Move to Jagran APP

प्रमोशन के खेल में फंसे सीएफओ, जांच के दायरे में एफएसओ भी आए

लिपिक संजय कुमार ने अपनी तैनाती के दौरान 19 दिसंबर 2022 से एसएसपी द्वारा सशस्त्र पुलिस फायर सर्विस.एलआईयू. उर्दू अनुवादक. व चतुर्थ श्रेणी एवं भवन लिपिक से सबंधित पटल का काम देख रहे थे।उन्होंने 15 जनवरी 2023 को जारी शासन की एक फर्जी अधिसूचना का हवाला देते हुए अग्निशमन विभाग में लीडिंग फायरमैन/फायर सर्विस चालक के पद पर तैनात आठ फायरकर्मियों को एएसआई के पद पर प्रमोशन दिलवा दिया था।

By Ritesh DwivediEdited By: Mohammed AmmarUpdated: Fri, 07 Jul 2023 02:08 AM (IST)
Hero Image
प्रमोशन के खेल में फंसे सीएफओ, जांच के दायरे में एफएसओ भी आए
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद : अग्निशमन विभाग ने अनिमित्तओं के आरोप में सीएफओ मुरादाबाद सुभाष चौधरी को बुधवार को निलंबित कर दिया था। इस मामले में उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं। फर्जी पत्र पर आठ फायर कर्मियों को पदोन्नति प्रदान करने के मामले में सिविल लाइंस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

इस प्राथमिकी में अभी तक किसी भी फायर कर्मी का नाम नहीं खोला गया है। लेकिन सीएफओ के निलंबन के बाद इस मामले की विवेचना में तेजी आएगी। प्रमोशन के इस फर्जीवाड़े की जद में सीएफओ के साथ ही एफएसओ व अन्य फायर कर्मी भी आएंगे।

बीते दो जून को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय में तैनात प्रधान लिपिक मुकेश कुमार मलिक की तहरीर के आधार पर सिविल लाइंस थाना पुलिस ने एक सहायक लिपिक व आठ फायर कर्मियों के खिलाफ धोखाधड़ी. अपराधिक साजिश व जालसाजी के मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी।

एसएसपी कार्यालय में 2018 से मार्च 2023 तक वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के कार्यालय संजय कुमार लिपिक के पद पर तैनात थे। मौजूदा समय में वह पीएसी मुख्यालय लखनऊ अनुभाग एक में तैनात हैं।

लिपिक संजय कुमार ने अपनी तैनाती के दौरान 19 दिसंबर 2022 से एसएसपी द्वारा सशस्त्र पुलिस फायर सर्विस.एलआईयू. उर्दू अनुवादक. व चतुर्थ श्रेणी एवं भवन लिपिक से सबंधित पटल का काम देख रहे थे। इसी दौरान उन्होंने 15 जनवरी 2023 को जारी शासन की एक फर्जी अधिसूचना का हवाला देते हुए अग्निशमन विभाग में लीडिंग फायरमैन/फायर सर्विस चालक के पद पर तैनात आठ फायरकर्मियों को एएसआई के पद पर प्रमोशन दिलवा दिया था। बाबू ने शासन के आदेश को सही बताते हुएं एसएसपी के सामने पेश किया था। उसी के आधार पर तीन मार्च 2023 को प्रमोशन आदेश जारी करा लिया।

हालांकि इस आदेश के फर्जी होने के संबंध में पूर्व में सूचना शासन से भेजी गई थी। इसके बाद भी पटल में तैनात बाबू और सीएफओ ने एसएसपी को गुमराह करते हुए आदेश जारी करवा लिया। इसके साथ ही फायर कर्मियों के कंधे पर स्टार भी लगा दिए गए। इस मामले की शिकायत शासन में की गई। जिसके बाद अग्निशमन विभाग के महानिदेशक अविनाश चंद्र ने जांच के आदेश दिए।

जांच में एसएसपी कार्यालय में तैनात रहे बाबू संजय कुमार और आठ लीडिंग फायरमैन दोषी पाया गया। शासन के निर्देश पर एसएसपी हेमराज मीना ने प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिए। इस मामले में आरोपित लिपिक संजय कुमार व आठ फायर कर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई। इसी मामले में सीएफओ सुभाष चौधरी को दोषी मानते हुए निलंबन की कार्रवाई की गई।

पुलिस अफसरों के अधिकार क्षेत्र से बताया बाहर

कुछ माह पहले सीएफओ सुभाष चौधरी ने खुद को एसएसपी के अधिकार क्षेत्र से खुद को बाहर बता दिया था। इसके साथ ही पुलिस की बैठकों में जाने से भी इन्कार कर दिया था। एसपी सिटी के निरीक्षण पर आपत्ति दर्ज कराई थी।

उनके खिलाफ अनाधिकृत भवनों की एनओसी जारी करने,फायर सयंत्र लगवाने के लिए चिन्हित दुकानदार से खरीददारी करने का दबाव बनाने के साथ ही अन्य कई आरोप लगे थे। इस मामले में शासन में भी शिकायत भेजी गई थी। इन शिकायतों के बाद आनन-फानन में जिन अनाधिकृत भवनों को एनओसी जारी हुई थी,उन्हें नोटिस जारी करके मामले को रफादफा करने का प्रयास भी हुआ।

पुलिस की जांच में कई नाम प्रकाश में आए

फायर कर्मियों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी की जांच सिविल लाइंस पुलिस के द्वारा की जा रही है। सीओ सिविल लाइंस अर्पित कपूर ने बताया कि साक्ष्य संकलन की कार्रवाई की जा रही है। जांच में अभी कुछ नाम प्रकाश में आए हैं,उनकी तस्दीक करने की कार्रवाई की जा रही है। प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जो भी इस मामले में संलिप्त होगा,उनके नाम जांच के आधार पर चार्जशीट में बढ़ाए जाएंगे।

सीएफओ के खिलाफ शिकायत मिली थी। जिस पर जांच के आदेश मुख्यालय से दिए गए थे। जांच रिपोर्ट के आधार पर निलंबन की कार्रवाई शासन स्तर से की गई है। अन्य शिकायतों पर भी जांच की जा रही है। जो भी लोग संलिप्त होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

जुगल किशोर,डीआइजी,अग्निशमन मुख्यालय,लखनऊ

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।