गंगा किनारे बसे लोग हो जाए सतर्क, बढ़ने लगेगा फिर से जलस्तर; तीन जिलों से छोड़ा गया करीब साढ़े दो लाख क्यूसेक पानी
उत्तराखंड मध्य प्रदेश में लगातार हो रही बारिश के चलते वहां के बांधों में पानी भर गया है। क्षमता से अधिक पानी होने के कारण कानपुर के बैराज नरौरा हरिद्वार से पानी छोड़ने का निर्णय लिया गया है। कुल 243404 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। अगस्त व सितंबर माह जनपद में बाढ़ का होता है। प्रतिवर्ष बाढ़ यहां पर इसी दो महीने के अंदर आता है।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर। कानपुर नरौरा, हरिद्वार व बैराज बांध से दो लाख 43 हजार 404 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इसके चलते गंगा में बाढ़ के आसार बढ़ गए है। एक दिन के अंदर जलस्तर में तेजी से बढ़ोत्तरी होगी। इसलिए गंगा किनारे रहने वाले लोगों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है। जिससे किसी प्रकार का हादसा न हो सके।
क्षमता से अधिक पानी होने से बैराज छोड़ने का फैसला
उत्तराखंड, मध्य प्रदेश में लगातार हो रही बारिश के चलते वहां के बांधों में पानी भर गया है। क्षमता से अधिक पानी होने के कारण कानपुर के बैराज, नरौरा, हरिद्वार से पानी छोड़ने का निर्णय लिया गया है। इसमें हरिद्धार के बैराज से 85 हजार 207 क्यूसेक पानी, नरौरा से 162668 क्यूसेक पानी कानपुर के बांध में छोड़ा जाएगा। जहां से कुल 243404 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।
इसी दो महीने के अंदर आता है बाढ़
बताया गया कि एक दो दिन के अंदर पानी यहां पर आ जाएगा। अगस्त व सितंबर माह जनपद में बाढ़ का होता है। प्रतिवर्ष बाढ़ यहां पर इसी दो महीने के अंदर आता है। वर्ष 2023 के दौरान 73 मीटर तक पानी पहुंच गया था। इससे कोन, छानबे, सिटी, मझवां, पहाड़ी व सीखड़ ब्लाक के करीब 300 गांव प्रभावित हुए थे।बाढ़ से बचाव के लिए बनाई गई 37 बाढ़ चौकियां
जनपद में आने वाले बाढ़ से निपटने के लिए 37 बाढ़ चौकिया बनाई गई है। यहां पर अमीन व सिंचाई विभाग के कर्मचारी तैनात किए गए है। ताकि किसी प्रकार की परेशानी होने पर लोगों को राहत पहुंचाई जा सके।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।छानबे व कोन ब्लाक के तीन गांवों पहले घुसता है पानी
सबसे पहले जनपद के छानबे अंतर्गत बबुरा और कोन ब्लाक के हरिसंहपुर व मल्लेपुर में पानी घुसता है। इसके लिए वहां के लोगों को सतर्क कर दिया गया है।बाढ़ से बचाव के लिए पूरी व्यवस्था है। फिलहाल अभी बहुत अधिक घबराने की बात नहीं है। जब पानी बढ़ेगा तो देखा जाएगा।
-प्रमोद कुमार, अधिशसी अभियंता सिंचाई विभाग।