Moradabad: मुखाग्नि के लिए आपस में भिड़े बेटे, 4 पुत्र 3 पौत्र फिर भी हर्षिता ने पूरी की दादा की अंतिम इच्छा
Moradabad News कचहरी आते वक्त रास्ते में हार्टअटैक से हुई थी मौत। चार बेटों के होते हुए नातिन ने दादा को अग्नि दी। अंतिम संस्कार के दौरान झगड़ने पर पहुंची थी पुलिस। पौत्री ने पूरी की दादा की अंतिम इच्छा।
मुरादाबाद, जागरण टीम। मुरादाबाद जिले में भगतपुर के लालपुर बाराही गांव में 13 साल की पौत्री ने दादा की अंतिम इच्छा पूरी करते हुए श्मशान पहुंचकर मुखाग्नि दी। परंपराओं को तोड़ने पर मृतक के दो बेटे आपस में लड़ने लगे। इस दौरान दादी ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस के सामने मृतक की पत्नी ने पति की अंतिम इच्छा की जानकारी देते हुए पौत्री से मुखाग्नि देने की जानकारी दी। जिसके बाद पुलिस की मौजूदगी में 13 साल की पौत्री ने अपने दादा गंगाराम के शव को मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार किया।
गंगाराम का भरापूरा है परिवार
हालांकि गंगाराम के परिवार में चार बेटे, दो बेटियों के साथ ही तीन पौत्र और पांच पौत्रियां हैं। इसके बाद भी उन्होंने पत्नी नेमवती से उनके साथ रहने वाली 13 वर्षीय पौत्री हर्षिता से मुखाग्नि अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए कहा था। इस नई परंपरा को देखकर गांव में भी इन दिनों गंगाराम की अंतिम इच्छा और उनके परिवार को लेकर चर्चा का माहौल बना हुआ है।
एक बेटा जेल में
मृतक गंगाराम की पत्नी नेमवती ने बताया कि उनका एक बेटा सुधीर फौजी अपने भाई जितेन्द्र की हत्या में जेल में बंद हैं। मौजूदा समय में उसकी पत्नी कोमल और उसकी दो बेटियां हर्षिता और मन्नी ही दादा-दादी की सेवा करती हैं। जबकि दोनों बेटे माता-पिता से मतलब नहीं रखते हैं। इसी के चलते गंगाराम ने अपने बेटों की जगह पौत्री के माध्यम से मुखाग्नि की अंतिम इच्छा व्यक्त की थी। पौत्री हर्षिता ने दादा को मुखाग्नि देकर अंतिम इच्छा पूरी की है।
तारीख पर कचहरी आते थे गंगाराम
हत्या के मामले में थे आरोपित, कोर्ट में थी पेशी हत्या के मामले में मृतक गंगाराम भी आरोपित थे। प्रत्येक तारीख में वह कचहरी आते थे। बीते 11 जनवरी को सुबह वह कचहरी में पेशी के लिए आ रहे थे। रास्ते में हृदयाघात से मृत्यु हो गई। भगतपुर थाना क्षेत्र के लालपुर वाराही गांव में छह अगस्त 2014 को उत्तराखंड के काशीपुर कोतवाली में तैनात होमगार्ड जितेंद्र सिंह का जमीन के बंटवारे को लेकर बीएसएफ में तैनात अपने ही बड़े भाई सुधीर सिंह से विवाद हो गया था।
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आरोप है कि बड़े भाई सुधीर सिंह ने पिता गंगाराम की लाइसेंसी बंदूक से गोली मारकर जितेंद्र सिंह की हत्या कर दी थी। इसी मामले में मृतक की पत्नी सरोज देवी ने देवर सुधीर सिंह को मुख्य आरोपित बनाने के साथ ही ससुर गंगाराम, सास नेमवती, देवरानी कोमल, ननद रीना उर्फ राकेश के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई थी। मौजूदा समय में मुख्य आरोपित सुधीर सिंह जिला कारागार में बंद हैं।