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Mirzapur News: पानी के कम सेवन से हीट स्ट्रोक से ग्रसित हो रहे लोग, मंडलीय चिकित्सालय में 15 लोगों ने तोड़ा दम

मंडलीय चिकित्सालय में पिछले एक सप्ताह के अंदर डायरिया व हीट स्ट्रोक से 25 लोगाें की मौत हाे गई। इसमें 15 लोगों की मंडलीय चिकित्सालय में मौत हुई जबकि दस लोग मृत अवस्था में आए थे। मरने वालों में सबसे अधिक बच्चे व बुजुर्ग हैं।

By Riya.PandeyEdited By: Riya.PandeyUpdated: Sun, 18 Jun 2023 07:25 PM (IST)
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पानी के कम सेवन से हीट स्ट्रोक से ग्रसित हो रहे लोग

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : मंडलीय चिकित्सालय में पिछले एक सप्ताह के अंदर डायरिया व हीट स्ट्रोक से 25 लोगाें की मौत हाे गई। इसमें 15 लोगों की मंडलीय चिकित्सालय में मौत हुई जबकि दस लोग मृत अवस्था में आए थे। सभी के मौत का कारण बढ़ती तपिश के चलते ब्रेन हेमरेज या हार्ट अटैक बताया जा रहा है। मरने वालों में सबसे अधिक बच्चे व बुजुर्ग हैं।

पिछले कुछ दिनों से गर्मी का तापमान बढ़ने के चलते मंडलीय चिकित्सालय में मरीजों के भर्ती होने का सिलसिला जारी है। लोग डायरिया व बीपी बढ़ने से बीमार होकर अस्पताल में आ रहे हैं। इसमें सबसे अधिक बच्चे व बूढ़े शामिल हैं। खानपान में गड़बड़ी व मौसम के चलते सर्दी जुकाम, बुखार की चपेट में आने के बाद डायरिया जैसी बीमारी से ग्रसित हो जा रहे हैं। यही नहीं, तापमान बढ़ने व पानी का सेवन कम करने के कारण इनकी बीपी बढ़ रही है और वह ब्रेन हेमरेज व ब्लड प्रेशर की चपेट में आ रहे हैं। 14 जून से लेकर अब तक मंडलीय चिकित्सालय में कुल 25 लोगों की मौत हो चुकी है।

मंडलीय चिकित्सालय का बेड फुल

मंडलीय चिकित्सालय का बेड इस समय मरीजों से पट गया है। 155 बेडों वाले इस चिकित्सालय के चिल्ड्रेन वार्ड में 24 बेड है जिस पर कुल 74 बच्चे भर्ती हैं। बेड की कमी के चलते एक बेड पर दो-दो बच्चों को भर्ती किया जा रहा हैं। वहीं 12 बेड का बर्न वार्ड भी फुल चल रहा है। इसके साथ ही 40- 40 बेड के सर्जिकल व मेडिकल भी फुल हैं। यही हाल महिला वार्ड का भी है। इमरजेंसी वार्ड से लेकर अन्य सारे वार्ड भी मरीजों से पटे हुए हैं। इससे अस्पताल प्रशासन के माथे पर बल आ गया है।

मेडिकल कालेज प्रशासन का कहना है कि मरीजों को भर्ती करने के लिए भले ही बेड बढ़ाना पड़े लेकिन किसी मरीज को वापस नहीं किया जाएगा।

हीट स्ट्रोक को देखते हुए डाक्टरों की छुट्टी निरस्त

मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. आरबी कमल ने हीट स्ट्रोक के चलते हो रही मौतों को देखते हुए समस्त डाक्टरों की छुटि्टयों को निरस्त कर दिया है। प्राचार्य ने छुट्टी पर गए डाक्टरों से तत्काल वापस आने को कहा है। बताया कि करीब 12 डाक्टर छुट्टी पर गए हुए हैं जिनको बुलाया गया है। मरीजों का हर हाल में बेहतर इलाज करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मंडलीय चिकित्सालय के पुरुष व महिला में करीब सौ से अधिक डाक्टर तैनात हैं।

प्रत्येक वार्ड में दो-दो डाक्टर अतिरिक्त होंगे तैनात

मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. आरबी कमल ने कहा कि हीट स्ट्रोक के मामलों को देखते हुए मरीजों का बेहतर इलाज करने के लिए प्रत्येक वार्ड में दो-दो डाक्टरों की ड्यूटी लगाई है। बताया कि जो डाक्टर रूटीन में लगे हुए हैं वो अपना काम करेंगे ही उसके अलावा प्रत्येक वार्ड में दो-दो डाक्टर तैनात होंगे।

