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अमरोहा जिला अस्पताल में अब नहीं होगा आंखों का इलाज, एक्स-रे भी नहीं होंगे, नेत्र चिकित्सक और रेडियोलॉजिस्ट ट्रांसफर

Amroha District Hospital दुकानों पर टाफी बेचने वाले की बिटिया ने विपरीत परिस्थितियों में मुकाम हासिल किया और अब सात समंदर तक कामयाबी की उड़ान भी भरी है। उसकी सफलता पर नाज है क्योंकि वह विदेश में काम कर देश का नाम रोशन कर रही है।

By Samanvay PandeyEdited By: Updated: Thu, 07 Jul 2022 11:59 AM (IST)
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Amroha District Hospital : एक नेत्र सर्जन व दोनों रेडियोलॉजिस्ट के स्थानांतरण के बाद बढ़ी दिक्कत
जागरण संवाददाता, अमरोहा। Amroha District Hospital : जिला अस्पताल से दोनों रेडियोलॉजिस्ट व नेत्र सर्जन के स्थानांतरण के बाद अभी तक शासनस्तर से कोई भी नहीं आया है। जिससे मरीजों को मिलने वाली अल्ट्रासाउंड, एक्सरे और आंखों के इलाज व आपरेशन की सुविधा मिलना मुमकिन नही है। जबकि अस्पताल में रोजाना अल्ट्रसाउंड, एक्सरे कराने वाले मरीजों की भीड़ लगी रहती थी। वहीं इकलौते नेत्र सर्जन के बलबूते आंखों का आपरेशन करने में प्रदेश में जिले को दूसरे पायदान पर लाकर खड़ा कर दिया था।

जिला अस्पताल में मरीजों के अल्ट्रासाउंड एक्सरे के लिए दो मशीन लगी हुई हैं। एक मशीन पर रेडियालॉजिस्ट डा. कुलदीप सिंह तो दूसरी मशीन पर रेडियोलाॅजिस्ट डा. आदेश मरीजों का अल्ट्रासाउंड व एक्सरे कर उनकी जांच रिपोर्ट तैयार करते थे। जिसमें सुुबह होते ही दोनों चिकित्सकों के पास मरीजो की लंबी कतार लगी रहती थीं। रोजाना 80 से 100 मरीजों के अल्ट्रासाउंड, 125 से 175 तक डिजिटल एक्सरे होते थे।

जिसमें दोनों चिकित्सक अल्ट्रासाउंड व एक्सरे खींचने के बाद शाम तक उनकी जांच रिपोर्ट तैयार करते थे, लेकिन शासनस्तर से दोनों ही रेडियोलॉजिस्ट का स्थानांतरण हो गया है। जिन्हें कार्यमुक्त करने की तैयारी चल रही है, लेकिन अभी तक शासन द्वारा भेजी गई सूची में अमरोहा के लिए किसी भी रेडियोलॉजिस्ट को भेजा नहीं गया है। हालांकि बरेली से एक रेडियोलॉजिस्ट शीघ्र ही आने की बात कहीं जा रही है।

ऐसे में फिलहाल मरीजों काे मिलने वाली अल्ट्रासाउंड व एक्सरे जैसी सुविधाओं के लिए प्रतीक्षा करनी पड़ेगी। वहीं लगभग 10 साल से नेत्र सर्जन डा. टीपी सिंह जिला अस्पताल में आंंखों के मरीजों को अपनी सेवाएं दे रहे थे। जिसमें इलाज से लेकर बड़ी संख्या में मरीजों का आपरेशन करते थे। अब उनका भी हापुड़ के लिए स्थानांतरण हो गया है। जिससे जिले में अब कोई भी नेत्र चिकित्सक नहीं बचा है। जबकि यहां चार नेत्र चिकित्सक होने चाहिए थे। उनके स्थानांतरण के बाद आंखों के मरीजों को फिलहाल इलाज व आपरेशन की सुविधाएं नहीं मिल पाएंगी।

फार्मासिस्टों का भी टोटा, नये सीएमओ के सामने बनी चुनौती : सरकारी रिकार्ड के मुताबिक समस्त सीएचसी और पीएचसी में अभी तक 41 फार्मासिस्ट अपनी सेवाएं दे रहे थे। जिसमें वह इमरजेंसी में मेडिकल, दवाओं का रखरखाव, मरीजों को इंजेक्शन लगाने व दवाओं की उपलब्ध आदि महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभा रहे थे, लेकिन शासनस्तर से 20 फार्मासिस्टों के स्थानांतरण किया गया है। जिन्हें कार्यमुक्त भी कर दिया है। जबकि शासन से 20 फार्मासिस्ट के बदले महज सात फार्मासिस्ट ही मिले हैं। सरकारी अस्पतालों में फार्मासिस्ट का टोटा होने से नवागत सीएमओ के सामने मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराना चुनौती हो गया है। जबकि नवागत सीएमओ डा. राजीव सिंघल का कहना है कि कम स्टाफ में ही वह मरीजो को बेहतर स्वास्थ्य मुहैया कराएंगे।

क्या कहते हैं अधिकारीः अमरोहा जिला अस्पताल के प्रभारी सीएमएस डॉ. प्रमोद कुमार ने बताया कि नेत्र सर्जन टीपी सिंह के स्थानांतरण के बाद उनकी जगह पर आंखों का चिकित्सक यहां नहीं भेजा गया है। इस संबंध में शनिवार को डीएम से भी मिले थे। नेत्र चिकित्सक भेजने के लिए शासन से मांग की जाएगी। वहीं दोनों रेडियोलॉजिस्ट स्थानांतरण के बाद बरेली से एक रेडियोलॉजिस्ट के आने की उम्मीद है। 

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