पश्चिमी यूपी में 2014 दोहराने की जुगत में भाजपा, जयन्त और प्रमोद कृष्णन को साथ लाना पार्टी की रणनीति का अहम हिस्सा
लोकसभा चुनाव में 400 पार का नारा लेकर चल रही भाजपा पश्चिम उत्तर प्रदेश में हर कीमत पर 2014 के परिणाम को दोहराना चाहती है। इसी रणनीति के तहत रालोद प्रमुख जयन्त चौधरी को राजग में लाना और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के श्रीकल्कि धाम के शिलान्यास समारोह में शामिल होना भी है। दरअसल 2014 में पार्टी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सभी 14 सीटों पर जीत हासिल की थी।
संजय रुस्तगी, मुरादाबाद। लोकसभा चुनाव में 400 पार का नारा लेकर चल रही भाजपा पश्चिम उत्तर प्रदेश में हर कीमत पर 2014 के परिणाम को दोहराना चाहती है। इसी रणनीति के तहत रालोद प्रमुख जयन्त चौधरी को राजग में लाना और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के श्रीकल्कि धाम के शिलान्यास समारोह में शामिल होना भी है।
दरअसल, 2014 में पार्टी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सभी 14 सीटों पर जीत हासिल की थी। 2019 के चुनाव में यह सीटें आधी रह गई थीं। हारी हुईं पश्चिम यूपी की सात सीटों में छह मुरादाबाद मंडल की थीं।
पश्चिमी यूपी में हावी रहता है मुस्लिम फैक्टर
पश्चिम उत्तर प्रदेश में अन्य के साथ मुस्लिम फैक्टर भी हावी रहता है। 2014 में सपा-बसपा की राहें अलग होने का लाभ भाजपा को मिला था। पीएम मोदी के चार सौ पार का नारा देने के बाद पार्टी इस दिशा में तेजी से जुट गई है।उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक चुनौती पश्चिमी उत्तर प्रदेश को माना जाता रहा है। मुरादाबाद, अमरोहा और संभल में मुस्लिमों के साथ-साथ जाट भी निर्णायक भूमिका में हैं। सहारनपुर और मेरठ मंडल की राजनीति भी इन्हीं के आसपास रहती है।
पार्टी ने भूपेन्द्र चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर पहले ही जाट मतों को अपने पक्ष में करने की रणनीति को अंजाम दे दिया था। रही-सही कसर जयन्त के आने से पूरी होने की उम्मीद है।
मुरादाबाद मंडल में पार्टी का फोकस
राम मंदिर के उद्घाटन के बाद संभल में श्रीकल्कि धाम के शिलान्यास होने से हिंदू मतों के छिटकने की गुंजाइश भी पार्टी खत्म करना चाहती है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री का चुनावी दौरा बुलंदशहर के बाद मुरादाबाद मंडल में कराकर पार्टी साफ करना चाहती है कि यहां भी पार्टी का पूरा फोकस है।
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