Navaratri: विंध्यधाम में अब नहीं चलेगी तीर्थ-पुरोहित की मनमानी, इस बार प्रशासन ने की विशेष तैयारी
Vindhya Dham शारदीय नवरात्र मेले में इस बार विंध्यधाम में किसी की मनमानी नहीं चलेगी। प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है। मां विंध्यवासिनी के चरणस्पर्श व निकास द्वार से प्रवेश तो पूरी तरह से प्रतिबंधित है। आम श्रद्धालु निर्माणाधीन विंध्यधाम परिसर में बने हवन कुंड में हवन पूजन कर सकेंगे। विंध्यधाम में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त हैं। मंदिर तक पहुंचने के लिए मार्ग तय हैं।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर। शारदीय नवरात्र मेले में इस बार विंध्यधाम में किसी की मनमानी नहीं चलेगी। प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है। मां विंध्यवासिनी के चरणस्पर्श व निकास द्वार से प्रवेश तो पूरी तरह से प्रतिबंधित है।
आम श्रद्धालु निर्माणाधीन विंध्यधाम परिसर में बने हवन कुंड में हवन पूजन कर सकेंगे। विंध्यधाम में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त हैं। मंदिर तक पहुंचने के लिए मार्ग तय हैं। इसके साथ ही तीर्थ पुरोहितों के लिए भी ड्रेस तय की गई है।
पुरोहित बिना पारंपरिक परिधान और परिचय पत्र के किसी को दर्शन नहीं करा पाएंगे। तीर्थ पुरोहित लाल कुर्ता और पीली धोती पहनेंगे। धोती-कुर्ता नहीं होने की स्थिति में कुर्ता-पायजामा भी लाल और पीला रंग का ही होगा।
आम श्रद्धालुओं के लिए बनाए गए चार मार्ग
धाम सुरक्षा प्रभारी सीपी पांडेय ने बताया कि मंदिर तक पहुंचने के लिए आम श्रद्धालुओं के लिए चार मार्ग बनाए गए हैं, जिससे आसानी से गर्भगृह पहुंचकर मां विंध्यवासिनी का दर्शन कर पाएंगे। शारदीय नवरात्र मेले के लिए निर्धारित मार्गप्रथम मार्ग - न्यू वीआइपी मार्ग से आम श्रद्धालु व तीर्थ पुरोहितों के जजमान जाएंगे। इसके बाद प्रथम गर्भगृह से मां दर्शन करने उपरांत मंदिर के पूर्व तरफ थाना गली की तरफ निकलेंगे।
दूसरा मार्ग- जयपुरिया गली मार्ग और पक्काघाट से स्नान कर आएंगे वें लोग मंदिर के उत्तर दिशा से गर्भगृह के द्वितीय प्रवेश द्वार से जाकर मां का दर्शन करने के बाद मंदिर के पूर्व तरफ निकास द्वार से बाहर जाएंगे।
तीसरा मार्ग- सबसे ज्यादा भीड़ थाना गली से होती है। ऐसे में जो श्रद्धालु आएंगे वे लोगों में से अगर कोई गंगा स्नान करता है या गर्भगृह द्वितीय से दर्शन करना चाहता है तो पक्काघाट की तरफ से आकर मंदिरधाम में लाइन में लगकर मां का दर्शन करने के लिए जाएंगे।
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चौथा मार्ग- शेष लोग कोतवाली मार्ग से झांकी दर्शन के लिए जाएंगे वें भी मंदिर के पूर्व तरफ ही निकलेंगे और अपने गंतव्य को रवाना होंगे। पुरानी वीआइपी मार्ग से जाएंगे प्रोटोकाल के लोग - मंत्री और अन्य उच्चाधिकारी के लोग पुरानी वीआइपी मार्ग से आएंगे। इसके बाद राधा-कृष्ण मंदिर की तरफ से होते हुए गर्भगृह प्रथम द्वार से प्रवेश कर मां विंध्यवासिनी का दर्शन पूजन कर सकेंगे।