उत्तर प्रदेश के मीरजापुर जिले में रेलवे स्टेशन परिसर में सौ साल पूर्व पुराने मंदिर को रेलवे प्रशासन की ओर से रविवार की देर रात जेसीबी से ढहा दिया गया। जानकारी होते ही मौके पर पहुंचे स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। आरोप लगाया कि रात के अंधेरे में सदियों पुराने शिवलिंग को उखाड़कर चोरी से लेकर जाकर आधे अधूरे निर्माणाधीन मंदिर में स्थापित कर दिया।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर। स्थानीय रेलवे स्टेशन परिसर में सौ साल पूर्व पुराने मंदिर को रेलवे प्रशासन की ओर से रविवार की देर रात जेसीबी से ढहा दिया गया। जानकारी होते ही मौके पर पहुंचे स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट पड़ा।
आरोप लगाया कि रात के अंधेरे में सदियों पुराने शिवलिंग को उखाड़कर चोरी से लेकर जाकर आधे अधूरे निर्माणाधीन मंदिर में स्थापित कर दिया। इसके बाद मंदिर को भी ढहाया जा रहा है जो आस्था के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
लोगों के उलझे स्टेशन अधीक्षक
वहीं स्टेशन अधीक्षक रवींद्र कुमार भी लोगों से उलझ गए, कुछ लोगों ने बीच बचाव किया। सुनील यादव गुड्डू, आनंद, शिवम, दीपक अग्रहरि, अविनाश, विपिन, विनोद मोदनवाल, लक्कड़ मोदनवाल, राजन अग्रहरि आदि लोगों ने आक्रोश जताते हुए कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भक्ति भाव से मंदिरों को बनवा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ स्टेशन सुंदरीकरण के नाम पर सौ साल से अधिक पुराने मंदिर को रात में जमींदोज कर दिया जा रहा है।
बताया कि अगर विस्थापित करना था तो विधि विधान से करते, लेकिन रेलवे प्रशासन ने ऐसा नहीं किया जो भगवान के साथ छल करना और लोगों के आस्था को ठेस पहुंचाया गया है। आरोप लगाया कि वहीं स्टेशन अधीक्षक खरी खोटी सुनाते हुए धमका रहे हैं । जबकि बाप-दादा के समय मंदिर को स्थापित किया गया था। इस संबंध में स्टेशन अधीक्षक रविंद्र कुमार ने बताया कि डीआरएम के निर्देश पर दूसरा मंदिर निर्माण कराकर उसमें शिवलिंग को स्थापित किया गया है।
इसे भी पढ़ें: नीली बत्ती लगाकर कार से जा रहे थे यूपी के DSP, पुलिस ने रोका तो दिखाने लगे वर्दी की हनक; फिर हो गया ये एक्शन
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।