Moradabad Riots: बीजेपी को मिला ब्रह्मास्त्र, कटघरे में कांग्रेस; राहुल ने मुस्लिम लीग को बताया था सेक्युलर
Moradabad Riots 1980 से सांप्रदायिक बताए जा रहे इसे दंगे में आयोग ने भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को क्लीन चिट देते हुए मुस्लिम लीग की साजिश करार दिया है। इसी मुस्लिम लीग को हाल ही में अमेरिका में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सेक्युलर बताया था। ऐसे में कांग्रेस इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस (I.N.D.I.A) के लिए भी मुसीबत बन सकती है।
Moradabad Riots- संजय रुस्तगी, मुरादाबाद: 43 साल बाद आई मुरादाबाद दंगे की रिपोर्ट ने भाजपा के हाथों 2024 के चुनाव के लिए बैठे-बैठाए "ब्रह्मास्त्र" दे दिया है। जबकि, कांग्रेस सरकार में हुए इस दंगे की जांच रिपोर्ट ने उसे ही कठघरे में खड़ा कर दिया है।
1980 से सांप्रदायिक बताए जा रहे इसे दंगे (Moradabad Riots) में आयोग ने भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को क्लीन चिट देते हुए मुस्लिम लीग की "साजिश" करार दिया है। इसी मुस्लिम लीग (Muslim League) को हाल ही में अमेरिका में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सेक्युलर बताया था।
ऐसे में कांग्रेस इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस (I.N.D.I.A) के लिए भी मुसीबत बन सकती है। 2024 के लोकसभा चुनाव से कुछ माह पहले सार्वजनिक की गई दंगे की रिपोर्ट में 43 साल पुराने रहस्य का पटाक्षेप हो गया है।
साफ है कि मुस्लिम मतों पर वर्चस्व की जंग को लेकर मुस्लिम लीग (Muslim League) के नेता डा. शमीम अहमद और उनके सहयोगियों ने जिले को दंगे की आग में झोंका था। उनकी राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता भी अन्य पार्टियों के मुस्लिम नेताओं से थी।
इसी कारण डा. शमीम कई बार चुनाव लड़ने के बाद भी जीत नहीं पा रहे थे। हालांकि उस समय तत्कालीन कांग्रेस सरकार और मुस्लिम लीग की राह अलग थी।
डा. शमीम के विरुद्ध कार्रवाई भी की गई, लेकिन सांप्रदायिक दंगे के नाम पर उन्होंने सहानुभूति बटोरी। वह 1989 में जनता दल से विधायक बन गए। इसी मुस्लिम लीग को हाल ही में अमेरिका दौरा पर गए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सेक्युलर बताया था।
सांथ ही दंगे (Moradabad Riots) को कांग्रेस सरकार में ही इसे सांप्रदायिक रूप दिया गया था। रिपोर्ट में संघ और भाजपा की भूमिका नहीं मिली है। लिहाजा भाजपा को कांग्रेस के विरुद्ध इस मुद्दे को कैश कर सकता है। इधर, दंगे के 43 साल बाद योगी सरकार (Yogi Government) ने ही इसे सार्वजनिक किया है।