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मीरजापुर में एक माह में डेंगू से पांच लोगों की मौत, बैंक अधिकारी ने वाराणसी में इलाज के दौरान तोड़ा दम

मीरजापुर जिले में एक माह में डेंगू से पांच लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं बीते दिनों डेंगू से बैंक अधिकारी की वाराणसी में इलाज के दौरान मौत ने जिले में डेंगू की भयावहता की कहानी कहनी शुरू कर दी है।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek sharmaUpdated: Sun, 09 Oct 2022 11:13 AM (IST)
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मीरजापुर जिले में डेंगू से अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है।

मीरजापुर, जागरण संवाददाता। जनपद में एक माह के अंदर डेंगू रोग से पांच लोगों की मौत होने की जानकारी सामने आई है। इसमें आठ अक्टूबर को बैंक आफिसर रिशु की मृत्यु को लेकर अबतक एक माह के अंदर पांच लोगों की मौत से लोग परेशान हो गए है।

इसमें कजरहवा मुहल्ले में 70 वर्षीय रिटायर्ड दारोगा विश्राम सोनकर की मौत इसी अवधि में हो गई जबकि नगर के छोटी बसही मुहल्ले में राजेंद्र सोनकर की 45 वर्षीया पत्नी, पारस सोनकर का 15 वर्षीय बेटा, पक्के पुल के लालजी की पुत्रवधू की मृत्यु डेंगू बीमारी से बताई जा रही है।

छोटी बसही की मौर्य, बिंद तथा सोनकर बस्ती में अनेक घरों में डेंगू से लोग पीड़ित हैं। हालांकि इस संबद्ध में सीएमओ राजेन्द्र प्रसाद का कहना है कि जनपद में डेंगू से किसी की मौत नही हुई है। निजी चिकित्सालयों में लोगों व दूसरे जनपद में किसी की मौत हुई हो तो नही बता सकते है।

मीरजापुर के शुक्लहा निवासी बैंक अधिकारी की डेंगू से मौत

डेंगू की चपेट में आने से बैंक अधिकारी रिशु की शनिवार को मौत हो गई। बताया जाता है कि उनके पिता विनोद चंद शुक्ल दारोगा हैं जो जनपद के पुलिस लाइन के रेडियो सर्विस अनुभाग में तैनात हैं। रिशु मूल रूप से प्रयागराज के हड़िया के रहने वाले थे। वर्तमान में इनके पिता देहात कोतवाली के शुक्लहा इलाके में मकान बनाकर रहते हैं। रिशु भदोही जनपद के औराई स्थित यूनियन बैंक में मैनेजर के रूप में कार्यरत थे, जबकि बड़े भाई मीरजापुर के यूनियन बैंक के मुख्य ब्रांच में मैनेजर हैं।

जिले में डेंगू के अब तक तीन सौ से अधिक मरीज चिह्नित किए जा चुके हैं। मरीजों से मंडलीय चिकिसालय का पूरा वार्ड फुल हो गया है। हालांकि उनके इलाज के लिए मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. आरबी कमल ने 24 घंटे डाक्टरों की ड्यूटी वार्ड में लगा दी है। 30 वर्षीय रिशु चार दिन पूर्व बीमार हुए थे। उन्हें शहर कोतवाली के मिशन कंपाउंड स्थित एक डाक्टर के यहां इलाज के लिए भर्ती कराया गया था।

सुधार न होने पर संगमोहाल के पास एक हास्पिटल में ले जाया गया। यहां भी सुधार नहीं हुआ तो जंगीरोड स्थित अस्पताल ले जाया गया। वहां से डाक्टरों ने वाराणसी रेफर कर दिया। इसके बाद हेरिटेज अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उपचार के दौरान मौत हो गई। बताया गया कि रिशु का प्लेटलेट्स तो 95 हजार तक पहुंच गया था लेकिन फीवर अधिक होने के कारण उनकी मौत हो गई। रिशु का विवाह दो साल पहले ही हुआ था।

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