नशे का जंक्शन बना मुरादाबाद स्टेशन
नशे का कारोबार करने वालों ने मुरादाबाद स्टेशन को नशे का जंक्शन बना लिया है।
मुरादाबाद : नशे का कारोबार करने वालों ने मुरादाबाद स्टेशन को नशे का जंक्शन बना लिया है। तस्कर बिहार, पश्चिम बंगाल, पूर्वोत्तर राज्यों से नशीला पदार्थ लेकर ट्रेन से मुरादाबाद आते हैं। यहां से दिल्ली, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इनकी आपूर्ति करते हैं। एक साल से भी कम समय में जीआरपी ने तीन मामले पकड़े हैं। कई राज्यों से लाते हैं नशा
अफीम, स्मैक, चरस, गांजा पूर्वोत्तर राज्यों, पश्चिम बंगाल, बिहार के नेपाल की सीमा से जुड़े क्षेत्रों में पैदा की जाती है। इन क्षेत्रों में चरस के पौधे जंगली घास की तरह उगते हैं। नशे का कारोबार करने वाले देश के विभिन्न क्षेत्रों तक नशीला पदार्थ को भेजने में ट्रेन का इस्तेमाल करते हैं। अफीम व स्मैक लेकर चलने वाले तो राजधानी, सुपरफास्ट जैसी ट्रेनों में एसी टू में सफर करते हैं। चरस गांजा लेकर चलने वाले एसी थ्री व स्लीपर में सफर करते हैं। पकड़े जाने के बाद तस्करों ने नशीला पदार्थ ले जाने का तरीका बदल दिया है। अब पुरुष के स्थान पर महिलाओं के जरिये नशीला पदार्थ भेजा जाता है। महिला जनरल बोगी या जनरल टिकट लेकर स्लीपर कोच में सफर करती हैं। 22 से अधिक मामले पकड़े गए
पिछले 13 सालों में 22 से अधिक मामले मुरादाबाद में पकड़े गए हैं। एक साल से कम समय में तीन मामले पकड़े गए हैं। कारोबारी गरीब परिवार की युवती व महिला को फंसाते हैं और गंतव्य तक नशा पहुंचाने पर दस हजार रुपये तक देते हैं। इसी लालच में न्यू जलपाइगुड़ी की रहने वाली सगी बहनें गंगा सरकार व बीना सरकार पांच किलो नशीला पदार्थ के साथ गिरफ्तार हो चुकी हैं। दोनों अभी मुरादाबाद जेल में बंद हैं। मुरादाबाद में बदलते हैं ट्रेन
जीआरपी इंस्पेक्टर पंकज पंत का कहना है कि बिहार, पूर्वोत्तर राज्यों व पश्चिमी बंगाल से काफी ट्रेनें मुरादाबाद आती हैं। इनमें नशीला पदार्थ लेकर तस्कर मुरादाबाद आते हैं, यहां से ट्रेन बदलकर दिल्ली, पंजाब, और हरियाणा चले जाते हैं। मुरादाबाद जीआरपी की गई कार्रवाई
8 अगस्त वर्ष 2005 : चरस के साथ दो गिरफ्तार, 1 जनवरी 2006: बिहार से दो किलो गांजा लेकर आ रहा एक गिरफ्तार। 2 फरवरी 2006: चरस के साथ एक गिरफ्तार। 19 मई 06 : अवध असम एक्सप्रेस से कूच बिहार (असम) से 66 किलो गांजे के साथ एक पुरुष व पांच महिलाएं गिरफ्तार। 20 नवंबर 2006 : दस किलो डूडा चूरन के साथ दो गिरफ्तार। 2 फरवरी 2007: दो किलो गांजा के साथ एक गिरफ्तार। 11 जनवरी 2008 : 12 किलो गांजा के साथ दो गिरफ्तार। 4 मार्च 2008: 16 किलो भांग के साथ तीन गिरफ्तार। 2 अप्रैल 2008 : चरस के साथ बिचौलिया गिरफ्तार। 10 अगस्त 2008: पांच किलो डोडा चूरन के साथ व्यापारी गिरफ्तार। 21 अक्टूबर 2008 : 16 किलो डोडा चूरन के साथ तीन व्यापारी गिरफ्तार। 3 नवंबर 2008: छह किलो डोडा चूरन के साथ व्यापारी गिरफ्तार। 6 नवंबर 2008: दो किलो डोडा के साथ व्यापारी गिरफ्तार। 8 नवंबर 2008: दो किलो डोडा के साथ एक गिरफ्तार। 21 नवंबर 2008: चार किलो गांजा के साथ बिचौलिया गिरफ्तार। 22 नवंबर : चार किलो डोडा के साथ एक गिरफ्तार। 25 नवंबर 2008: एक किलो चरस से साथ एक गिरफ्तार। 24 फरवरी 2009: दो किलो गांजा के साथ बिहार का बिचौलिया गिरफ्तार। 31 अक्टूबर 2009 : मणीपुर से एक किलो स्मैक (जिसकी कीमत एक करोड़ है) लाते हुए तीन गिरफ्तार 29 दिसंबर 2017: पश्चिम बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी से पांच किलो चरस लाते हुए दो सगी बहनें गिरफ्तार। 19 जनवरी 2018 : बिहार की महिला साढ़े तीन किलो चरस के साथ गिरफ्तार। 21 सितंबर 2018 : बिहार की बेतिया से ढाई किलो चरस लगाते हुए महिला गिरफ्तार, जिसकी कीमत दो लाख रुपये से अधिक है।