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अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकाप्‍टर घोटाले में फंसे पूर्व रक्षा सचिव के भाई बोले- वह बेहद ईमानदार, नहीं कर सकते घोटाला

अगस्ता वेस्ट लैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले में सीबीआइ की ओर से दाखिल की गई दूसरी चार्जशीट में पूर्व रक्षा सचिव शशिकांत शर्मा का नाम आने के बाद एक बार फिर शहर का नाम सुर्खियों में छाया हुआ है।

By Vivek BajpaiEdited By: Updated: Fri, 18 Mar 2022 09:30 AM (IST)
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अगस्ता वेस्ट लैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले में सीबीआइ की ओर से चार्जशीट दाखिल की गई है

सम्‍भल, जेएनएन। मेरे भाई ईमानदार हैं। वह कभी कोई घोटाला नहीं कर सकते हैं। इसी ईमानदारी के कारण इतना जल्दी उनको ऐसे पदों पर आसीन किया गया है। यह बात अगस्ता वेस्ट लैंड वीवीआइपी हेलीकाप्टर घोटाले में फंसे पूर्व रक्षा सचिव महालेखा परीक्षक और नियंत्रक शशिकांत शर्मा के छोटे भाई लक्ष्मीकांत ने कही। वह चन्‍दौसी के बूढ़ी माता मुहल्ला स्थित मकान पर मौजूद थे। बताया कि नौकरी के बाद से ही वह बाहर रहते हैं और दिल्ली में उन्होंने अपना मकान बना रखा है। आजकल वह अपने बेटे के पास विदेश में हैं। वर्ष 2019 में अपनी भतीजी नंदनी की शादी में शामिल होने के लिए आए थे।

अगस्ता वेस्ट लैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले में सीबीआइ की ओर से दाखिल की गई दूसरी चार्जशीट में पूर्व रक्षा सचिव शशिकांत शर्मा का नाम आने के बाद एक बार फिर शहर का नाम सुर्खियों में है। हर किसी की जुबान पर इसी बात की चर्चा है कि जिनकी ईमानदारी की कभी शहर में मिसाल दी जाती थी, आज उन्हीं को घोटाले में आरोपित बनाया गया है। यह बात उनके परिवार के लोगों के साथ शहर के लोगाें के गले नहीं उतर रही है। पूर्व रक्षा सचिव के पुस्तैनी घर में भले ही सन्नाटा पसरा हुआ हो लेकिन हर किसी की निगाह उसी घर पर टिकी हुई हैं क्योंकि वक्त था 1967 का, जब चन्दौसी के बेटे ने हाई स्कूल में पूरे उत्तर प्रदेश में टाप करके नगर के नाम को पूरे उत्तर प्रदेश में रोशन कर दिया था।

शशिकांत शर्मा के दो भाई प्रफुल्ल रंजन और लक्ष्मीकांत हैं। जो बूढ़ी माता स्थित पुस्तैनी घर में रहते हैं। लक्ष्मीकांत ने दैनिक जागरण से हुई बातचीत में कहा कि मेरा भाई कभी भी घोटाला नहीं कर सकता। उनकी हमेशा से ईमानदारी वाली तथा स्वच्छ छवि रही है। अगर उनकी छवि इतनी अच्छी नहीं होती तो क्या उन्हें इतना अहम पद दिया जाता। उन्होंने बताया कि जिस समय वह बिहार में जिलाधिकारी थे तो उनकी तेज तर्रार वाली छवि से भी सभी परिचित हैं। आपको बता दें कि पूर्व रक्षा सचिव का चन्दौसी से बेहद लगाव रहा है। वह सेवानिवृत्‍त होने के पहले और बाद में भी कई बार यहां आ चुके हैं। वर्ष 2001 में पिता और 2003 में माता के निधन में भी आए थे। वर्ष 2019 में अपनी भतीजी की शादी में भी वह शामिल हुए थे।