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बीस तक ट्रेनों में कंफर्म बर्थ मिलना मुश्किल, वेटिग सहारा

मुंबई हावड़ा दिल्ली व सूरत तथा अन्य स्टेशनों को जाने के लिए अप व डाउन के लिए विभिन्न ट्रेनों में कंफर्म बर्थ पंद्रह व बीस दिसंबर तक मिलना मुश्किल है। अगर ज्यादा जरूरत है तो वेटिग के सहारे ही अपना सफर तय कर सकते है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 04 Nov 2019 07:34 PM (IST)Updated: Mon, 04 Nov 2019 07:34 PM (IST)
बीस तक ट्रेनों में कंफर्म बर्थ मिलना मुश्किल, वेटिग सहारा

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : मुंबई, हावड़ा, दिल्ली व सूरत तथा अन्य स्टेशनों को जाने के लिए अप व डाउन के लिए विभिन्न ट्रेनों में कंफर्म बर्थ पंद्रह व बीस दिसंबर तक मिलना मुश्किल है। अगर ज्यादा जरूरत है तो वेटिग के सहारे ही अपना सफर तय कर सकते है। डाला छठ पूजा समाप्त होने के बाद से ट्रेनों में जगह खाली नहीं होने के कारण कंफर्म बर्थ नहीं मिल रहा है। हालांकि लोग तीन माह पूर्व ट्रेनों में अप व डाउन के लिए बर्थ बुक करा चुके है जिसके कारण सिर्फ वेटिग ही मिल रही है।

इन दिनों रेलवे आरक्षित काउंटर पर हावड़ा, मुंबई तथा सूरत जाने के लिए ट्रेनों में बर्थ बुक कराने के लिए लोगों की लंबी-लंबी लाइनें सुबह से लेकर देर शाम तक लग रही है। काउंटर के समीप पहुंचते ही काउंटर के अंदर बैठे बाबू को फार्म जब देते है तो फार्म लेते ही अंदर से आवाज आती है कि कंफर्म बर्थ नहीं मिलेगा अगर कहे तो वेटिग मिलेगा। ऐसे में लोग विवश होकर वेटिग के लिए टिकट बुक कराने को विवश है। वही कई लोग फार्म वापस लेकर ई टिकट सेंटरों पर जाकर बर्थ बुक कराने के लिए परेशान होते है लेकिन वहां से भी निराशा ही हाथ लगती है तो दूसरे दिन पुन: रेलवे आरक्षित काउंटर पर पहुंचकर वेटिग टिकट लेते है।

वर्जन

इन ट्रेनों में नहीं मिल रही बर्थ

दिल्ली व हावड़ा की तरफ जाने वाली ट्रेन पुरुषोत्तम एक्सप्रेस, ब्रह्मपुत्र एक्सप्रेस, जोधपुर हावड़ा, कालका मेल, संपूर्णक्रांति एक्सप्रेस में बीस तक कंफर्म बर्थ नहीं मिलेगी। इसी तरह मुंबई की तरफ जाने वाली महानगरी एक्सप्रेस, मुंबई मेल, भागलपुर-कुर्ला, कामख्या एक्सप्रेयस, मुंबई जनता तथा सूरत के लिए ताप्ती एक्सप्रेस में पंद्रह नवंबर तक कंफर्म बर्थ मिलना मुश्किल है। वर्जन

मुंबई, हावड़ा तथा सूरत और दिल्ली जाने के लिए 15 व बीस नवंबर के बाद से ही कंफर्म बर्थ मिलेगी, छठ पूजा के बाद लोगों की वापसी के चलते भीड़ ट्रेनों में भीड़ के चलते कंफर्म नहीं मिल रहा है।

विपिन कुमार आरक्षण पर्यवेक्षक।


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