मुरादाबाद में कोरोना टीकाकरण में बड़ी लापरवाही, को-वैैक्सीन की जगह लगवा दी कोवीशील्ड, प्रतिरक्षण अधिकारी निलंबित
मुरादाबाद में कोरोना से बचाव के टीकाकरण में लापरवाही सामने आई है। को-वैक्सीन की जगह कोवीशील्ड इंजेक्शन लगवा दिया गया। मामला तब सामने आया जब कोवीशील्ड की डिमांड की जाने लगी। अधिकारियों ने मामले को दबाने का भी प्रयास किया।
मुरादाबाद, जेएनएन। कोरोना टीकाकरण में बड़ी लापरवाही सामने आई है। फ्रंट लाइन वर्कर्स को लगनी थी को-वैक्सीन और कोवीशील्ड लगा दी गई। इतना ही नहीं इस लापरवाही पर स्वास्थ्य अधिकारियों को गुमराह भी किया जाता रहा। जांच में जब मामला पकड़ में आया तो कांठ प्रतिरक्षण अधिकारी की लापरवाही सामने आ गई। सीएमओ ने तत्काल उन्हें निलंबित कर दिया। इसके साथ ही अन्य कर्मचारियों को भी चेतावनी दी गई है कि कमी मिलने पर कार्रवाई होगी।
कोरोना संक्रमण से मुकाबले के लिए केंद्र और राज्य सरकार गंभीर है। टीकाकरण के बाद एक-एक टीके की जानकारी की जा रही है। इसकी रिपोर्ट जिले से मंडल मुख्यालय और वहां से महानिदेशक स्वास्थ्य को भेजी जा रही है। वहां से केंद्र में पूरी जानकारी दी जा रही है। इसके बाद भी लापरवाही सामने आने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। 12 फरवरी के टीकाकरण में सभी सेंटरों पर देसी टीका को-वैक्सीन लगाने के निर्देश थे। लेकिन, कांठ प्रतिरक्षण अधिकारी भगवान सिंह ने 85 फ्रंट लाइन वर्कर्स कोवीशील्ड लगवा दी। इन सभी को पहली बार डोज लगाई गई थी। मामला पकड़ में आने के बाद मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एमसी गर्ग ने जांच बैठा दी। लापरवाही की पुष्टि होने पर उन्हें तत्काल निलंबन के निर्देश दे दिए गए।
जिला स्तर पर मामले को दबाने का होता रहा प्रयास
12 फरवरी को फ्रंट लाइन वर्कर्स को देसी टीका कोवैक्सीन लगाई जानी थी। कांठ प्रतिरक्षण अधिकारी भगवान सिंह की लापरवाही सामने आने के बाद तत्काल जानकारी स्वास्थ्य महानिदेशक कार्यालय को दी गई। प्रतिरक्षण अधिकारी की कमी आने पर मामले को दबाने का प्रयास हुआ तो महानिदेशक कार्यालय से कार्रवाई से कम में बात नहीं बनी। इस वजह से 16 फरवरी की शाम विभागीय कार्रवाई की गई। साथ ही चेतावनी भी दी गई कि लापरवाही पर कार्रवाई करने में समय न लगाएं।
70 फ्रंट लाइन वर्कर्स को कोवीशील्ड लगाई गई है। एक-एक बॉयल का हिसाब रखा जा रहा है। डिमांड के आधार पर पहले पूरी रिपोर्ट स्टडी की जा रही है। उसके बाद ही उन्हें बॉयल भेजी जाती है। जांच में लापरवाही की पुष्टि होने पर निलंबन की कार्रवाई की गई है। कोवीशील्ड जिन लोगों को लगी है। उन्हें दूसरा टीका भी कोवीशील्ड का ही लगाया जाएगा। इसका इंतजाम कर दिया गया है। टीके से कोई नुकसान नहीं है। विभागीय लापरवाही पर कार्रवाई की गई है।
डॉ. एमसी गर्ग, मुख्य चिकित्सा अधिकारी
अस्पताल का नाम, टीका 11 फरवरी, टीका 12 फरवरी
केंद्रीय पुलिस चिकित्सालय, 71, 229,
जिला महिला चिकित्सालय, 75, 96,
जिला पुरुष अस्पताल, 76, 100,
सीएचसी भोजपुर, 00, 167,
सीएचसी बिलारी, 102, 153,
सीएचसी डिलारी, 97, 114,
सीएचसी कुंदरकी, 99, 103,
सीएचसी कांठ, 92, 85,
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