ठंड व खुले आसमान के नीचे रात में नहीं सोएंगे रेल यात्री
जागरण संवाददाता मीरजापुर जिले में इन दिनों बर्फीली हवा व ठंड के प्रकोप से लोग अपने घरो
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : जिले में इन दिनों बर्फीली हवा व ठंड के प्रकोप से लोग अपने घरों से बिना वजह के नहीं निकलते हैं, लेकिन ट्रेनों से सफर करने वाले यात्रियों को कोरोना संक्रमण के चलते रात में प्लेटफार्म व प्रतीक्षालय में नहीं जाने दिया जाता है। रात में दूरदराज जाने वाले यात्री ट्रेन पकड़ने के लिए पहले ही स्टेशन पहुंच जाते हैं और उन्हें खुले आसमान के नीचे ठंड के बीच रात बितानी पड़ती है। यात्रियों की परेशानी को देखते हुए दैनिक जागरण ने 15 दिसंबर को अपने अंक के पेज नंबर दो पर 'यात्री प्रतीक्षालय का अभाव, ठंड बन गई जानलेवा' खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया। जिलाधिकारी ने खबर को गंभीरता से लेते हुए नगर पालिका प्रशासन को तत्काल रैन बसेरा बनाने के लिए निर्देशित किया। निर्देशानुसार स्टेशन परिसर में अस्थायी रैन बसेरा का निर्माण करा दिया गया। अब यात्रियों को रात में ठंड व कोहरे तथा खुले आसमान के नीचे गुजारना नहीं पड़ेगा और उन्हें काफी हद तक सहूलियत होगी। नगर पालिका के कर्मचारी संतोष कुमार ने बताया कि रैन बसेरा में बीस लोगों के सोने के लिए व्यवस्था है। इसमें रजाई, गद्दा, चादर, तकिया समेत बिजली की भी व्यवस्था है। बताया कि इसमें आने वाले लोगों से आइडी के रूप में उनका आधार कार्ड के नंबर क अलावा उनके नाम व पता को दर्ज किया जाता है। रैन बसेरा में ड्यूटी करने के लिए दिन में दो और रात में भी दो कर्मचारी तैनात किए गए हैं। सभी आठ-आठ घंटे रखवाली करते हैं। किसी भी यात्री को परेशानी नहीं होने दी जाती है। अगर जरूरत पड़ी तो तत्काल और लोगों की व्यवस्था कराया जाएगा। रेलवे स्टेशन परिसर में अब तक नहीं बना था रैन बसेरा
रेलवे स्टेशन परिसर में आज तक कभी भी अस्थायी रैन बसेरा का निर्माण नहीं कराया गया था, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते खबर प्रकाशित होने के बाद जिला प्रशासन के निर्देश पर अस्थायी रैन बसेरा का निर्माण कराया गया है।