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निजीकरण के विरोध में बैंकों में लटके रहे ताले, आमजन परेशान

जागरण संवाददाता मीरजापुर यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) एवं यूनाइटेड फो

By JagranEdited By: Updated: Mon, 15 Mar 2021 06:19 PM (IST)
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निजीकरण के विरोध में बैंकों में लटके रहे ताले, आमजन परेशान
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) एवं यूनाइटेड फोरम आफ आरआरबी यूनियन (यूएफआरआरबीयू) के संयुक्त आह्वान पर दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल सोमवार से शुरू हुई। इससे आमजन को परेशानी का सामना करना पड़ा। बैंककर्मी ग्रामीण बैंकों में भी 11वें वेतन समझौते को पूर्ण रूप से तत्काल लागू करने, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण की नीति को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। हड़ताल के चलते बैंक की सभी शाखाओं में पूर्णतया तालाबंदी रही। साथ ही हड़ताल से लगभग तीन सौ करोड़ रुपये का लेनदेन प्रभावित रहा।

यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियन्स के जिला संयोजक सुरेश पांडेय के नेतृत्व में बैंक कर्मचारियों ने डंकीनगंज शाखा पर एकत्र होकर सरकार के तानाशाही रवैए के खिलाफ प्रदर्शन किया। हड़ताल को सफल बनाने के लिए बैंक कर्मियों ने जुलूस निकाला और संपर्क किया। जिलाध्यक्ष गिरजाशंकर, आशीष मिश्रा, विनय सिंह, विकास चंद्र, अनूप वत्स, पुनीत जायसवाल, संजीव पांडेय, राकेश, अश्वनी, शशि शेखर पांडेय, पंकज, रितेश, योगेंद्र बहादुर आदि ने विचार व्यक्त किया। भरुहना स्थित कार्यालय परिसर में आर्यावर्त बैंक आफिसर्स एसोसिएशन व इम्प्लाइज एसोसिएशन (अरेबिया) मीरजापुर व सोनभद्र के तत्वावधान में बैंक कर्मियों ने प्रदर्शन किया। आर्यावर्त बैंक इम्पलाइज एसोसिएशन अध्यक्ष निखिल सिंह ने संशोधित पदोन्नति प्रक्रिया लागू करने, एनपीएस व्यवस्था समाप्त कर पुरानी पेंशन 1993-95 लागू करने और दैनिक वेतन भोगी कर्मियों को नियमित करने की मांग कर रहे हैं। महामंत्री कमल कुमार त्रिपाठी ने कहा कि हड़ताल न केवल किसी एक या दो बैंक को बचाने के लिए हो रही है, बल्कि आने वाले समय में पूरे बैंकिग उद्योग पर मंडराते खतरे व उनसे जुड़े सभी पुराने व नए कर्मचारियों व अधिकारियों के हितों की रक्षा के लिए ही हो रही है। शक्ति विशाल सिंह ने कहा कि हम यह बिल्कुल भी न समझें कि इस हड़ताल से हमारा कोई भी संबंध नहीं है या यह हड़ताल हमारे लिए नहीं है। निकट भविष्य में हम भी इससे अछूते नहीं रहेंगे, आगे आने वाले समय में इसका असर हमारे ग्रामीण बैंकों व हमसब पर भी निश्चित रूप से पड़ेगा। महेश यादव, शानू सिंह, प्रेम शाह, रत्नेश श्रीवास्तव, अमरनाथ श्रीवास्तव ने अपने विचार व्यक्त किया। हड़ताल को बैंकों ने दिया समर्थन

यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियन्स के तत्वावधान में दो दिवसीय हड़ताल के विभिन्न बैंकों ने समर्थन दिया। आइडीबीआइ, पीएनबी, एक्सिस बैंक, बैंक आफ बड़ौदा, इंडेस बैंक, विजया बैंक, बैंक आफ इंडिया, यूनियन बैंक आइसीआइसीआइ बैंक ने हड़ताल को समर्थन दिया। बैंक कर्मियों ने जुलूस निकाला। हड़ताल से 250-300 करोड़ की क्लीयरिग प्रभावित

यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियन्स के तत्वावधान हड़ताल के पहले दिन सभी बैंकों में लगभग 250 से 300 करोड़ से अधिक के चेक की क्लीयरिग प्रभावित हुई है। अकेले आर्यावर्त बैंक में ही लगभग 25 करोड़ का लेन-देन प्रभावित हुआ है। बैंक कर्मचारियों की प्रमुख मांगे -

- ग्रामीण बैंकों में भी 11वें वेतन समझौते को पूर्ण रूप से तत्काल लागू करना।

- सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण की नीति को वापस करना।

- संशोधित पदोन्नति प्रक्रिया लागू करना।

- एनपीएस व्यवस्था समाप्त कर पुरानी पेंशन लागू करना।

- दैनिक वेतन भोगी कर्मियों को नियमित करना।

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