौजी श्वान दस्ते में शामिल किया है। 

मेरठ में हुआ प्रशिक्षण

सोमवार को अनंतनाग में छिपे आतंकी को खोज कर हमला करने वाले जूम का प्रशिक्षण मेरठ छावनी स्थित रिमाउंट वेटनरी कोर यानी आरवीसी सेंटर एंड कालेज में हुआ था। 36 सप्ताह के प्रशिक्षण के बाद करीब आठ महीने पहले ही जूम की तैनाती अनंतनाग में हुई थी। यह गहन प्रशिक्षण का ही परिणाम है कि जबड़े और पांव में गोली लगने के बाद भी जूम हमलावर रहा और अपने हैंडलर के आवाज लगाते ही वापस सैन्य टुकड़ी के पास पहुंच गया। 

इशारे पर करते हैं हमला

फौजी श्वान जूम यूरोप के बेल्जियम शेफर्ड प्रजाति का मेलिनोस ब्रीड है। इसे बेल्जियन मेलिनोस के नाम से जाना जाता है। यह बेहद फुर्तीला, सतर्क, परिश्रमी, आत्मविश्वास से भरपूर, मिलनसार और रक्षात्मक स्वभाव का श्वान है। जूम हमलावर श्वान है और इसका इस्तेमाल आतंकियों को खोजने और मार गिराने के आपरेशनों में ही होता है। सैन्य टुकड़ी के साथ यह बेहद शांति से आगे बढ़ता है और हैंडलर के इशारा करने पर ही छिपे आतंकी की खोज में जाता है और हमला करता है। बेल्जियम मेलिनोस का फ्रेंच नाम फ्लेमिश है और यह फ्रांस के मेचलेन शहर से ताल्लुक रखता है। 

आरवीसी को 2019 में मिली ब्रीडिंग की अनुमति

आरवीसी सेंटर एंड कालेज को वर्ष 2019 के आखिरी महीने में बेल्जियम मेलिनोस की ब्रीडिंग की अनुमति मिली थी। 12 सप्ताह अनुशासनात्मक प्रशिक्षण के बाद योग्यता के अनुरूप असाल्ट डाग के तौर पर प्रशिक्षण दिया जाता है। जूम का भी आरवीसी में प्रशिक्षण पूरा होने के बाद फील्ड ट्रेनिंग व ड्यूटी के लिए जम्मू-कश्मीर में तैनात किया गया था। आरवीसी में प्रशिक्षण के बाद फौजी श्वान के साथ उनके हैंडलर को भी सेना की डाग यूनिटों में साथ तैनाती मिलती है। 

जुलाई में साथी एक्सल हुआ बलिदान

जम्मू-कश्मीर के बारामूला में गत 22 जुलाई को फौजी श्वान एक्सल आपरेशन के दौरान बलिदान हुआ था। जूम की तैनाती भी एक्सल के साथ ही हुई थी। सेना सूत्रों के अनुसार अस्पताल में इलाज के बाद जूम की हालत स्थिर है। सेना ने एक्सल को भी श्रद्धांजलि अर्पित की थी।

यह भी पढ़ें: दो गोली खाकर भी आतंकियों के सामने डटा रहा 'जूम', ऐसे की सेना की मदद

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।