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Moradabad: प्रधान समेत परिवार के चार सदस्यों की हत्या के दोषियों को आजीवन कारावास, संभल के गांव में हुआ था हत्याकांड

संभल के कुढ़ फतेहगढ़ थाना क्षेत्र के छाबड़ा गांव की प्रधान शकुंतला की बेटी रुचि सिंह ने नौ नवंबर 2016 हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि शाम करीब साढ़े सात बजे में वह घर में खाना बना रही थी। घर के बाहर के कमरे में पिता विशंभर सिंह लेटे हुए थे। जबकि मां शकुंतला व भाई सुशील और सुनील घर के अंदर थे।

By Tarun Parashar Edited By: Vinay Saxena Updated: Fri, 22 Dec 2023 07:20 PM (IST)
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कोर्ट ने हत्याकांड को अंजाम देने वाले दो सगे भाईयों समेत चार दोषियों को सुनाई आजीवन कारावास की सजा।

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। संभल जनपद के कुढ़ फतेहगढ़ थाना क्षेत्र के छाबड़ा गांव में चुनावी रंजिश में प्रधान उनके पति और दो बेटों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। चुनाव हारने के लगभग एक साल बाद इस हत्याकांड को अंजाम दिया था। शुक्रवार को एडीजे तीन की कोर्ट ने इस हत्याकांड को अंजाम देने वाले दो सगे भाईयों समेत चार दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही प्रत्येक दोषी पर दो-दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया।

संभल के कुढ़ फतेहगढ़ थाना क्षेत्र के छाबड़ा गांव की प्रधान शकुंतला की बेटी रुचि सिंह ने नौ नवंबर 2016 हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि शाम करीब साढ़े सात बजे में वह घर में खाना बना रही थी। घर के बाहर के कमरे में पिता विशंभर सिंह लेटे हुए थे। जबकि मां शकुंतला व भाई सुशील और सुनील घर के अंदर थे। तभी बाहर के कमरे में गोली चलने की आवाज आई।

आवाज सुनते ही दोनों भाई और मां दौड़कर कमरे में पहुंचे। वहां पर गांव के अमन, सुरेश अपने बेटे गोविंदा, महेश, बेटी प्रियंका व गुड्डू, कृष्ण पाल सिंह उर्फ केपी, विपिन कुमार, डबलू और पवन उर्फ विपिन हथियारों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर रहे थे। आरोपितों ने पिता विशंभर, गांव की प्रधान मां शकुंतला, भाई सुनील और सुशील की गोली मारकर हत्या कर दी थी।

पुलिस ने 13 आरोपितों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। इस मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संख्या तीन एडीजे सरोज यादव की कोर्ट में चल रही थी। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता मुनीष भटनागर ने बताया कि दोनों पक्षों को सुनने के बाद महेश, उसके भाई सुरेश, कृष्णपाल उर्फ केपी, विपिन उर्फ पवन को हत्या का दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही प्रत्येक दोषी पर दो-दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।

गवाहों के विरोधाभाषी बयान के चलते छह आरोपित दोषमुक्त

शासकीय अधिवक्ता मुनीष भटनागर ने बताया कि इस मामले में छह आरोपित गोविंदा, दुष्यंत, अमन, प्रियंका और विपिन कुमार को कोर्ट ने दोष मुक्त किया है। इन आरोपितों के खिलाफ गवाहों ने जो बयान दर्ज कराए वह विरोधाभाषी थे। जिसके चलते संदेह होने और ठोस साक्ष्य नहीं होने पर इन आरोपितों को कोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया। इस मामले में एक नाबालिग आरोपित का मामला किशोर न्याय बोर्ड को प्रेषित किया गया है। 

दोनों बेटियों के बयान को कोर्ट ने माना अहम

छावड़ा गांव में जिस दिन घटना को अंजाम दिया गया था,उस दिन मृतक प्रधान शंकुतला की दोनों बेटियां घर पर मौजूद थी। भाईदूज पर टीका करने के लिए बहन रुचि और सुरुचि घर आई थी। दूज के बाद दोनों बहने घर पर रुक गई थी। त्योहार के दो दिन बाद ही इस घटना को अंजाम दिया गया था। कोर्ट में पेश होकर दोनों बहनों ने दोषियों के खिलाफ बयान दर्ज कराए थे। कोर्ट ने इन्हीं दोनों बहनों के बयान को मजबूत मानते हुए दोषियों का सजा सुनाई। इस मामले में कुल 20 गवाह कोर्ट में पेश हुए थे।

फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में करेंगे अपील

वादी पक्ष के अधिवक्ता पीके गोस्वामी ने इस जघन्य हत्याकांड में छह दोषियों को संदेह का लाभ मिला है। जबकि पीड़ित पक्ष इस फैसले पर असहमत हैं। उन्होंने कहा कि पीड़ित दोषमुक्त किए गए छह आरोपितों के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेगा। इसके साथ ही सभी दोषियों को फांसी की सजा दिलाने की मांग की जाएगी।