मीरजापुर में गंगा में बुजुर्ग महिला ने लगाई छलांग, 24 घंटे बाद चंदौली में जिंदा बहते मिली, अस्पताल में भर्ती
मीरजापुर जिले में गंगा नदी में बुजुर्ग महिला ने मरने के लिए छलांग लगा दी लेकिन होनी को कुछ और मंजूर था। वह महिला चौबीस घंटों के बाद चंदौली जिले में जिंदा नदी में बहते हुए नाविकों को मिली।
By Abhishek SharmaEdited By: Updated: Sat, 22 Oct 2022 09:45 AM (IST)
मीरजापुर, जागरण संवाददाता। 'जाको राखे साइयां मार सके न कोय' की कहावत मीरजापुर जिले की एक बुजुर्ग महिला पर चरितार्थ हुई जब वह मीरजापुर में गंगा नदी में जान देने के लिए कूद गई और फिर अगले दिन वह चौबीस घंटे के बाद चंदौली जिले में गंगा नदी में बहते हुए सही सलामत नाविकों को मिली। हालांकि, नदी में होने की वजह से बुजुर्ग महिला की हालत गंभीर बनी होने की वजह से उसे वाराणसी ट्रामा सेंटर रेफर किया गया है।
गंगा नदी की धार में बहते हुए चंदौली पहुंची वृद्ध महिला को बचाने वाले नाविकों ने बताया कि उनकी हालत गम्भीर थी मगर हाथ पैर चलते देखकर अंदाजा लगाया कि वह जीवित हैं और उनको बचाने का प्रयास शुरू किया गया। मीरजापुर जिले के जिगना थाना क्षेत्र के कोलेपुर गांव निवासी एक बुजुर्ग महिला को चंदौली जिले अलीपुर थाना क्षेत्र के कैली गांव के सामने गंगा नदी में बहते हुए देख बेहोशी हाल में नाविकों ने निकालकर पुलिस को सूचना दी और एम्बुलेंस की सहायता से जिला हास्पिटल भेजवाया।
अधिक देर तक पानी में होने के कारण बेहोशी हाल में चिकित्सक ने वाराणसी के ट्रामा सेंटर को रेफर कर दिया। जहां पर उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। इकलौते बेटे राधेश्याम शर्मा ने बताया कि बुधवार की सुबह दस बजे बहू से मामूली विवाद के बाद नाराज होकर मां सत्ती देवी (65 वर्ष) घर से निकल गईं थीं। बेटे ने बताया कि वह मायके जाने की बात कहकर निकली थीं। उनका मायका भदोही जिले में गोपीगंज थाना क्षेत्र के बैरी बीसा गांव में है। वहां जाने के लिए डंगहर गांव के घाट से नाव से पार उतरना पड़ता है।
माना जा रहा है कि वह लोगों से नजर बचाकर गंगा नदी के गहरे पानी में चली गईं। चौबीस घंटों के बाद गुरुवार की दोपहर में उनको चंदौली जिले में नाविकों ने बाहर निकाला और उनको अस्पताल भिजवाया। फिलहाल उसका वाराणसी ट्रामा सेंटर में इलाज चल रहा है। परिजनों के अनुसार वह बुधवार की सुबह निकलीं और गुरुवार की दोपहर चंदौली जिले में बरामदगी के दौरान लगभग 24 घण्टे नदी में संभवत: थीं।
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