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Padma Award 2024: मिरजापुर के उर्मिला श्रीवास्तव व खलील अहमद ने जिले का बढ़ाया मान, पद्मश्री से हुए सम्मानित; खुशी से झूमा जनपद

नई दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में सोमवार शाम को 132 लोगों को पद्म सम्मान दिया गया। इसमें मीरजापुर के उर्मिला श्रीवास्तव व खलील अहमद भी शामिल रहे। वासलीगंज की रहने वालीं उर्मिला श्रीवास्तव ने नगर के आर्यकन्या इंटर कालेज में संगीत गायन प्रवक्ता के रूप में शिक्षण कार्य किया। उत्तर प्रदेश के लोकगीत भोजपुरी मुख्यत मीरजापुरी कजरी देवी गीत दादरा कहरवां पूर्वी चैती होली कजरी झूमर खेमटा बन्नी...

By milan kr gupta Edited By: Riya Pandey Updated: Mon, 22 Apr 2024 10:11 PM (IST)
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मिरजापुर के उर्मिला श्रीवास्तव व खलील अहमद को मिला पद्म श्री सम्मान
जागरण संवाददाता, मीरजापुर। Padma Award 2024: नई दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में सोमवार शाम को 132 लोगों को पद्म सम्मान दिया गया। इसमें मीरजापुर के उर्मिला श्रीवास्तव व खलील अहमद भी शामिल रहे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से इस बार 5 लोगों को पद्म विभूषण, 17 को पद्म भूषण, 110 को पद्मश्री से सम्मानित किया गया। सेरेमनी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह मौजूद रहे।

कजरी गायन के लिए उर्मिला श्रीवास्तव और हस्त निर्मित दरी के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए खलील अहमद को 22 अप्रैल को पद्मश्री सम्मान से सम्मानित करने के लिए पहले ही दिल्ली बुला लिया गया था।

उर्मिला श्रीवास्तव ने कजरी को दी नई पहचान

वासलीगंज की रहने वालीं उर्मिला श्रीवास्तव ने नगर के आर्यकन्या इंटर कालेज में संगीत गायन प्रवक्ता के रूप में शिक्षण कार्य किया। उत्तर प्रदेश के लोकगीत, भोजपुरी, मुख्यत: मीरजापुरी कजरी, देवी गीत, दादरा, कहरवां, पूर्वी, चैती, होली, कजरी, झूमर, खेमटा, बन्नी, सोहर, लचारी, विदेसिया विधा में महारथ हासिल है।

इनको अखिल भारतीय सांस्कृतिक, साहित्यिक, समाजसेवी संस्था रंगभारती एवं उत्तर प्रदेश नागरिक परिषद की ओर से 74वीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर 23 जनवरी को लखनऊ में उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस पर उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने लोकगायन रंगभारती सम्मान से सम्मानित किया था।

खलील अहमद ने हैंडमेड दरी के क्षेत्र में दिया विशेष योगदान

इमामबाड़ा क्षेत्र के रहने वाले 75 वर्षीय खलील तीन पीढ़ियों से हस्त निर्मित दरी की कला से न केवल जुड़े हैं बल्कि इसे समृद्ध बना रहे हैं। खलील को 2000 में तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने नेशनल अवार्ड से सम्मानित किया था। वर्ष 2007 में वस्त्र मंत्रालय के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार शिल्प गुरु से पुरस्कृत किए गए हैं।

सहायक आयुक्त उद्योग अशोक कुमार के अनुसार पूरा परिवार दरी कारोबार से जुड़ा है। इनके पुत्र रुस्तम शोहराब, इफ्तिखार अहमद, जलील अहमद भी इसी कला से जुड़े हैं।

खलील अहमद ने कहा कि वर्षों की मेहनत और तपस्या का यह परिणाम है। पुरस्कार से नई पीढ़ी को इस विधा से जुड़ने का संबल मिलेगा। मीरजापुर की दरी को जीआई टैग मिला हुआ है। खलील अहमद वर्षों से इस कार्य में जुड़े हैं और उसे एक नई ऊंचाई दी।

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