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मुरादाबाद में पुलिस की सुरक्षा में सेंध, थाने के सामने दारोगा के बेटे पर जानलेवा हमला; कोमा में पहुंचा

मुरादाबाद में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां थाने के सामने ही बरेली में तैनात दारोगा के बेटे और उसके दोस्तों पर कार चढ़ाकर कुचलने की कोशिश की गई। इस घटना में दारोगा का बेटा गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना के पांच दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस आरोपी का सुराग तक नहीं लगा सकी।

By Jagran News Edited By: Riya Pandey Updated: Tue, 10 Sep 2024 09:41 PM (IST)
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मुरादाबाद में कार चढ़ाने के मामले में कोमा में पहुंचा दारोगा का बेटा

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। लोगों को सुरक्षा की गारंटी देने वाली खाकी के घर वाले भी सुरक्षित नहीं हैं। थाने के सामने ही बरेली में तैनात दारोगा सतीश कुमार के बेटे शिवम व उसके साथियों पर कार चढ़ाकर मारने के प्रयास का हैरान करने वाला मामला सामने आया है।

दारोगा के बेटे की हालत गंभीर

चौकाने वाली बात यह है कि घटनाक्रम सबसे सुरक्षित क्षेत्र थाने के सामने हुआ जिसमें दारोगा के बेटे की हालत गंभीर होने पर उसे दिल्ली रेफर कर दिया गया। मेदांता में उसका उपचार चल रहा है। उसके कोमा में होने की बात सामने आई है।

छह सितंबर को हुए घटनाक्रम में पुलिस ने आरोपित अलविन सिंह व अज्ञात के विरुद्ध हत्या का प्रयास, रंगदारी, मारपीट, गाली-गलौच व धमकी की धारा में प्राथमिकी लिखी लेकिन, अब तक किसी को कोई सुराग नहीं लगा सकी। आरोपित अलविन सिंह सिविल लाइंस के कोर्ट रोड जानवरों के अस्पताल के पास का निवासी है।

आशियाना फेज-1 निवासी सोनू के अनुसार, वह मूलरूप से शामली के कैराना स्थित पावटी कला के रहने वाले हैं। छह सितंबर की देर शाम वह नाेएडा से मुरादाबाद ममेरे भाई शिवम, दोस्त दीपेश, इशान मेहरोत्रा, कुश यादव, मनु मित्तल के साथ कार से आ रहे थे।

महंगी शराब की मांग करने लगा आरोपी

प्यास लगने पर मझोला थाने के पास खोखे पर कार को रोक लिया। पानी लेने के लिए खोखे पर गए तो वहां पहले से ही आरोपित अलविन सिंह उत्तर प्रदेश सरकार लिखी कार नंबर यूपी 21 सीएल 0021 में साथियों संग बैठा था। पानी खरीद ही रहा था कि इस दौरान अलविन कार से उतरकर पास आया।

कहने लगा कि तुम लोग बड़े हीरो बने घूम रहे हो.. यहां क्या लेने आये हो। जहां अलविन दोस्तों के साथ बैठता है, वहां पक्षी भी दिखाई नहीं देते हैं। मेरे रुत्बे के बारे में नहीं जानते हो। यहां से तब जाओगे, जब मुझे दो बोतल ब्लू लेबल शराब लाकर दोगे। या फिर छह हजार रुपये देकर जाओ। इस पर इनकार करते हुए कहा कि हम सभी छात्र हैं। पढ़ाई कर रहे हैं। इतनी महंगी शराब या रुपये कहां से दें?

सोनू और शिवम पर चढ़ा दी कार

इसी के बाद आरोपित ने गाली-गलौच शुरू कर दी। कहने लगा कि बचकर तो तब जाओगे जब मैं जाने दूंगा। अचानक से वह कार में बैठा और सोनू और शिवम पर कार चढ़ा दी। सोनू को तो कम चोट आई लेकिन शिवम गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना को अंजाम देने के बाद आरोपित फरार हो गए।

तत्काल ही शिवम को आरआरके अस्पताल लेकर गए, वहां से रेफर कर दिया गया। कई अस्पताल लेकर पहुंचे, तब सीधे दिल्ली के लिए रेफर कर दिया गया। सिर में चोट होने की वजह से शिवम कोमा की स्थिति में पहुंच गया। अब मेदांता अस्पताल गुड़गांव में भर्ती है।

समझौता कराकर पुलिस ने छोड़ा, तब बिगड़े हालात

पीड़ित परिवार से बातचीत में पता चला कि थाने के सामने का घटनाक्रम होने के चलते पुलिस दोनों पक्षों को लाई। लंबी पंचायत कराने के बाद आरोपितों को छोड़ दिया। इसी के बाद आरोपितों का मन बढ़ गया। वह थाने के पास ही घात लगाकर साथियों संग बैठ गए। जैसे ही दारोगा का बेटा साथियों संग थाने से थोड़ी ही दूर आगे बढ़ा, आरोपितों ने घटना को अंजाम दे दिया।

तेज रफ्तार कार लेकर चढ़ा दी जिसमें शिवम चपेट में ज्यादा आ गया जिससे उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है। ऐसे में पूरे घटनाक्रम में मझोला पुलिस की कार्यशैली सवालों के घेरे में है।

खेल से बाज नहीं आई पुलिस

दारोगा के बेटे के मामले में भी पुलिस खेल करने से बाज नहीं आई। छह को हुए घटनाक्रम में दस सितंबर को प्राथमिकी तब लिखी गई जब दारोगा के बेटे की हालत नाजुक बनी हुई है।

मामला गंभीर है। शिकायती पत्र के आधार पर आरोपितों के विरुद्ध प्राथमिकी पंजीकृत कराई गई है। गिरफ्तारी को लेकर टीमें लगा दीं गईं हैं। मझोला पुलिस की भूमिका की जांच कराई जाएगी।

- कुमार रणविजय सिंह, एसपी सिटी

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