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भगवान भाष्कर ने नहीं दिए दर्शन, बर्फीली हवा से सड़कों पर सन्नाटा

-नगर के अलावा गांवों में दुबके रहे लोग जनजीवन अस्तव्यस्त -कोहरे के चलते हेडलाइट जलाकर सड

By JagranEdited By: Updated: Sun, 17 Jan 2021 06:45 PM (IST)
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भगवान भाष्कर ने नहीं दिए दर्शन, बर्फीली हवा से सड़कों पर सन्नाटा

-नगर के अलावा गांवों में दुबके रहे लोग, जनजीवन अस्तव्यस्त

-कोहरे के चलते हेडलाइट जलाकर सड़क पर रेंगते रहे वाहन

-राजगढ़, कलवारी व हलिया क्षेत्रों में नहीं जले अलाव, आक्रोश

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : लगातार पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी से ठंड व गलन बढ़ती ही जा रही है। रविवार को पूरे दिन भगवान भाष्कर ने दर्शन नहीं दिए। दिनभर बर्फीली हवाएं चलती रही। शीतलहरी व गलन के चलते जनपदवासी ठिठुरते रहे, सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। जगह-जगह लोग अलाव जलाकर ठंड से बचने का प्रयास करते रहे। सुबह दस बजे तक कोहरे के चलते सड़कों पर वाहन हेडलाइट जलाकर रेंगते हुए नजर आए। हालांकि ठंड और गलन से सबसे ज्यादा परेशान बेसहारा पशुओं के साथ गरीब तबके के लोग नजर आए। नगर के अलावा गांवों में भी लोग घरों में दुबके रहे। ठंडी के बावजूद प्रशासन ग्रामीण इलाके में अलाव नहीं जलवा रहा है।

लगातार चार दिनों से ठंड व गलन के चलते लोगों का जनजीवन अस्तव्यवस्त हो गया। शनिवार की शाम होते ही कोहरे ने अपनी चादर फैला दिया जो देर सुबह तक रही। रात में शीतलहरी हवा चलती रही। इसके कारण सड़कों पर लोगों की आवाजाही कम दिखी, लेकिन रेलवे स्टेशन, रोडवेज परिसर तथा निजी बस स्टैंड पर अलाव जलाकर राहगीर व यात्री हाथ सेंकते हुए नजर आए। रैन बसेरा भी यात्रियों से भरी रही। हालांकि रोडवेज व रेलवे स्टेशन पर रैन बसेरा का अस्थायी निर्माण कराया गया है, लेकिन इसमें सिर्फ बीस लोगों के ठहरने की व्यवस्था की गई है। इसके कारण रेलवे स्टेशन पर खुले आसमान के नीचे कंबल के सहारे रात बिताने को विवश रहे। कोहरे के चलते फसलों पर पड़ा असर

राजगढ़ : विकास खंड क्षेत्र में कोहरे ने दस्तक दी है। रविवार की सुबह वाहनों की रफ्तार धीमी हो गई। शनिवार की रात से दूसरे दिन रविवार की सुबह तक घने कोहरे की चादर छाई रही। कोहरे का अधिक असर तिलहन और दलहन की फसलों पर पड़ेगा, आलू की फसल भी प्रभावित होगी। क्षेत्र में प्रशासन ने अभी तक ठंड से बचने के कोई इंतजाम नहीं किए हैं न तो अलाव जले हैं और न ही बेसहारा लोगों को सर्दी से बचने के लिए कंबल बांटा। कड़ाके की ठंड में से मनुष्य ही नहीं बेसहारा पशु भी बेहाल

कलवारी : क्षेत्र में बढ़ी गलन से आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गई है। बर्फीली हवाओं से गलन बढ़ी धूप न निकलने से ठंड का प्रकोप अपने चरम पर है। हाड़कपा देने वाली ठंड से मनुष्य ही नहीं पशु-पक्षी भी बेहाल है। मनुष्य तो किसी तरीके से ठंड से बचाव कर ले रहे हैं और रहने के लिए छत का आश्रय है, लेकिन बेसहारा पशुओं के लिए कोई आश्रय नहीं है। इससे इस कड़ाके की ठंड में पशुओं का हाल बेहाल है। क्षेत्र में पशु आश्रय की मांग किसान पहले से ही करते आ रहे हैं, लेकिन क्षेत्र में अभी तक पशु आश्रय का निर्माण नहीं कराया गया। शासन द्वारा अलाव की व्यवस्था न किए जाने से राहगीरों व ग्रामीण इस कड़ाके की ठंड में गलन से बेहाल है। अभी तक नहीं जले बाजार में अलाव

हलिया : पिछले तीन दिनों से ठंड बढ़ गई है और गलन भी बढ़ी है। रविवार को कड़ाके की ठंड व कोहरे से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। ठंड लोग ठिठुर रहे हैं। ठंड से दिनभर लोग कंपकपाते नजर आए। सबसे बुरा हाल ठंड से गरीब तबके के लोगों का रहा। वह सर्द हवाओं के बीच जगह-जगह ठिठुरे नजर आए। दस बजे तक कोहरे की वजह से सामने से दिख नहीं रहा था। इसकी वजह से वाहन रेंगते हुए चल रहे थे। तहसील प्रशासन की ओर से हलिया जीप स्टैंड, भटवारी चौराहा,ब्लाक मुख्यालय, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र,रतेह चौरहा सहित अन्य स्थानों पर अलाव की व्यवस्था भी नहीं की गई।

कड़ाके की सर्दी से सहमे लोग दुबके रहे रजाईयों में

चुनार : पिछले तीन दिनों से लगातार सुबह शाम छा रहे कोहरे के साथ बढ़ी गलन ने आम जनजीवन किया है। रविवार को पूरे दिन भगवान भाष्कर के दर्शन नहीं होने और तापमान गिरने के कारण लोग बाग घरों में दुबके रहे। वहीं कोहरे के कारण सुबह सवेरे वाहन सड़कों पर बेहद धीमी गति से रेंगते नजर आए। ठंड व गलन के कारण बाजारों में सन्नाटा सा पसरा रहा और बाजार में दुकानें भी जल्दी बंद हो गई। छुट्टी का दिन होने के चलते अधिकतर लोग पूरा दिन घरों में ही दुबके रहे।

जमालपुर : क्षेत्र में कड़ाके की ठंड का कहर लगातार जारी है। रविवार को कोहरे और आसमान मे छाएं बादलों से सूर्यदेव के दर्शन नही हुए। क्षेत्र में पड़ रही भीषण ठंड से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। ठंडी हवाओं से सर्दी मे इजाफा हो गया और लोग सर्दी से बचने के लिए आग जलाकर समूह मे सेंकते दिखाई दिए।

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