ट्रामा सेंटर से लेकर ओटी तक लगेगी दस AC

बढ़ती गर्मी को देखते हुए मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. आरबी कमल ने मंडलीय चिकित्सालय में दस एसी लगवाने का निर्णय लिया है। इसमें दो एसी चिल्ड्रेन वार्ड, एक बर्न वार्ड, तीन ओटी, एक ट्रामा सेंटर, एक मेडिकल वार्ड व एक अल्ट्रासाउंड कक्ष में लगाया जाएगा जबकि दो एसी रिजर्व रखी जाएगी ताकि किसी प्रकार की जरूरत पड़ने पर वहां पर लगाया जा सके। पंखे भी लगवाए जाएंगे।

प्रत्येक वार्ड में लगेगा वाटर कूलर 

मरीजों को पानी उपलब्ध कराने के लिए प्रत्येक वार्ड में एक वाटर कूलर लगवाया जाएगा जिससे किसी मरीज को पानी के लिए परेशान नहीं होना पड़े। उनको उनके पास ही पानी मिल जाए। बेहतर व ताजा खाना खाने के लिए भी व्यवस्था की जा रही है।

क्या है व्यवस्था?

हीट स्ट्रोक को देखते हुए मंडलीय चिकित्सालय में आक्सीजन सिलेंडर को दुरुस्त कर लिया गया है। सारी दवाएं इमरजेंसी से लेकर वार्ड तक रखवा दिए गए हैं। मरीजों को गर्मी से बचाने के लिए वार्ड में कूलर व एसी लगवाई जा रही है। रूटीन के डाक्टरों के अलावा मेडिकल कालेज के दो-दो डाक्टर प्रत्येक वार्ड में अतिरिक्त लगाए गए हैं। इसके साथ ही इमरजेंसी में 24 घंटे डाक्टर को तैनात रहने के लिए निर्देशित किया गया है।

पीएचसी-सीएचसी पर बरत रहे लापरवाही

जनपद के पीएचसी-सीएचसी में तैनात कर्मचारी लापरवाही बरत रहे हैं, इसके चलते जिले में मरीजों की संख्या बढ़ रही है। अगर वह अपने डयूटी पर तैनात रहकर मरीजों का ध्यान से इलाज करें तो मरीजों को इतनी दूर आने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसलिए सीएचसी-पीएचसी पर मरीजों का ध्यान से इलाज करना होगा।

पीड़ितों का क्या है कहना?

एक पीड़ित का कहना है कि दो दिन से पोती भर्ती है। उसे डायरिया हो गया है वहीं दूसरी तरफ वार्ड में गर्मी बहुत है। इससे उसकी पोती सरिता रोती रहती है।

वहीं एक दूसरे पीड़ित बिसुंदरपुर निवासी दिलीप ने कहा कि मेरी दो वर्षीय बेटी को उल्टी-दस्त की समस्या थी। हालत में सुधार नहीं आने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इलाज चल रहा है लेकिन सुधार नहीं हो रहा।

सेमरा निवासी सोगरा बेगम का कहना है कि बीपी बढ़ने पर पिछले दो दिनों से भर्ती थी। दो दिन पहले अचानक से गर्मी लगने लगी और चक्कर आने लगा। इसके बाद गिर गई तो स्वजन यहां लाकर भर्ती कराए। अब राहत है।

वहीं तरकापुर निवासी राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि पिछले तीन दिनों से बीपी बढ़ा हुआ है। कम नहीं हो रहा है। ऐसे में लगातार घबड़ाहट हो रही है। डाक्टर इलाज कर रहे हैं लेकिन प्रतिदिन बदल-बदलकर आते हैं। 

हीट स्ट्रोक से बचाव

मां विंध्यवसिनी राजकीय चिकित्सा सिक्षा महाविद्यालय पिपराडाड़ के प्राचार्य डा. आरबी कमल के अनुसार, इस समय हीट स्ट्रोक से अधिक मौतें होने का मामला प्रकाश में आ रहा है। ऐसे में लोग सावधानी बरतें। धूप में नहीं निकलें। जरूरत पड़ने पर ही बाहर निकलें लेकिन निकलने से पहले भरपेट पानी का सेवन करें। गमछे सेे मुंह ढक लें। शरीर को अधिक से अधिक ढकने का प्रयास करें। हमेशा पानी पीते रहें। चक्कर या सीने में दर्द जैसी स्थिति होने पर तत्काल डाक्टर को दिखाएं।

प्राचार्य ने मंडलीय चिकित्सालय का निरीक्षण कर मरीजों का जाना हाल

मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. आरबी कमल ने बढ़ते हीट स्ट्रोक को देखते हुए रविवार को मंडलीय चिकित्सालय का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने वार्ड में भर्ती मरीजों के इलाज के बारे में डाक्टरों से जानकारी ली। कहा कि इलाज में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतें। उन्होंने मरीजों से भी उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। सभी से पानी का अधिक सेवन करने व डाक्टर की सलाह मानने को कहा। बिजली पानी आदि भी जानकारी ली। इस दौरान एसआइसी डा. अरविंद कुमार सिंह, मैनेजर अनुज प्रताप ठाकुर, चौकी प्रभारी अस्पताल हरिशंकर यादव मौजूद रहे।

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