Move to Jagran APP

Moradabad News: खेल रहा था अयांश अचानक नीचे गिरा और हो गई मौत, परिवार में मचा कोहराम, डाक्टर ने बताई ये वजह

Moradabad News In Hindi लालबाग के अड़ियल महादेव मंदिर वाली गली में हुई घटना lचिकित्सकों के अनुसार जेनेटिकल परेशानी वाले स्वजन कराएं जांच। कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक में काफी अंतर है। जब हृदय तक रक्त पहुंचने में रुकावट होती है तब हार्ट अटैक आता है लेकिन कार्डियक अरेस्ट में हृदय अचानक से कार्य करना बंद कर देता है। ऐसा होने पर कुछ भी हो सकता है।

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Mon, 22 Jan 2024 03:17 PM (IST)
Hero Image
घर में खेलते हुए बच्चे की मौत, कार्डियक अरेस्ट की संभावना, अयांश का फाइल फोटोl स्रोत स्वजन
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। शादी के बाद भगवान से बच्चे की कामना की... भगवान ने भी झोली भर दी। बेटे के जन्म से विष्णु प्रजापति का घर खुशियों से भर गया। हर कोई बच्चे को गोद में खिलाकर उसके साथ बच्चा बन जाता। शनिवार को एक वर्षीय बच्चे की खेलते-खेलते हुई मौत से घर में मातम छा गया।

बच्चे की मौत का कारण किसी को नहीं पता। हालांकि चिकित्सक ने सडन कार्डियक अरेस्ट यानी अचानक दिल की धड़कन रुकने से मौत होने की संभावना जताई है।

ये भी पढ़ेंः Agniveer Bharti: युवाओं के लिए अच्छी खबर, बस कुछ दिन बाद फिर शुरू होगी अग्निवीर भर्ती, यहां करना होगा पहले आवेदन

अमरोहा में भी शुक्रवार को इसी प्रकार की घटना हो चुकी है। लालबाग के अड़ियल महादेव मंदिर वाली गली के रहने वाले विष्णु प्रजापति पेशे से दवा कंपनी में एमआर हैं। उनका एक साल का बेटा अयांश घर में खेल रहा था। मां प्रीति घर का काम कर रहीं थीं। अयांश खेलते-खेलते अचानक फर्श पर गिर गया, उसके नाक और मुंह से झाग निकलने लगे।

बच्चे को लेकर चिकित्सक के पास पहुंचे तो उन्होंने मृत घोषित कर दिया। बच्चे की मौत का कारण किसी को समझ नहीं आ रहा था। चिकित्सक ने सडन कार्डियक अरेस्ट से मौत होने की आशंका जताई है।

अमरोहा के हसनपुर में पांच वर्षीय कामनी की मोबाइल देखते समय सडन कार्डियक अरेस्ट से मौत हो चुकी है। चिकित्सकों के अनुसार अगर जेनेटिकल हार्ट डिजीज की जानकारी हो तो गर्भावस्था के दौरान जांच करके उपचार कराया जा सकता है।

फ्रीटल इको से मिलेगी हृदय रोग की जानकारी

वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डा. अनुराग मेहरोत्रा बताते हैं कि आधुनिक चिकित्सा पद्धति के चलते बीमारी के बारे में समय रहते पता लगाया जा सकता है। कंजेनाइटल हार्ट डिजीज में कार्डियक अरेस्ट के ऐसे मामले सामने आते हैं। जिन परिवारों में बच्चों की मौत की कोई हिस्ट्री रही हो तो वे गर्भावस्था के दौरान फ्रीटल इको के माध्यम से जानकारी कर सकते हैं। इससे बच्चे के दिल में छेद या अन्य दिक्कत का पता लगाया जा सकता है। जिससे समय रहते परेशानी को दूर किया जा सके।

बच्चा डर जाए तो दोगुणा हो जाती है धड़कन

हृदय रोग विशेषज्ञ डा. नितिन अग्रवाल ने बताया कि कुछ बच्चों में सडन कार्डियक अरेस्ट के संभावना होती है। ऐसे बच्चों में पहले से ह्रदय से जुड़ी दिक्कत होती है। ऐसे हालात में बच्चा अगर डर जाए या अन्य किसी चीज पर उसकी धड़कन सामान्य से दोगुणा हो जाए तो सडन कार्डियक अरेस्ट के चांस बढ़ जाते हैं। कुछ मामलों में तो पांच से छह मिनट में ही मौत हो जाती है।

अगर परिवार में किसी पहले कभी इस तरह के मामले देखने को मिलते हों तो परिवार के बच्चों की जांच जरूर कराएं। कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक में अंतर: चिकित्सा विज्ञान में कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक दो अलग-अलग टर्म हैं। दोनों के प्रकार और लक्षण भी भिन्न होते हैं।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।