Vindhyachal Dham: बदल गई विंध्याचल धाम की तस्वीर, परकोटा और परिक्रमा पथ बन कर तैयार; भव्य गेट कर रहे आकर्षित
Vindhyachal Dham मां विंध्यवासिनी मंदिर की तस्वीर अब बदल गई है। सीएम योगी ने 2800 करोड़ की 650 पर्यटन विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इसमें विंध्याचल धाम भी शामिल है। इसमें नव्य- भव्य मां विंध्यवासिनी मंदिर का परकोटा व परिक्रमा पथ मंदिर की गलियों के फसाड का ट्रीटमेंट तथा मंदिर को जाने वाले मार्गों को जोड़ने वाले पहुंच मार्गों का लोकार्पण किया।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को 2800 करोड़ की 650 पर्यटन विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इसमें नव्य- भव्य मां विंध्यवासिनी मंदिर का परकोटा व परिक्रमा पथ, मंदिर की गलियों के फसाड का ट्रीटमेंट तथा मंदिर को जाने वाले मार्गों को जोड़ने वाले पहुंच मार्गों का लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब विंध्यधाम का नव्य-भव्य स्वरूप श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रही है। यही नहीं, धाम में आने वाले लोगों को जल्द ही पक्का घाट पर स्नान की भी सुविधा मिलेगी।
चार प्रमुख द्वार पर भव्य गेट
मां विंध्यवासिनी मंदिर में पहुंचने के लिए कुल सात मार्ग थाना कोतवाली, न्यू वीआईपी, पुरानी वीआईपी, पक्का घाट, जैपुरिया गली, पाठक जी की गली, भट्ट जी की गली है, जहां चार प्रमुख मार्ग पुरानी वीआईपी, थाना कोतवाली, न्यू वीआईपी, पुरानी वीआईपी व पक्का घाट की गली पर भव्य गेट लगभग तैयार है। विंध्य धाम का निर्माण हो जाने के बाद मां विंध्यवासिनी की पहचान विश्व पटल पर चमकेगा। मुख्यमंत्री की इच्छा के अनुरूप धाम का स्वरूप बदला जा रहा है।331 करोड़ की लागत से निर्माण
मां विंध्यवासिनी मंदिर को भव्य स्वरूप देने के लिए लगभग 331 करोड़ की लागत से विंध्य धाम को निखारा जा रहा है। इसमें 15 करोड़ 67 लाख की लागत से पुरानी वीआइपी मार्ग का कायाकल्प, 19 करोड़ 41 लाख की लागत से दो मंजिला 50 फीट परिक्रमा पथ, 6 करोड़ 52 लाख की लागत से वीआइपी गली का कायाकल्प, 9 करोड़ 2 लाख की लागत से पक्का घाट गली और 2 करोड़ 35 लाख की लागत से कोतवाली रोड का कायाकल्प किया गया है।
राजस्थान से तराशकर लगाए गए पत्थर
मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक विंध्यधाम को भव्य स्वरूप देने के लिए अहरौरा के गुलाबी पत्थरों का प्रयोग गया। इन पत्थरों को पहले राजस्थान भेजा जा रहा था, फिर वहां से तराशकर आने के बाद पत्थर धाम में इस्तेमाल किए गए। परिक्रमा पथ पर 130 पिलर का निर्माण कराया गया है।95 प्रतिशत कार्य पूर्ण
नव्य-भव्य विंध्यधाम अब संपूर्ण होने को है। कार्य का लगभग 95 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया गया है। विंध्यधाम के कार्य को तीन भागों में विभाजित किया गया है। इसमें परकोटा, चौड़ीकरण और फसाड शामिल हैं। इसकी कुल लागत 127 करोड़ रुपये है। यह बजट कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम को दे भी दिया गया है। जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन इस माह कार्य को पूरा कराने के लिए लगातार प्रयासरत हैं।
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विंध्यधाम तक पहुंचने के लिए चार प्रवेश द्वार बनाए गए हैं। इसकी कलाकृतियां श्रद्धालुओं को बरबस निहारने के लिए बाध्य करने वाली हैं। पुरानी वीआईपी की तरफ अभी गेट निर्माणाधीन है। इसके अलावा चार गेट परिक्रमा पथ से सटे हुए हैं।निखर उठा परिक्रमा पथ, लाइटें भी लगाई गईं
विंध्यधाम मंदिर के चारों तरफ परिक्रमा पथ तैयार हो गया है। कुछ फिनिशिंग वर्क है जो बहुत जल्द हो जाएगा। इसके अलावा यहां लाइटें भी लगा दी गई हैं जो रात में रोशनी से नहाने जैसा दृश्य प्रतीत होता है। पूरब तरफ परिक्रमा पथ से सटा दो मंजिला प्लाजा तैयार हो गया है। यहां पर श्रद्धालुओं की सुविधाओं का इंतजाम किया जाएगा।16 स्थानों पर समस्त देवी देवताओं की मूर्तियों की स्थापना
मां विंध्यवासिनी माता मंदिर के अंतर्गत परिक्रमा पथ परकोटा (ए ब्लॉक से लेकर एच ब्लॉक तक) बना है। प्रत्येक ब्लाक के दोनों हिस्सों के बीचो बीच पत्थरों से डिजाइन कर मंदिर जैसे माडल तैयार किए गए हैं। आठ केंद्र बिंदु के अलग अलग 16 स्थानों पर मंदिर का अलग-अलग गुंबदनुमा डिजाइन पत्थरों से बना गया है। प्रथम तल एवं द्वितीय तल को सजाने संवारने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जा रही। वहीं 16 स्थानों पर समस्त देवी देवताओं की मूर्तियों की स्थापना की जाएगी जो मां विंध्यवासिनी मंदिर की छत से इसकी भव्यता एवं दिव्यता प्रदर्शित करेगी। साथ ही साथ गलियों का चौड़ीकरण करने के पश्चात सड़क के बीच डिवाइडर भी लगा दिया गया है।आंकड़ों पर एक नजर
- परकोटा, चौड़ीकरण , फसाड तीनों कार्यों के लिए कुल लागत 160 करोड़ रुपये स्वीकृति के लिए शासन को भेजा गया प्रस्ताव
- मल्टी लेवल पार्किंग : 14 करोड़
- विंध्याचल पक्काघाट में लाइट एंड साउंड शो : 10 करोड़
- विंध्याचल की गलियों में पौराणिक आर्ट गैलरी : पांच करोड़
- पुरानी वीआईपी, नई वीआईपी, बस स्टेशन पर शौचालय : पांच करोड़
- विंध्याचल दीवानघाट में सांस्कृतिक मंच : एक करोड़
- अष्टभुजा मोतिया तालाब पर कार्य : एक करोड़ (पर्यटन विभाग से प्राप्त इनपुट)