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मीरजापुर के लोगों के लिए खुशखबरी, 7.49 करोड़ की लागत से 6.5 किलोमीटर लंबी सड़क का होगा निर्माण

मीरजापुर के लोगों के लिए खुशखबरी है। मीरजापुर जिले के सीखड़ क्षेत्र में गंगा घाट से खैरा चौराहा होते हुए राजातालाब तक जाने वाली सड़क के निर्माण से ग्रामीणों में खुशी की लहर है। इस सड़क के बनने से एक दर्जन से अधिक गांवों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। सड़क निर्माण को लेकर ग्रामीण भी काफी खुश नजर आ रहे हैं।

By Prashant Kumar Yadav Edited By: Abhishek Pandey Updated: Tue, 22 Oct 2024 03:34 PM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर
संवाद सूत्र, सीखड़ (मीरजापुर)। स्थानीय गंगा घाट से खैरा चौराहा होते हुए राजातालाब तक जाने वाला मार्ग सीखड़ क्षेत्र को वाराणसी से जोड़ता है। सीखड़ से चुनार और मंगरहा को जोड़ने के लिए नवीन सड़कें तो बनाई गई परंतु यह बदतर होती चली गई।

हालत यह हो गई थी कि इस पर आप चार पहिया वाहन तो छोड़िए, दो पहिया वाहन भी बड़ी मशक्कत के बाद गुजर पाते थे, क्योंकि इस सड़क पर एक तरफ जहां अतिक्रमण होता चला गया, वहीं दूसरी तरफ जगह-जगह नाले का बहाव होने लगा जिससे जगह-जगह घुटनों तक कीचड़ सड़क पर जमा होने लगा था।

दैनिक जागरण ने इसे कई बार प्रकाशित किया तब जाकर अब इस मार्ग के दिन बहुरे हैं। सड़क निर्माण को लेकर ग्रामीण भी काफी खुश नजर आ रहे हैं।

18 फीट चौड़ी सड़क का नई तकनीक से निर्माण

6.5 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण 7.49 करोड़ रुपए की लागत से ग्रामीण अभियंत्रण विभाग द्वारा एकदम नई तकनीक से ये सड़क बनाई जा रही। साथ ही अगले पांच वर्षाें के लिए अनुरक्षण की लागत 59.96 लाख रुपये है। निर्माण के दौरान सड़क की चौड़ाई दोगुनी होकर 18 फीट हो रही है।

साथ ही दोनों तरफ 6-6 फीट पटरी का निर्माण कराया जाएगा। अब यह सड़क राजातालाब से जक्खिनी होते हुए खैरा तक जितनी चौड़ी आ रही है उतना ही अब यह आगे बढ़कर सीखड़ गंगा घाट तक हो जाएगी। जिससे लोगों को वाराणसी आने जाने में काफी सहूलियत होगी।

नई तकनीक का होगा प्रयोग

इसके लिए पहले सड़क को पूरी तरह से उखाड़ा जाएगा फिर उसको वहीं पर दोबारा दबाकर उस पर गिट्टी और सूखा सीमेंट मिक्स कर के दोबारा दबाया जाएगा। इसके बाद इस पर पानी डालकर इसको मजबूत किया जाएगा फिर इसके ऊपर सड़क का निर्माण होगा। कार्यदायी विभाग द्वारा साल भर पहले करीब 100 मीटर सड़क निर्माण कराकर लैब में भेजा गया और उसकी गुणवत्ता जांची गई तदोपरांत दोबारा भी कुछ और सुधार कराकर गुणवत्ता जांच कराने के बाद सड़क का निर्माण कार्य प्रारंभ कराया गया था।

एक दर्जन से अधिक गांव होंगे लाभान्वित

इस मार्ग के बनने से एक दर्जन से अधिक गांवों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। जिसमें सीखड़, लालपुर, गोरैयां, रामगढ़, प्रेमापुर, फुलहां, हांसीपुर, खैंरा, पचरांव, बटौवां, भुवालपुर आदि गांव शामिल हैं। इसी के साथ सिंधोरा घाट से इस पार आने वाले लोगों को भी इसका फायदा मिलेगा जिससे इन क्षेत्रों को विकास का एक नया मार्ग मिलेगा।

मनमानी को लेकर ग्रामीणों की नाराजगी भी सड़क बनने से जहां लोग खुशी व्यक्त कर रहे हैं वहीं कुछ लोग सड़क पर काबिज जमीनों को बचाने का भी भरपूर प्रयास कर रहे हैं। फलस्वरूप दूसरे किसानों की जमीन ज्यादा सड़क में ठेकेदार द्वारा मनमाने तरीके से ले ली जा रही है जिससे गरीब किसान ठेकेदार के मनमाने व्यवहार से परेशान हैं। उसको लेकर आए दिन सड़क ठेकेदार और जेई से ग्रामीणों की तकझक हो रही है। कुछ किसानों द्वारा तो बाकायदा उप जिलाधिकारी को भी लिखित शिकायत की गई है।

ग्रामीणों ने उच्च अधिकारियों से जेई के द्वारा फोन नहीं उठाने और उनकी बातों को अनसुना कर मनमाने ढंग से काम कराने पर उनको यहां से हटाने के साथ ही ठेकेदार के आदमी को बदलने की मांग की है। इसके बारे में अभी मुझे जानकारी नहीं है। जेई आदि से जानकारी लेकर वह खुद मौके पर जाकर देखेंगी की क्या मामला है। पूजारानी, अधिशासी अभियंता, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग।

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