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जीना इसी का नाम है का आनलाइन विमोचन

अनिल अंकित द्वारा लिखी गई पुस्तक जीना इसी का नाम है का विमोचन आनलाइन मीरजापुर से किया गया। आजादी के 75वें वर्षगांठ को ध्यान में रखते हुए इस पुस्तक में अनिल अंकित ने 75 कविताएं शामिल की हैं। पुस्तक विमोचन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एटीसी लाजिस्टिक्स नई दिल्ली के सीइओ विकास शेखर रहे।

By JagranEdited By: Updated: Sun, 24 Oct 2021 06:41 PM (IST)
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जीना इसी का नाम है का आनलाइन विमोचन

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : अनिल अंकित द्वारा लिखी गई पुस्तक 'जीना इसी का नाम है' का विमोचन आनलाइन मीरजापुर से किया गया। आजादी के 75वें वर्षगांठ को ध्यान में रखते हुए इस पुस्तक में अनिल अंकित ने 75 कविताएं शामिल की हैं। पुस्तक विमोचन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एटीसी लाजिस्टिक्स नई दिल्ली के सीइओ विकास शेखर रहे।

अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार भोलानाथ कुशवाहा ने की। विशिष्ट अतिथि रायपुर के मशहूर व्यंगकार गिरीश पंकज और लोकबंधु राजनारायण स्मरण पीठ के निदेशक गोपाल राय दिल्ली से आनलाइन रहे। पुस्तक के रचयिता अनिल अंकित की उपस्थिति में अतिथि तथा अध्यक्ष ने 'जीना इसी का नाम है' पुस्तक का आनलाइन विमोचन किया। प्रारंभ स्मिता श्रीवास्तव की सरस्वती वंदना से हुआ। 'जीना इसी का नाम है' पुस्तक के बारे में मुख्य अतिथि ने अपने वक्तव्य में कहा की इस पुस्तक में जीवन के विविध प्रसंग शामिल हैं जो लेखक के व्यक्तित्व को प्रदर्शित करता है।

अध्यक्षता कर रहे भोलानाथ कुशवाहा ने कहा कि कविता कवि के मनोभाव की उत्पत्ति होती है। कवि अनिल अंकित ने अपने इर्द गिर्द के जीवन को इस संग्रह में काव्य के माध्यम से समाहित किया है। संचालन आनंद अमित ने किया। जीना इसी का नाम है पुस्तक का प्रकाशन हिदी श्री पब्लिकेशन भदोही ने किया है। कवि सम्मेलन में कवियों ने अपनी उत्कृष्ट रचनाओं का काव्य पाठ किया।

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