Move to Jagran APP

52 लाख की कमाई, 98 लाख रुपये कर द‍िए खर्च, भ्रष्टाचार में फंसे रेलवे से सेवानिवृत्त एसआइएम, मुकदमा दर्ज

भ्रष्टाचार के मामले में रेलवे के सेवानिवृत्त कर्मचारी फंस गए हैं। शासन के आदेश पर प्राथमिक जांच के बाद एंटी करप्शन की मुरादाबाद यूनिट ने सेवानिवृत्त सिग्नल इंस्पेक्टर मैंटीनेंस (एसआइ एम) के खिलाफ सिविल लाइंस थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है।

By Narendra KumarEdited By: Updated: Sat, 17 Jul 2021 10:52 AM (IST)
Hero Image
वेतन से हुई आय के सापेक्ष 87 फीसद कीमत की संपत्तियां खरीदने में किया खर्च।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। भ्रष्टाचार के मामले में रेलवे के सेवानिवृत्त कर्मचारी फंस गए हैं। शासन के आदेश पर प्राथमिक जांच के बाद एंटी करप्शन की मुरादाबाद यूनिट ने सेवानिवृत्त सिग्नल इंस्पेक्टर मैंटीनेंस (एसआइ एम) के खिलाफ सिविल लाइंस थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। प्राथमिक जांच में नौकरी की कुल आय से 87 फीसद अधिक खर्च करने की जानकारी जुटाने के बाद यह कार्रवाई की गई है।

मुरादाबाद एंटी करप्शन यूनिट की निरीक्षक राखी की तहरीर के आधार पर सिविल लाइंस थाना पुलिस ने रेलवे से एसआइ (एम) के पद से सेवानिवृत्त हुए मेरठ के परतापुर थाना क्षेत्र के शताब्दीनगर निवासी अरुण कुमार शर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार उन्मूलन अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है। उनके खिलाफ शासन में शिकायत की गई थी। आरोप लगाए गए थे, सेवाकाल के दौरान एसआइ (एम) ने भ्रष्टाचार करके अवैध रूप से करोड़ों रुपये की संपत्तियां खरीदी हैं। शिकायती पत्र का संज्ञान लेकर शासन के आदेश पर गृह विभाग ने एंटी करप्शन यूनिट को जांच सौंपी थी। जांच में पता चला कि अरुण कुमार शर्मा को एक अगस्त 1981 रेलवे में एएसआइ (एम) के पद पर आगरा में पहली तैनाती मिली थी। 2004 में उनका स्थानांतरण मुरादाबाद हुआ और 2015 में र‍िटायर होने तक यहीं तैनात रहे। मुरादाबाद में लगभग 12 साल की तैनाती के दौरान अरुण कुमार शर्मा ने एक जनवरी 2004 से 21 दिसंबर 2015 के बीच भ्रष्टाचार करके संपत्तियों की खरीद की, जो उनकी सेवाकाल के दौरान मिले वेतन, एरियर व अन्य भत्तों से लगभग 87 फीसद अधिक है। एंटी करप्शन की निरीक्षक राखी के द्वारा दी गई तहरीर में जानकारी दी गई है, कि आरोपित अरुण शर्मा के वेतन और सभी एरियर को मिलाकर कुल आय 52 लाख 33 हजार 21 रुपये की थी। जबकि उनके द्वारा संपत्ति खरीदने से लेकर परिवार खान-पान और अन्य सुविधाओं में कुल 98 लाख 30 हजार 963 रुपये खर्च किए गए। प्राथमिक जांच में भ्रष्टाचार की पुष्टि होने के बाद एंटी करप्शन ने शुक्रवार को सिविल लाइंस थाने में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज करा दिया। सिविल लाइंस थाना प्रभारी सहंसरवीर सिंह ने बताया कि एंटी करप्शन की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। लेकिन, इस मुकदमे की जांच एंटी करप्शन टीम के द्वारा ही की जाएगी।

चार साल में दर्ज हुआ मुकदमा : रेलवे के सेवानिवृत्त एसआइएम पर मुकदमा दर्ज करने में लगभग चार साल से ज्यादा का वक्त लग गया। दरअसल, दो जून 2017 को एडीजी रेलवे के द्वारा इस शिकायत को डीजीपी कार्यालय में भेजा गया था। इसके बाद 31 जुलाई 2017 को डीजीपी कार्यालय के पत्र का संज्ञान लेकर गृह गोपन विभाग ने इस मामले की जांच एंटी करप्शन को सौंपी थी। इसके बाद जांच ठंडे बस्ते डाल दी गई थी। लेकिन, चार नवंबर 2019 को मुरादाबाद यूनिट ने इस मामले में जांच शुरू करके मुकदमा दर्ज कराया है।

यह भी पढ़ें :-

Indian Railways : क‍िस जगह पर कमजोर है रेलवे लाइन, पता लगाना हुआ आसान, ओएमएस कार से हो रही जांच

Family Love Story : हेड कांस्टेबल पिता ने प्यार के लिए क‍िया था मतांतरण, अब बेटा दूसरे संप्रदाय की किशोरी को लेकर फरार

रामपुर में नवाब खानदान की 2,651 करोड़ की संपत्ति के बंटवारे की योजना तैयार, सभी पक्षकारों को मिला हिस्सा

PM Kisan Samman Nidhi : मुरादाबाद में इनकम टैक्स देने वाले को भी मिल गई निधि की धनराशि

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।