Rampur News: भीख मांगकर 24 साल लड़ी मुआवजे की जंग, कोर्ट ने अधिशासी अभियंता का कार्यालय कुर्क करने के दिए आदेश
इलाज में घर व दो बीघा जमीन भी बिक गई। स्वस्थ होने पर बशीर के पास कमाई का कोई साधन नहीं होने पर वह भीख मांगने लगे। साथ ही बिजली विभाग से मुआवजे के लिए कोर्ट में वाद दायर कर दिया।
रामपुर, जागरण संवाददाता। 24 साल पहले करंट लगने से पैर कटवाना पड़ा। इलाज में पहले जमीन बिकी, फिर घर। बेघर वशीर अहमद भीख मांगने लगे, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। बिजली विभाग के खिलाफ जंग जारी रखी। आठ साल पहले (12 नवंबर 2014 को) कोर्ट ने तीन लाख रुपये मुआवजा देने का निर्णय सुनाया। मुआवजा नहीं देने पर अब अधिशासी अभियंता(ईई) के कार्यालय को कुर्क करने का आदेश दिया है।
शाही(बरेली)के दुनका निवासी वशीर अहमद 31 मई 1998 को मिलक(रामपुर) के नगला उदई गांव में शादी समारोह में आए थे। लोहा गांव के पास बिजली के तारों की चपेट में आकर वह करंट से झुलस गए। छह महीने तक बरेली में इलाज चला। दायां पैर दो बार काटना पड़ा। फेरी लगाकर कपड़ा बेचने वाले वशीर का काम ठप हो गया।
इलाज में घर व दो बीघा जमीन भी बिक गई। स्वस्थ होने पर बशीर के पास कमाई का कोई साधन नहीं होने पर वह भीख मांगने लगे। साथ ही बिजली विभाग से मुआवजे के लिए कोर्ट में वाद दायर कर दिया। सिविल जज प्रवर वर्ग के तीन लाख रुपये मुआवजा देने का निर्णय सुनाने के बाद भी विभाग ने मुआवजा नहीं दिया। वशीर ने जंग जारी रखी।
कोर्ट ने अब अधिशासी अभियंता का कार्यालय कुर्क करने का आदेश दिया है। कुर्की 14 सितंबर को होगी। छह प्रतिशत ब्याज लगाकर अब मुआवजे की रकम 425189.50 रुपये हो गई है। अधीक्षण अभियंता राजीव कुमार गर्ग का कहना है कि प्रबंध निदेशक, मेरठ को पत्र भेजा है। वहां से धनराशि मिलते ही मुआवजा दे दिया जाएगा।