Vindhya Dham Corridor: जानिए विंध्यधाम का काम कब तक होगा पूरा और अब तक कितना बदला विंध्यधाम का स्वरूप
Vindhya Dham Corridor नव्य-भव्य विंध्यधाम का काम जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है दर्शनार्थियों की संख्या में भी वृद्धि हो रही है। विस्तारीकरण का काम पूरा हो जाने के बाद मां विंध्यवासिनी के दर्शन के लिए प्रतिदिन एक लाख श्रद्धालुओं का आगमन अपेक्षित है।
मिलन गुप्ता, वाराणसी: नववर्ष पर विंध्यधाम में न सिर्फ श्रद्धा, विश्वास व आस्था का अद्भुत समागम दिखा, बल्कि मां विंध्यवासिनी के प्रति आस्था का शिखर परिलक्षित हुआ। छह लाख लोगों ने एक जनवरी को मां के दर्शन किए। नव्य-भव्य विंध्यधाम का काम जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है, दर्शनार्थियों की संख्या में भी वृद्धि हो रही है। विस्तारीकरण का काम पूरा हो जाने के बाद मां विंध्यवासिनी के दर्शन के लिए प्रतिदिन एक लाख श्रद्धालुओं का आगमन अपेक्षित है। आइए जानते हैं विंध्यधाम का कितना बदला स्वरूप...
धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा, रोजगार के भी अवसर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस ड्रीम प्रोजेक्ट का कार्य तेजी से चल रहा है। मकर संक्रांति तक धाम तक पहुंचने के चारों रास्ते कोतवाली मार्ग, न्यू वीआइपी मार्ग, पुरानी वीआइपी मार्ग, पक्का घाट से मंदिर मार्ग तैयार हो जाएगा। चारों द्वार पर सुनहरे रंग का भव्य व आकर्षक स्तंभ दूर से ही नजर आएगा। निर्माण कार्य पूरा हो जाने धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इससे पहले विंध्य पर्वत पर बने पूर्वांचल के प्रथम रोप-वे ने 260 फीट की ऊंचाई से विंध्य की पहाड़ियों और मां गंगा के प्राकृतिक सौंदर्य से श्रद्धालुओं को परिचय कराया।
527 संपत्तियां खरीदी गईं
जिला पर्यटन अधिकारी नवीन कुमार ने बताया कि विंध्यधाम के विस्तारीकरण के लिए अब तक कुल 527 संपत्तियां खरीदी गई हैं। इन्हें दो चरणों में क्रय किया गया। सड़कों का निर्माण कार्य तीन चरणों में पूरा होगा। पहली किस्त के रूप में 15 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए है। पहले चरण में न्यू वीआइपी सड़क का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। पुरानी वीआइपी मार्ग भी लगभग बनकर तैयार है।
गुलाबी पत्थरों से बढ़ रही विंध्यधाम की चमक
विंध्यधाम में अहरौरा के गुलाबी पत्थरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। जयपुर (राजस्थान) के कुशल कारीगर इन पत्थरों को तराश रहे हैं। पत्थर की शिलाओं को राजस्थान भेजा जा रहा है। जयपुर में इन्हें तराशने के बाद वापस लाया जाता है। इन नक्काशीदार पत्थरों ने पिलर की शोभा बढ़ा दी है। नव्य-भव्य मां के दरबार में 1941 लाख में 50 फीट का परिक्रमा पथ बन रहा है। 902 लाख रुपये पक्का घाट गली पर खर्च हो रहे हैं और 235 लाख रुपये से कोतवाली रोड का कायाकल्प किया जा रहा है।
130 पिलर बनकर तैयार दिया जा रहा अंतिम रूप
परिक्रमा पथ के लिए कुल 130 पिलर बनकर तैयार हैं। मंदिर के उत्तर की तरफ पिलर बन चुके हैं। नक्काशी किए पत्थरों को भी लगा दिया गया है। मंदिर के पूर्व तरफ भी सभी पिलर भी लगभग तैयार हैं। पत्थरों को डाल दिया गया है। भूतल का काम अंतिम चरण में है। प्रथम तल के साथ फिनिशिंग का काम चल रहा है।
मंदिर जाने के रास्ते
- थाना कोतवाली रोड से मंदिर मार्ग। यह मुख्य बाजार भी है और इसे सदर बाजार कहा जाता है। इसका चौड़ीकरण हो चुका है।
- न्यू वीआइपी-मंदिर जाने का छोटा रास्ता है। इस रास्ते पर गुलाबी पत्थरों को बिछा दिया गया है।
- पुरानी वीआइपी मार्ग- इस रास्ते को रिजर्व रखा जाता है। इस पर भी गुलाबी पत्थर बिछा दिया गया है।
- पक्का घाट से मंदिर-गंगा घाटा पर स्नान करने के बाद सीधे मंदिर पहुंच सकते हैं।
- जयपुरिया गली- चामुंडा की तरफ जाता है और पुरानी वीआइपी मार्ग से मिलता है।
कितने रुपये हो रहे हैं खर्च
- 331 करोड़ रुपये में हो रहा है विंध्य धाम का विस्तारिकरण
- 662 लाख रुपये में तैयार हो रही है वीवीआइपी गली
- 1567 लाख रुपये पुरानी वीआइपी गली पर रहे हैं खर्च
- 1941 लाख में बन रहा है 50 फीट का परिक्रमा पथ
- 902 लाख रुपये, पक्का घाट गली पर खर्च हो रहे हैं
- 235 लाख रुपये से कोतवाली रोड का कायाकल्प हो रहा है
कब तक पूरा हो जाएगा काम
दिसंबर तक कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य शारदीय नवरात्र को लेकर काम थोड़ा धीमा जरूर हो गया था, लेकिन अब तेजी से हो रहा है। दिसंबर 2023 तक काम को पूर्ण करने का लक्ष्य है।