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यूपी के इस जिले में योगी सरकार की बड़ी कार्रवाई; 12 बेसिक शिक्षकों की सेवा समाप्त

Moradabad news शासन के संज्ञान में आने के बाद दोबारा शिक्षक भर्ती की नियुक्ति के लिए केवल डीएड विशिष्ट बीटीसी के लिए आवेदन मांगे थे। इनमें भी कुछ ने दोबारा भी आवेदन कर दिया था। शिकायत होने पर जांच हुई तो पूरा फर्जीवाड़ा सामने आ गया। तत्कालीन बीएसए योगेंद्र कुमार ने शासन को रिपोर्ट दी थी। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव और शासन तक मामला पहुंचा।

By Jagran NewsEdited By: Mohammed AmmarUpdated: Wed, 27 Sep 2023 03:53 PM (IST)
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यूपी के इस जिले में योगी सरकार की बड़ी कार्यवाई; 12 बेसिक शिक्षकों की सेवा समाप्त
जागरण संवाददाता,मुरादाबाद : बेसिक शिक्षा विभाग के आठ साल पुराने फर्जीवाड़े के मामले में 12 शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी गई है। इन्होंने 1914-15 में बीटीसी का परिणाम आने से दो दिन पहले आवेदन किया था। जिसमें खुद को बीटीसी प्रशिक्षु बताकर उसके अंक भी भरे थे। विभिन्न स्तर की जांच के बाद फर्जीवाड़े की पुष्टि होने पर शासन स्तर से बर्खास्तगी का आदेश दिया था।

फर्जी अंक भरकर ली थी नौकरी

वर्ष 2014-15 में राज्य में 15000 बेसिक शिक्षकों की भर्ती हुई थी। सहायक अध्यापक पद के लिए जिले के 12 लोगों ने भी आवेदन किया था। नियमानुसार डीएड विशिष्ट बीटीसी आवेदन कर सकते थे। इनका विशिष्ट बीटीसी का परिणाम नहीं आया था, लेकिन इन्होंने परिणाम आने के दो दिन पहले ही खुद को विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षु दर्शा दिया। इसके फर्जी अंक भी भर दिए गए।

इसकी कुछ आवेदकों ने शिकायत की। जिसके आधार पर जिला व शासन स्तर से जांच कराई गई। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव ने पांच सितंबर,2023 को बीएसए को बर्खास्तगी की कार्रवाई करने को कहा था।

बीएसए अजीत कुमार ने प्राइमरी विद्यालय खानपुर बिलारी के अजय कुमार, प्राइमरी विद्यालय कौंदरी की शिखा, प्राइमरी विद्यालय रामनगर गंगपुर के गोविंद रस्तोगी, प्राइमरी विद्यालय एहलादपुर के ऋषिपाल सिंह, प्राइमरी विद्यालय खानपुर मूंढापांडे के पंकज कुमार, प्राइमरी विद्यालय जैतिया सादुल्लापुर में तैनात विनीत यादव समेत 12 सहायक अध्यापकों को बर्खास्त कर दिया है।

काबिलेगौर है कि आवेदन के वक्त जिले में मुन्ने अली बीएसए थे, जबकि नियुक्ति के समय कांता प्रसाद बीएसए जिले में तैनात थे। बीएसए अजीत कुमार ने बताया कि पुराना प्रकरण है। बेसिक शिक्षा परिषद से 12 शिक्षकों को बर्खास्त करने का आदेश मिला था। आदेश का पालन करते हुए शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। इन्होंने विशिष्ट बीटीसी का परिणाम आने से दो दिन पहले आनलाइन आवेदन किया था। जबकि परिणाम से पहले आवेदन नहीं किया जा सकता था।

यह था मामला

वर्ष 2014-15 में 12 शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। आवेदन के वक्त इन्होंने विशिष्ट बीटीसी के फर्जी अंक भरे थे। आवेदन करने के बाद विभाग त्रुटि सुधारने को समय देता है। इसी का लाभ उठाकर परिणाम आने के बाद इन्होंने सही अंक भर दिए। इसके अलावा डीएड विशिष्ट बीटीसी का पहले नियुक्ति के विज्ञापन में उल्लेख नहीं था।

शासन के संज्ञान में आने के बाद दोबारा शिक्षक भर्ती की नियुक्ति के लिए केवल डीएड विशिष्ट बीटीसी के लिए आवेदन मांगे थे। इनमें भी कुछ ने दोबारा भी आवेदन कर दिया था। शिकायत होने पर जांच हुई, तो पूरा फर्जीवाड़ा सामने आ गया। तत्कालीन बीएसए योगेंद्र कुमार ने शासन को रिपोर्ट दी थी। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव और शासन तक मामला पहुंचा। साथ ही लोक अदालत में भी शिकायत की गई।

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