Solar Panel: सोलर रूफटाप लगाने को लें अनुदान, बिजली बिल संग पर्यावरण संरक्षण का भी समाधान
सौर उर्जा का इस्तेमाल कर हर माह बिजली के भार से बचा जा सकता है। इसके लिए सरकार की ओर से सोलर रूफटाप योजना लांच की गई है। वर्तमान में लगभग 82 लोगों ने अपने छतों पर सोलर पैनल लगावाया है जिसकी कुल क्षमता 214 किलोवाट की है। जबकि अब तक 501 लोगों ने आवेदन किया है। प्रस्तुत है रिपोर्ट....।
सौर ऊर्जा न केवल लोगों के लिए फायदेमंद है बल्कि पर्यावरण संरक्षण के लिए भी महत्वपूर्ण है। इसलिए भी क्योंकि यह ग्रीनहाउस गैसों को कम करता है। इसके अलावा यह यह जीवाश्म ईंधन का एक शानदार विकल्प भी है। सबसे बड़ी बात यह कि आज भी लोग ज्यादा बिजली बिल को लेकर परेशान रहते हैं, एेसे में इनके लिए भी यह राहत पहुंचाने वाला है।
पांच वर्ष तक मरम्मत कार्य निश्शुल्क
केंद्र सरकार की ओर से सोलर रूफटाप पावर प्लांट स्थापित करने के लिए 30 प्रतिशत अनुदान देने का प्रविधान किया गया है। इसके तहत व्यय धनराशि 3-4 वर्षों में वापस मिल जाती है। पांच वर्ष तक मरम्मत कार्य निशुल्क होता है। सोलर माड्यूल की 25 वर्ष की गारंटी है। एक किलोवाट पर 2.70 लाख से लेकर 10 लाख रुपये की बचत होगी।
एक किलोवाट का सोलर पैनल छह से आठ वर्ग मीटर आकार का होता है। छत पर प्लांट आसानी से लगाया जा सकता है। एक किलोवाट से एक दिन में चार से पांच यूनिट बिजली तैयार होती है, जिससे फ्रिज, टीवी, पंखे, लाइट सब चला सकते हैं।
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आपके बाहर होने पर भी बिजली बनकर ग्रिड में जाती रहेगी, इसका भुगतान आपके बिल में एडजस्ट होता रहेगा। साथ ही राज्य सरकार प्रति किलोवाट 15 हजार रुपये देती है। यह अधिकतम दो किलोवाट तक ही मिलती है। जनपद के विकास भवन, पुलिस अधीक्षक कार्यालय सहित कई स्थानों पर सोलर पैनल लगाया गया है।
यहां कर सकते हैं आनलाइन आवेदन
केंद्र सरकार के पोर्टल सोलर रूफटाप.जीओवी.इन पर आनलाइन आवेदन निशुल्क है। नेडा के पीओ राजीव कुमार सिंह के अनुसार मोबाइल नंबर, ईमेल, विद्युत कनेक्शन नंबर और आधार कार्ड की आवश्यकता है। इसके उपरांत अंतिम चरण में लाभार्थी का बैंक विवरण के लिए पासबुक व चेक की फोटो काफी अपलोड किया जाता है।
20 साल तक बहुत ही कम खर्च में मिलेगी बिजली
घर की छत पर सोलर रूफटाप लगाएं, इससे बिजली पर होने वाले खर्च को 50 से 60 प्रतिशत तक कम कर सकते हैं। सोलर रूफटाप से 25 साल तक बिजली मिलेगी और इस सोलर रूफटाप सब्सिडी योजना को लगाने के खर्च का भुगतान 5-6 वर्षों में हो जायेगा। इसके बाद अगले 20 वर्षों तक सोलर से निश्शुल्क बिजली मिलेगा।
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इस तरह काम करेगा सिस्टम
ग्रिड कनेक्टेड रूफटाप सोलर पावर प्लांट में छत पर लगे सोलर पैनल के माध्यम से बिजली तैयार होती है। तैयार बिजली नेट मीटर से यूपी पावर कार्पोरेशन लिमिटेड की ग्रिड लाइन में जाती है। मीटर में सौर ऊर्जा से तैयार बिजली व आपके द्वारा खर्च की गई बिजली का लेखा-जोखा रिकार्ड होता है।
इस्तेमाल से ज्यादा बिजली तैयार होने पर उसका भुगतान आपको यूपीपीसीएल द्वारा कर दिया जाता है। इस प्रकार अपने लिए बिजली बनाने के साथ ही अतिरिक्त बिजली किसी और के घर को भी रोशन करने के काम आती है। सोलर प्लांट द्वारा जनरेट बिजली आपके बिल में एडजस्ट हो जाती है।
संकट मोचन निवासी अनिल ने कहा कि वर्ष 2016 में घर में सोलर पावर प्लांट लगवाया था। पांच किलोवाट के सोलर प्लांट पर लगभग चार लाख 75 हजार रुपये खर्च आया था। प्रतिदिन पांच से छह यूनिट बिजली उत्पन्न होती है। अच्छी धूप होने पर 24 घंटे बिजली उपकरण चलता है। सोलर पैनल लगवाने से बिजली के बिल से काफी राहत है।
नेडा पीओ राजीव कुमार सिंह ने कहा कि सौर ऊर्जा नवीकरणीय और टिकाऊ है, जिससे दीर्घावधि में ऊर्जा बिल में कमी आती है, यह कार्बन फुटप्रिंट और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को काफी हद तक कम करती है। सौर ऊर्जा एक महत्वपूर्ण ऊर्जा समाधान के रूप में उभर रही है, जो घरों, व्यवसायों व पर्यावरण के लिए अनेक लाभ प्रदान करती है।
सोलर प्लांट |
अनुमानित लागत |
कुल अनुदान |
01 किलोवाट | 60,000 | 33,000 |
02 किलोवाट | 1,20,000 | 66,000 |
03 किलोवाट | 1,80,000 | 84,000 |
04 किलोवाट | 2,24,000 | 93,000 |
05 किलोवाट | 3,00,000 | 1,02,000 |